लखनऊ में ‘ग्रूमिंग जिहाद’ (लव जिहाद) का मामला सामने आया है। यहाँ के मड़ियागाँव की एक महिला ने वजीरगंज के रहने वाले एक सैजी अब्बास और उसके परिवार के खिलाफ बंधक बनाने के बाद छेड़छाड़, मारपीट, टॉर्चर, शोषण और गर्भपात की शिकायत दर्ज कराई है। महिला ने आरोप लगाया कि उसके पति की मृत्यु के बाद सैजी अब्बास ने अर्जुन बनकर उससे दोस्ती की, फिर बाद में उसने अपना नाम मनोज बताया।
अब्बास ने विधवा पीड़िता के साथ बलात्कार किया
अमर उजाला के मुताबिक, पीड़िता सीतापुर की मूल निवासी है। वह अपने नाबालिग बेटे के साथ किराए के मकान में रहती है और पेट पालने के लिए दूसरे के घरों में काम करती है। 2014 में अब्बास ने कहीं से उसका फोन नंबर प्राप्त किया और उससे संपर्क किया। वह पीड़िता का बाइक से पीछा करता था और उससे मिलने के लिए कहता था। एक दिन वह कथित रूप से पीड़िता को उसके दोस्त के घर ले गया और उसके साथ बलात्कार किया। जब पीड़िता रोने लगी, तो उसने उसकी माँग में सिंदूर लगाया और हमेशा उसके साथ रहने का वादा किया।
आरोपित अक्सर पीड़ित के घर जाने लगा और पीड़िता के बेटे ने उसे पिता कहना शुरू कर दिया। वह शादी की जिद करती रही। करीब आठ महीने बाद सैजी अपने साथ मौलवी और परिवार की बुर्कानशीं महिलाओं को लेकर उसके घर आया तब उसका मुस्लिम होने का राज खुला। पीड़िता ने निकाह के लिए मना कर दिया। इस पर उसके परिवार की महिलाओं ने बदनामी कराने की धमकी दी। मजबूरी का फायदा उठाकर उसने निकाह पढ़वा लिया। हालाँकि, निकाहनामे में दस्तखत नहीं किए। इसके बाद सैजी उससे पति की तरह संबंध बनाता रहा। इसके बाद जरा-जरा सी बात पर वह उसकी आए दिन बेरहमी से पिटाई करने लगा।
उसे दो बार गर्भपात के लिए मजबूर किया गया
पीड़िता ने आरोप लगाया कि उसने दो बार गर्भधारण किया लेकिन आरोपित ने उसे गर्भपात कराने के लिए मजबूर किया। उसकी बहनें गर्भपात के वक्त पीड़िता के साथ रहती थीं। कुछ महीने पहले, अब्बास की माँ ने पीड़िता से कहा कि वह अपने बेटे की दूसरी शादी करवाएगी और उसे दोबारा फोन न करे। तब पीड़िता ने पुलिस से संपर्क किया और अब्बास, उसके पिता मोहम्मद अशफाक, उसकी बहनों बज्जो, शैला व अंशू और बहनोई के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की। पीड़िता का आरोप है कि आरोपित ने छ: साल तक उसका शोषण किया और किसी और के साथ निकाह किया।
फोन पर ‘सलाम’ सुनकर पीड़िता को उस पर शक हुआ
पीड़िता ने कहा कि जब भी आरोपित कॉल करता था, तो दूसरी तरफ का व्यक्ति अक्सर उसे ‘सलाम’ कहकर अभिवादन करता था। इससे उसे शक हुआ। जब उसने अब्बास से पूछा कि उसे ’सलाम’ क्यों किया है, क्या तुम मुस्लिम है, तो वह इनकार कर देता था। वह कहता था कि बहुत से लोग उसके वर्कप्लेस पर जाते हैं। इसके साथ ही उसने पीड़िता से कहा कि वह उसके फोन कॉल्स पर ध्यान न दे।