तमाम प्रशासनिक प्रतिबंधों और खुद मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के आदेश के बाद भी आज शुक्रवार (17 दिसंबर, 2021) को गुरुग्राम के एक पार्क में फिर से नमाज़ी जमा हुए। इस भीड़ को रोकने के लिए हिन्दू संगठनों के लोग आए तो उनकी आपस में काफी बहस हुई। मौके पर हरियाणा पुलिस ने पहुँच कर किसी तरह मामले को शांत करवाया। फ़िलहाल खुले में नमाज़ रोक दी गई। इस बहस का वीडियो भी वायरल हो रहा है।
गुरुग्राम में जुमे की नमाज के लिए पार्क में फिर से जुटे नमाजी, CM खट्टर के आदेश और हिन्दू संगठनों के विरोध को किया नजरअंदाज
— Ravi Agrahari (@Ravibhu09) December 17, 2021
नोंकझोक पर उतरे मुस्लिम…#GurugramNamaz pic.twitter.com/oSKX5Dh29U
ऑपइंडिया ने इस मामले में खुले में नमाज़ का विरोध करने वाली हिन्दू संघर्ष समिति गुरुग्राम के सदस्य रितुराज से बात की। उन्होंने बताया, “नमाज़ियों की यह भीड़ गुरुग्राम के उद्योग विहार क्षेत्र में जमा हुई थी। स्थान फेज़ 4 और फेज़ 5 के बीच में बना एक सार्वजनिक पार्क था। यहाँ पर आम लोग आया-जाया करते हैं। इसी पार्क में लगभग 300 की संख्या में नमाज़ियों की भीड़ अचानक ही आ गई। उन्होंने दरी आदि बिछा कर नमाज़ पढ़नी शुरू कर दी। जब उन्हें रोका गया तब उन्होंने बहसबाजी शुरू कर दी।”
तमाम प्रशासनिक आदेशों और शासन के निर्देश होते हुए भी गुरुग्राम में आज भी उद्योग विहार के पार्क में जमा हुए नमाज़ी..
— Rahul Pandey (Journalist) (@STVRahul) December 17, 2021
पार्क के अंदर ही वजू और नमाज़ का दृश्य–#Gurugram@mlkhattar@cmohry @gurgaonpolice @DC_Gurugram @anilvijminister pic.twitter.com/DcDDfQbxFH
रितुराज ने आगे बताया, “उनकी इस हरकत का विरोध स्थानीय लोग कर रहे थे। विरोध करने वालों की संख्या नमाज़ियों से काफी कम 50 के आस-पास थी। मामले की जानकारी पुलिस को हुई तो वो फ़ौरन वहाँ पहुँची। यदि पुलिस समय से न आती तो शायद विरोध करने वालों पर हमला भी किया जा सकता था। नमाज़ियों की तरफ से भीड़ बढ़ती ही जा रही थी। पुलिस के आने के बाद नमाज़ी और हिन्दू संगठन के लोग तितर-बितर हुए। कुछ लोग तब तक नमाज़ पढ़ चुके थे। लेकिन बाद में जो आए उन्हें रोक दिया गया।”
गौरतलब है कि खुद हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने सार्वजानिक स्थलों पर नमाज़ न पढ़ने और इसका समाधान निकालने के अधिकारियों को निर्देश दिए थे। वहीं मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने खुले में नमाज़ का विरोध करने वाले हिन्दू संगठनों को आतंकवादी कहा था। इससे पहले भी नमाज़ का खुले में कई बार विरोध हो चुका है। तब भी पुलिस ने हस्तक्षेप करके मामले को शांत करवाया था।”