गोरखपुर की अदालत ने एक एक्टिविस्ट परवेज परवाज़ और महमूद उर्फ जुम्मन बाबा को ‘गरीब और असहाय महिला’ को रमज़ान के दौरान झाड़-फूँक के नाम पर अलग-अलग जगह पर ले जाकर उसका बलात्कार करने के आरोप में दोषी ठहराते हुए उम्र कैद की सजा सुनाई है। इसके साथ ही, दोनों दोषियों पर 25-25 हजार रुपए का अर्थदंड भी लगाया गया है।
गौरतलब है कि वर्ष 2007 में सांसद रहे योगी आदित्यनाथ पर फर्जी एफआईआर दर्ज कराने के बाद परवेज परवाज़ चर्चा में आए थे। अब वो फिर से चर्चा में हैं लेकिन गलत कामों को लेकर, रेप आरोपित से बलात्कारी का ठप्पा लगने को लेकर।
परवेज परवाज़ को सितंबर 2018 में गिरफ्तार किया गया था। एक स्थानीय महिला ने परवेज और महमूद उर्फ़ जुम्मन बाबा पर आरोप लगाया था कि दोनों ने उनकी पारिवारिक समस्याओं को सुलझाने में मदद करने के बहाने 3 जून की देर रात पांडेयहाता इलाके के पास एक अलग जगह पर उसे बहला-फुसलाकर ले गए थे।
जून 04, 2018 को राजघाट पुलिस स्टेशन में दर्ज प्राथमिकी के अनुसार, महिला ने दावा किया था कि वह एक स्थानीय मजहबी जगह पर मुस्लिमों के झाड़-फूँक वाले महमूद के संपर्क में तब आई थी, जब वो अपने पति का वशीकरण करवाने के लिए मगहर मजार गई थी।
पीड़िता ने कहा था कि उसका अपने पति से मनमुटाव चल रहा था। अपने पति को वश में करने के लिए वह मगहर मस्जिद झाड़-फूक कराने जाती थी, जहाँ उसकी मुलाकात आरोपित महमूद उर्फ़ जुम्मन बाबा से हुई।
जून 03, 2018 को 10.30 बजे आरोपित जुम्मन बाबा ने मस्जिद में दुआ करने के बहाने पीड़िता को पांडेयहाता स्थित अपनी दुकान के पास बुलाया। जब वह पहुँची तो अभियुक्त रिवाल्वर दिखाकर उसे सुनसान जगह पर ले गए और उसका बलात्कार किया।
परवेज ने वर्ष 2007 में योगी आदित्यनाथ और 11 अन्य लोगों पर धार्मिक उन्माद फैलाने के आरोप में केस दर्ज किया था। लेकिन, सबूत के तौर पर कोर्ट में जो डीवीडी पेश की गई थी, उसकी जाँच में पाया गया था कि उसमें छेड़छाड़ की गई थी। यह फर्जीवाड़ा पकड़े जाने के बाद इस मामले में भी कोर्ट के आदेश पर परवेज परवाज के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था।