उत्तर प्रदेश के हाथरस में एक दलित युवती से कथित गैंगरेप और मौत मामले में यूपी की योगी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में नया हलफनामा दाखिल किया है। अपने हलफनामे में यूपी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में बताया है कि पीड़िता के परिवार और गवाहों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए थ्री लेयर की सुरक्षा मुहैया कराई गई है। पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार से पीड़िता के परिवार और गवाहों के संरक्षण के प्रयासों पर जवाब दाखिल करने को कहा था। कोर्ट ने सरकार को कहा था कि वो गवाहों की सुरक्षा मुहैया कराने को लेकर डिटेल रिपोर्ट फाइल करें।
UP govt files affidavit in #Hathras case, stating that, to ensure security of victim’s family & witnesses, three-layered security has been provided. Also asks court to direct CBI to submit fortnightly status report on the probe, to State govt; it can be filed by UP DGP before SC. pic.twitter.com/UDtyXeWJJJ
— ANI (@ANI) October 14, 2020
अपने हलफनामे में उत्तर प्रदेश सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में कहा है कि पीड़ित परिवार और गवाहों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए तीन-स्तरीय सुरक्षा प्रदान की गई है। इसके साथ ही सरकार ने बताया कि उन्होंने गाँव में सीसीटीवी लगवाए हैं ताकि कड़ी निगरानी रखी जा सके और मृतक पीड़िता के परिवार को सुरक्षा प्रदान की जा सके।
#NewsAlert – Uttar Pradesh govt. files compliance affidavit in the Supreme Court over Hathras Incident.
— CNNNews18 (@CNNnews18) October 14, 2020
UP Govt. requests SC to monitor CBI probe.
3 layer security provided to Hathras Victim’s family: UP Govt.@utkarsh_aanand shares details with @AnushaSoni23#HathrasHorror pic.twitter.com/dGOM1TkVbr
राज्य सरकार ने हलफनामे में यह भी उल्लेख किया है कि उन्होंने पीड़ित परिवार के संरक्षण को सुनिश्चित करने के लिए गाँव में पुलिस कर्मियों को तैनात किया है। हलफनामे में कहा गया है कि पीड़ित परिवार की महिला सदस्यों की सुरक्षा के लिए गाँव में महिला पुलिस की भी एक टीम तैनात की गई है। साथ ही योगी आदित्यनाथ सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से आग्रह किया है कि वो सर्वोच्च न्यायालय सीबीआई जाँच की निगरानी करें।
पिछली सुनवाई में प्रधान न्यायाधीश एस ए बोबडे की पीठ के समक्ष सूचीबद्ध एक जनहित याचिका की प्रतिक्रिया में प्रदेश सरकार ने उच्चतम न्यायालय से हाथरस मामले में सीबीआई जाँच का निर्देश देने का अनुरोध किया था। साथ ही अदालत से हाथरस कांड की जाँच पर 15 दिनों की स्थिति रिपोर्ट राज्य सरकार को प्रस्तुत करने के लिए सीबीआई को निर्देश देने के लिए कहा था। इसमें कहा गया था कि सुप्रीम कोर्ट के समक्ष यूपी डीजीपी द्वारा दायर किया जा सकता है। केंद्रीय जाँच ब्यूरो (CBI) ने हाथरस मामले की जाँच अपने हाथ में ले ली है और मामला भी दर्ज कर लिया है।
हाथरस गैंगरेप और हत्या मामले में सीबीआई ने पहले दिन मंगलवार (अक्टूबर 13, 2020) को घटनास्थल का मुआयना किया था और सबूत जुटाए थे। टीम ने पीड़ित परिवार के लोगों से भी पूछताछ की थी। इस दौरान सीबीआई की टीम पीड़िता के भाई को साथ लेकर अज्ञात स्थल पर गई। टाइम्स नाउ की रिपोर्ट में बताया गया था कि पीड़िता के भाई के बयानों में कुछ असमानता पाए जाने के बाद सीबीआई ने कथित तौर पर यह निर्णय लिया।
उसके बयानों में असमानता के कारण ही सीबीआई ने पीड़िता के भाई से पूछताछ करने का फैसला किया। इससे पहले बताया गया CBI की टीम ‘नष्ट किए गए सबूतों’ को वापस लेने के लिए एक फोरेंसिक विशेषज्ञ टीम के साथ भी वहाँ गई थी। सीबीआई बुधवार (अक्टूबर 14, 2020) को फिर से पीड़ित परिवार से पूछताछ कर रही है। इसके लिए मृत पीड़िता के दोनों भाइयों और पिता को हाथरस में कृषि कार्यालय स्थित सीबीआई के अस्थाई कार्यालय में बुलाया गया है।