अपडेट: बिहार के डीजीपी की जॉंच के बाद हम सूचनाओं को अपडेट कर रहे हैं। पीड़ित पिता इस दौरान कई बार अपने बयान से मुकरे हैं। लिहाजा उनकी ओर से किए गए सांप्रदायिक दावों को हम हटा रहे हैं। हमारा मकसद किसी संप्रदाय की भावनाओं का आहत करना नहीं था। केवल पीड़ित पक्ष की बातें सामने रखना था। इस क्रम में किसी की भावनाओं को ठेस पहुॅंची हो तो हमे खेद है।
ऑपइंडिया ने एक ख़बर प्रकाशित की थी, जिसमें बिहार स्थित गोपालगंज के राजेश जायसवाल के आरोपों का जिक्र था। कटेया थाना क्षेत्र के रहने वाले राजेश ने कुछ सांप्रदायिक आरोप लगाए थे और दावा किया था कि उनके बेटे की हत्या की गई है। उनके आरोपों को पुलिस ने नकार दिया था और कहा था कि दोषियों पर कार्रवाई की जा चुकी है। गौरतलब है कि राजेश के बेटे रोहित की लाश मार्च 29, 2020 को गाँव से 3-4 किलोमीटर दूर एक नदी से निकाली गई थी।
मीडिया में आ रही तमाम ख़बरों के बीच ऑपइंडिया ने गुरुवार (मई 14, 2020) को रात 10 बजे राजेश जायसवाल से फिर से बात की? हमने उनसे उनके शनिवार (मई 9, 2020) को दिए बयान को लेकर सवाल किए।दिया था, क्या वो उस पर पलट गए हैं? सोशल मीडिया और मीडिया में ऐसी बातें चल रही थीं, इसीलिए हमने उसे ये सवाल पूछा।
राजेश जायसवाल ने अपने नए बयान में क्या कहा?
राजेश ने कहा कि उन्हें बस इस सवाल का जवाब चाहिए उनके बेटे पर पानी क्यों छिड़का जाता था? राजेश जायसवाल ने कहा:
“मैंने शक के आधार पर ऐसा कहा था। मैंने ये तो स्पष्ट कहा था कि मेरे बेटे रोहित पर पानी छिड़कता था। वो अपनी माँ से आकर ऐसा बोलता था कि वो उधर जाता था तो उस पर पानी छिड़कते हैं। आख़िर उस पर पानी क्यों छिड़का जाता था? किस चीज के लिए मेरे बेटे के शरीर पर पानी छिड़का जाता था? अब तो वही लोग बताएँगे कि पानी क्यों छिड़का जाता था।”
हम किसी की निजता का सम्मान करते हैं लेकिन इस ख़बर को लेकर ऑपइंडिया पर कई तरह के आरोप लगे हैं और सोशल मीडिया में कई लोगों से इस सम्बन्ध में हमसे सवाल पूछा है, इसीलिए हम मृत रोहित के पिता राजेश जायसवाल से हुई हमारी बातचीत की ऑडियो रिकॉर्डिंग आपके समक्ष पेश कर रहे हैं। नीचे आप रिकॉर्डिंग को सुन सकते हैं, जिसमें हमने उनके 9 मई वाली बातचीत का भी हिस्सा लगाया है, और जब आज बात हुई उसका भी:
राजेश ने बीच में ये भी कहा कि उन्हें याद नहीं है कि उन्होंने क्या कहा था और क्या नहीं क्योंकि उनके मोबाइल नंबर पर रोज कई कॉल आते हैं। फिर उन्होंने दावा किया कि ये बात उनके किसी सहयोगी ने कही होगी क्योंकि वो कई बार अपने सहयोगी को बात करने के लिए फोन दे देते हैं। जब ऑपइंडिया ने उन्हें याद दिलाया कि ये बयान उनका ही था और उसकी पूरी रिकॉर्डिंग मौजूद है, तो उन्होंने कहा, “मैंने शक के आधार पर ऐसा कहा होगा।”
अब उन्होंने कई अन्य कारण भी गिनाए हैं। राजेश का कहना है कि उनकी दुकान को लेकर भी रोहित की हत्या की गई हो सकती है। उन्होंने बताया कि उनके पास सबूत नहीं है, ऐसे में वो कुछ स्पष्ट नहीं कह सकते।
उन्होंने बताया कि उनसे तो झगड़ा नहीं था लेकिन उनके बेटे का क्या झगड़ा था, इस बारे में उन्हें कुछ नहीं पता। बाद में उन्होंने अपने पुराने बयान की रिकॉर्डिंग सुनने के बाद कहा कि उनके नंबर पर इतने फोन कॉल्स आते हैं कि वो नर्वस हो जाते हैं।
इससे पहले राजेश ने कहा था कि उनकी किसी से कोई दुश्मनी नहीं है, वो बस अपने बेटे के लिए न्याय चाहते हैं। कटेया थानाध्यक्ष अश्विनी तिवारी पर रोहित की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट को 22 दिनों तक दबा कर रखने का आरोप भी राजेश और उनके परिवार ने लगाया था।