शाहीन बाग में बुधवार (फरवरी 5, 2020) को सीएए के विरोध में बैठी महिला प्रदर्शनकारियों ने राजनीतिक विश्लेषक एवं पत्रकार गुंजा कपूर को बुर्का पहनकर प्रदर्शनस्थल का वीडियो बनाने पर घेर लिया और उनसे बदसलूकी की। इन महिलाओं ने गुंजा को पकड़कर सवाल उठाया कि आखिर वो इस प्रदर्शन में बुर्का पहनकर क्यों आईं?
गुंजा कपूर के साथ बदसलूकी के दो दिन बाद अब इसके पीछे के असली मंसूबे का खुलासा हुआ है। रक्षा विशेषज्ञ अभिजीत अय्यर मित्रा ने गुंजा कपूर से इस बाबत बात की और फिर उन्होंने ट्विटर पर पूरे घटनाक्रम को साझा किया। अभिजीत अय्यर ने बताया कि गुंजा कपूर के साथ हुई घटना की सच्चाई इससे कहीं ज्यादा भयावह और डरावनी है, जितना कि टीवी पर दिखाई गई। अय्यर का कहना है कि गुंजा के साथ ना सिर्फ बदसलूकी की गई, बल्कि उनके साथ हाथापाई भी की गई। उन्होंने कहा कि इस सब के पीछे उपासना शर्मा नाम की एक महिला का हाथ है।
1n Just had a long chat with #GunjaKapoor @gunjakapoor. The reality is much scarier than what you saw on TV (yes she was mugged & physically assaulted). I’m telling you the sequence of events narrated by her. This woman in yellow “Upasana Sharma” is central to it pic.twitter.com/FR78KvkzNT
— Abhijit Iyer-Mitra (@Iyervval) February 6, 2020
अभिजीत अय्यर ने कहा कि गुंजा कपूर शाहीन बाग में महिला प्रदर्शनकारियों से बातचीत करने गई थी और कपूर के मुताबिक वहाँ की महिलाओं को इस भीड़ में से किसी को भी CAA, NRC या NPR के बारे में कोई जानकारी नहीं है। गुंजा ने बताया कि वो उन महिलाओं से बात कर ही रही थी कि तभी अचानक से उपासना नाम की महिला वहाँ आई और उनसे सवाल-जवाब करने लगी। उपासना ने खुद को ‘ऑर्गेनाइजर’ बताया था।
3n “upasana” knew exactly what to ask & since Gunja hadn’t rehearsed her story got caught easily. Upasana & this creature below DRAGGED HER BY HER HAIR(!!!) to the 1st aid camp. “Upasana” seized her phone plus aadhar card & cash from her wallet. Now the other women… pic.twitter.com/WEYPtKTZMv
— Abhijit Iyer-Mitra (@Iyervval) February 6, 2020
गुंजा कपूर के खिलाफ हुई डरावनी घटना को शेयर करते हुए अभिजीत अय्यर ने बताया कि उपासना को पता था कि क्या पूछना है और चूँकि गुंजा को इस बारे में कुछ नहीं पता था तो वो आसानी से पकड़ में आ गई। इसके बाद उपासना और उसके साथियों ने गुंजा को बाल से खींचते हुए फर्स्ट एड कैंप की तरफ ले गए।
इतना ही नहीं उपसाना ने गुंजा कपूर का फोन और आधार कार्ड जब्त कर लिया और साथ ही उनके पर्स से कैश भी छीन लिए। इसके बाद एक अन्य महिला प्रदर्शनकारी ने बजतमीजी करने के साथ ही ये आरोप लगाने लगी कि उन्होंने प्रदर्शनस्थल पर बुर्का पहनकर उसका अपमान किया है।
5n By this time this thief, assaulted & hostage taker “upasana” had checked her name & found her to be a BJP sympathiser. The attempts to force her to say the Kalima only got stronger at this point – and she was shoved, slapped & had her hair pulled. “Upasana” now wanted this
— Abhijit Iyer-Mitra (@Iyervval) February 6, 2020
