देश भर में नागरिकता संशोधन कानून पर मचे बवाल के बीच पाकिस्तानी शरणार्थियों को भारतीय नागरिकता मिलने का सिलसिला शुरू हो गया है। शुक्रवार (दिसंबर 20, 2019) को गुजरात में 7 पाकिस्तानी शरणार्थियों को नागरिकता दी गई। केंद्रीय मंत्री मनसुख मांडविया ने कच्छ में इन्हें नागरिकता का प्रमाणपत्र दिया। ये लोग पाकिस्तान से प्रताड़ना का शिकार होकर गुजरात आए हैं। इस तरह से शरणार्थियों को नागरिकता देने के मामले में गुजरात पहले नंबर पर आ गया है।
Gujarat: Union Minister of State for Shipping, Mansukh Mandaviya handed over Indian citizenship certificates to 7 Pakistani Hindu refugees, in Kutch today pic.twitter.com/KOZ06IMiHu
— ANI (@ANI) December 20, 2019
मनसुख मांडविया ने इस बारे में ट्वीट करते हुए लिखा, “आज (दिसंबर 20, 2019) कच्छ, गुजरात में पाकिस्तान से आए शरणार्थियों से मुलाकात की और 7 शरणार्थियों को नागरिकता प्रमाणपत्र दिया। CAA को लेकर सभी में उत्साह और जश्न का माहौल हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार द्वारा लिया गया ये ऐतिहासिक फैसला इन लोगों के जीवन मे नया सवेरा लेकर आया है।”
आज कच्छ, गुजरात में पाकिस्तान से आये शरणार्थियों से मुलाकात की और 7 शरणार्थियों को नागरिकता प्रमाणपत्र दिया। #CAA को लेकर सभी में उत्साह और जश्न का माहौल हैं। प्रधानमंत्री श्री @narendramodi जी की सरकार द्वारा लिया ये ऐतिहासिक फैसला इन लोगों के जीवन मे नया सवेरा लेकर आया है। pic.twitter.com/9MTclmuAUo
— Mansukh Mandaviya (@mansukhmandviya) December 20, 2019
2007 में पाकिस्तान से प्रताड़ित होकर भारत आए मेहताब सिंह ने कहा, “मैंने 2007 में पाकिस्तान छोड़ दिया था। यह एक इस्लामिक गणराज्य है। वहाँ मंदिरों को तोड़ दिया जाता है। हिंदू लड़कियों और महिलाओं को अगवा किया जाता है और उन पर अत्याचार किया जाता है। यहाँ तक कि वहाँ की पढ़ाई भी इस्लामिक है।”
उन्होंने आगे कहा, “2014 तक हमारे पास आधार कार्ड और बैंक खाते नहीं थे। भाजपा के सत्ता में आने के बाद ही हमें आधार कार्ड मिला और बैंक खाते खोले गए। मैं बहुत खुश हूँ कि अब मैं एक भारतीय नागरिक हूँ। यह हमारे लिए दिवाली की तरह है।”
इससे पहले पाकिस्तान से आई एक महिला हसीना बेन को बिना किसी तामझाम के केवल मेरिट और मानवता के आधार पर गुजरात में भारत की नागरिकता प्रदान की गई थी। बता दें कि हसीना बेन मूलरूप से भारत की ही रहने वाली थीं, लेकिन 1999 में निक़ाह हो जाने के बाद वो पाकिस्तान चली गईं थी। पाकिस्तान में उनके शौहर की मृत्यु हो जाने पर उन्होंने भारत वापस आने का फ़ैसला किया। दो साल पहले ही उन्होंने भारत की नागरिकता के लिए आवेदन किया था। उन्हें 18 दिसंबर 2019 को भारत सरकार की तरफ़ से भारतीय नागरिकता का प्रमाणपत्र प्रदान किया गया।
केंद्रीय मंत्री मंडाविया ने कहा कि गुजरात में हजारों शरणार्थी हैं, जो कि पाकिस्तान में हुए धार्मिक उत्पीड़न के कारण भाग कर यहाँ आए हैं। नागरिकता (संशोधन) कानून 2019 (CAA) आने के बाद उन्हें भारतीय नागरिकता मिल रही है। वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के शुक्रगुजार हैं।
नागरिकता संशोधन कानून के अमल में आने के बाद गुजरात में बसे हजारों पाकिस्तानी शरणार्थियों के भारत का नागरिक बनने का मार्ग प्रशस्त हो गया है। वर्ष 1952 में पाकिस्तान के सिंध से आए सिंधी, लोहाणा, कोली, थरपाकर,बादिन थट्टा, महेश्वरी आदि समुदाय के हजारों लोग शरणार्थी के रूप में अहमदाबाद, गाँधीनगर, कच्छ, बनासकांठा, पाटण, मोरबी में आकर बस गए थे।
उल्लेखनीय है कि नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में 19 दिसंबर को गुजरात में भी हिंसक प्रदर्शन हुआ था। अहमदाबाद के शाह आलम में भीड़ ने पुलिस पर भारी पथराव किया था। इसमें 19 पुलिसकर्मी घायल हुए थे। पुलिस ने कई उपद्रवियों को गिरफ्तार भी किया था।
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