उत्तर प्रदेश का कुण्डा कलां गाँव इन दिनों चर्चा में है। यह गाँव सहारनपुर से करीब 50 किलोमीटर दूर गंगोह थाना क्षेत्र। गंगोह बाजार से गाँव की दूरी लगभग 14 किलोमीटर है। इसी गाँव से 12 अगस्त 2022 को यूपी ATS ने जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी मोहम्मद नदीम को दबोचा था। वह बीजेपी की पूर्व नेता नूपुर शर्मा की हत्या की प्लांनिग में जुटा था। भारत में आतंकी नेटवर्क खड़ा करने की कोशिश कर रहा था।
17 अगस्त 2022 को ऑपइंडिया की टीम कुण्डा कलां पहुँची। गंगोह से कुण्डा कलां के रास्ते में हिन्दू बहुल गाँव विलासपुर और बीनपुर हैं। लेकिन कुण्डा कलां मुस्लिम बहुल है। ग्राम प्रधान गुलफाम ने ऑपइंडिया को बताया, “गाँव में लगभग 7500 वोटर हैं। इनमें करीब 500 ही हिंदू हैं।” पूर्व प्रधान इकबाल के मुताबिक गाँव में 6 मदरसे और 15 मस्जिदें हैं। इस गाँव से हरियाणा की सीमा केवल 2 किलोमीटर ही दूर है।
नदीम के गाँव तक पक्की सड़क जाती है। उसके गाँव से लगभग 1 किलोमीटर पहले प्रथमिक स्वास्थ्य केंद्र है। उसके सामने गुजर रही 2 महिलाओं ने बताया कि उन्होंने कुछ दूरी पर एक आतंकी पकड़े जाने की बात सुनी है।
नदीम के गाँव के बाहर गेट बना हुआ है। इस पर प्रधान के तौर पर हाजी शरीफ के बेटे नूरा का नाम लिखा है। इसी बोर्ड पर उपप्रधान का नाम ओम प्रकाश लिखा था।
गेट के पास बकरी चरा रहे नसीम बताया कि हाजी शरीफ की मौत हो चुकी है। नदीम की गिरफ्तारी को लेकर उसने बताया, “नदीम ने मरने वाला काम किया है। उसको पाकिस्तान से क्या मतलब था?” वहीं बकरी चरा रही एक महिला ने कहा, “हम लोग गरीब हैं। हमें नूपुर शर्मा नाम भी नहीं पता।”
गिरफ्तारी से पहले पहचान बदलकर आया ATS का दस्ता
17 अगस्त को नदीम के घर जब ऑपइंडिया की टीम पहुँची तो गाँव के कई लोग जमा थे। शुरुआत में नदीम के अब्बा नफीस ने यह कहते हुए बात करने से इनकार कर दिया कि वे बीमार हैं। हालाँकि थोड़ी देर बाद वे राजी हो गए। उन्होंने बताया कि उनका गाँव सुन्नी बहुल है। ज्यादातर लोग देवबंदी मत को मानते हैं। उन्होंने बताया कि गिरफ्तारी से पहले ATS के लोग दिन में आधार कार्ड को वोटर कार्ड से लिंक करवाने की बात कह उनके घर आए थे। पूरे परिवार से वे लोग मिले थे। फिर रात के समय वही लोग 4 वाहनों में आए और नदीम को कमरे से उठाकर ले गए। नफीस का कहना है कि वे न तो नूपुर शर्मा के बारे में जानते हैं और न ही जैश-ए-मोहम्मद के बारे में।
नफीस के मुताबिक देहरादून में किराना दुकान चलाने वाले उनके बेटे का भी मोबाइल चेक किया गया था। ATS ने उनके एक और बेटे तैमूर को भी पकड़ा था। लेकिन उसे बाद में छोड़ दिया। उन्होंने कहा, “पाकिस्तान में मौजूद रिश्तेदारों से बात करते हुए उसने यदि एकाध कमेंट गलत कर दिया हो तो इसकी सजा इतनी कड़ी नहीं होनी चाहिए।”
नदीम के अब्बा ने कहा, “जैसे मेरे बेटे को आतंकी बना दिया गया वैसे और भी कई लोगों को बनाया गया था।” हालाँकि कुछ ही देर बाद वो अपनी ही बात से पलट गए और उन्होने कहा कि अगर मेरे बेटे से कोई गलती हुई भी है तो मैं सरकार से उसे माफ़ करने की अपील करते हुए आगे से उसकी पूरी जिम्मेदारी लेने का ऐलान करता हूँ।
नदीम के परिजनों के मुताबिक वो कोई नशा नहीं करता था। नदीम के पड़ोसी ने बताया कि जब ATS वाले रात में आए तो गली में एक फुट पानी भरा था। मुख्य सड़क पर गाड़ी छोड़ वे घुटने भर पानी में चलकर नदीम के घर तक पहुँचे थे। नदीम के घर से लगभग 700 मीटर दूर ही पुलिस चौकी है। नदीम के घरवालों का कहना है कि वहाँ नदीम पर कोई केस नहीं है।
स्थानीय ग्रामीणों के अनुसार इस घटना की निष्पक्ष जाँच होनी चाहिए। पूर्व प्रधान इकबाल ने बताया गाँव के लगभग 60 परिवारों की रिश्तेदारी पाकिस्तान में हैं। इनमें से केवल नदीम को ही क्यों पकड़ा गया, ये जाँच का विषय है। ग्रामीणों का यह भी कहना था कि इस घटना से गाँव की काफी बदनामी हो रही है।