इसके बाद भीड़ ने गुंजा से इस्लामिक नारे लगाने के लिए कहा। भीड़ में से एक शख्स ने उससे कलीमा (ला इलाहा इल्लल्लाह) पढ़कर उनमें से एक हो जाने के लिए कहा। भीड़ ने कहा कि अगर वो ये इस्लामिक नारे लगाएगी तो वो लोग उन्हें अपना लेंगे। मित्रा ने गुंजा के हवाले से कहा कि वो लोग उनका धर्म परिवर्तन कराना चाहते थे। लेकिन गुंजा ने इस्लामिक नारे लगाने से इनकार कर दिया। अभिजीत ने बताया कि वो लोग लगातार गुंजा के साथ बदतमीजी कर रहे थे। कभी थप्पड़ मार रहे थे, कभी धक्का दे रहे थे तो कभी बाल पकड़कर खींच रहे थे।
मित्रा ने बताया कि उपासना इसे होस्टेज क्राइसिस के रूप में भुनाना चाहती थी। एक अन्य शख्स भी इससे सहमत था और चाहता था कि बीजेपी आए और गुंजा की रिहाई की भीख माँगे। उसका कहना था कि अब बीजेपी के साथ इसके अलावा और कोई विकल्प नहीं है। शाहीन बाग पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार नहीं किया क्योंकि यह हिंसक हो सकता था। हालाँकि, सरिता विहार पुलिस शाहीन बाग पहुँची।
मगर ऑर्गेनाइजर्स ने गुंजा को सरिता विहार पुलिस को सौंपने से इनकार कर दिया। कथित तौर पर वो गुंजा को बंधक बनाकर रखना चाहते थे और उन्हें सौंपने के लिए शर्तें रख रहे थे। अभिजीत मित्रा ने कहा, “यह अपहरण और बंधक बनाने का स्पष्ट मामला था।”
7n because then the terrorists gherao the station. So they had to send someone from Sarita Vihar station. The organisers refused to hand her over. This obviously is a CLEAR CUT CASE OF KIDNAPPING & HOSTAGE TAKING. This “hatta gatta” jaat lady cop tried twice to force her way in
— Abhijit Iyer-Mitra (@Iyervval) February 6, 2020
बताया जा रहा है कि जब पुलिस ने गुंजा कपूर को बचाने के लिए प्रदर्शनकारियों की भीड़ को हटाने की कोशिश की तो धक्का देकर उन्हें ही पीछे की तरफ धकेल दिया गया। इसके बाद पुलिस ने लाठीचार्ज की बात कही। जिसके बाद प्रदर्शनकारियों की भीड़ ने पुलिस को जाने दिया। गुंजा कहती है कि इस दौरान एक प्रदर्शनकारी ने कहा था, “यदि उन्होंने लाठीचार्ज किया तो वह विरोध का अंत होगा।” इसके बाद बंधक वाली स्थिति समाप्त हुई।
अभिजीत मित्रा के अनुसार, फोन और नकदी और आईडी कार्ड छीनने के अलावा गुंजा पर कई बार शारीरिक हमले किए गए। मित्रा ने ट्वीट किया कि इन सभी अपराधों की सजा वर्षों तक जेल होती है। इसके साथ ही उन्होंने ये भी साफ किया कि गुंजा के फोन और आधार कार्ड का किस तरह से दुरुपयोग किया गया। इसके बारे में कोई उल्लेख नहीं किया गया है।
7n because then the terrorists gherao the station. So they had to send someone from Sarita Vihar station. The organisers refused to hand her over. This obviously is a CLEAR CUT CASE OF KIDNAPPING & HOSTAGE TAKING. This “hatta gatta” jaat lady cop tried twice to force her way in
— Abhijit Iyer-Mitra (@Iyervval) February 6, 2020
मित्रा ने अपने तर्क को मजबूत करने के लिए सबूत भी दिए कि शाहीन बाग में भीड़ ने न केवल गुंजा कपूर का अपहरण किया बल्कि उन्हें बंधक बनाकर रखा।
उल्लेखनीय है कि शाहीन बाग विरोध प्रदर्शन सुरक्षा की दृष्टि से काफी खतरनाक साइट में तब्दील हो गया है। न्यूज नेशन के पत्रकार दीपक चौरसिया और दूरदर्शन के पत्रकारों पर हमला करने के बाद शाहीन बाग की भीड़ ने लाइव शो के दौरान वरिष्ठ पत्रकार भूपेंद्र चौबे पर हमला किया था। शाहीन बाग में शुरू हुआ CAA विरोध प्रदर्शन अब न केवल हिंसक हो गया है बल्कि एक वामपंथी इवेंट का प्रतीक बन गया है, जहाँ खुले तौर पर भारत विरोधी और हिंदू विरोधी नारे लगाए जाते हैं।
राजनीतिक विश्लेषक गुंजा कपूर के साथ शाहीन बाग में बदसलूकी, Video वायरल