हाथरस की घटना के सभी चारों आरोपितों ने जेल से एसपी को पत्र लिखा है जिसमें उन्होंने खुद को निर्दोष बताते हुए न्याय की माँग की है। इस पत्र में आरोपितों ने लिखा है कि पीड़िता की माँ और भाई ने ही पीड़िता की पिटाई की, जिस कारण उसकी मौत हो गई।
इस पत्र में लिखा है कि पीड़िता की मुख्य आरोपित संदीप से दोस्त थी और वो फोन पर भी एक-दूसरे से बात करते थे। यह दोस्ती उसके घरवालों को पसंद नहीं थी और इसी नफरत में परिवार के लोगों ने ही उसे मार दिया।
पत्र में हाथरस कांड के चारों आरोपितों – लवकुश, रवि, रामकुमार उर्फ रामू और संदीप उर्फ चंदू, चारों के हस्ताक्षर और उनके अँगूठे के निशान भी हैं। आरोपितों ने इस पत्र में कहा है कि उन्हें झूठे आरोप में फँसाया गया है। इन सभी ने पत्र के माध्यम से यूपी पुलिस से निष्पक्ष जाँच की माँग की है। उन्होंने एफआईआर में अलग-अलग दिन आरोपितों के नाम बढ़ाने और धाराएँ जोड़ने का भी उल्लेख किया है।
मुख्य आरोपित संदीप की ओर से दावा किया गया है कि उसकी पीड़िता से अक्सर बातचीत होती थी। उल्लेखनीय है कि संदीप और पीड़िता के परिवार के फोन कॉल डिटेल्स (CDR) में भी इस बात की पुष्टि हुई है कि दोनों नंबरों के बीच 100 से अधिक बार बातचीत हुई थी। हालाँकि, पीड़िता का परिवार कॉल रिकॉर्ड की बात को भी झूठ बता रहा है। इस पत्र में संदीप ने दावा किया कि पीड़िता उसके गाँव की लड़की थी, जिससे उसकी दोस्ती थी।
इस पत्र में चारों आरोपितों की ओर से लिखा है, “हम लोगों की मुलाकात के साथ कभी-कभी फोन पर बात भी होती थी। हमारी दोस्ती उसके घरवालों को पसंद नहीं थी। घटना के दिन मेरी उससे खेतों पर मुलाकात हुई उसके साथ उसकी माँ और भाई थे। उसके कहने पर मैं तुरंत घर चला गया और वहाँ अपने पिता के साथ पशुओं को पानी पिलाने लगा।”
“.. बाद में मुझे गाँव वालों से पता चला कि हमारी दोस्ती को लेकर उसके माँ और उसके भाई ने उसके साथ मार-पीट की। जिससे उसे गंभीर चोट आई थी और बाद में उसकी मौत हो गई।मैंने कभी भी उसके साथ गलत काम नहीं किया ना ही उसे मारा। लड़की के परिवार वालों ने झूठे आरोपों में हम चार लोगों को जेल भिजवा दिया। हम सभी लोग निर्दोष हैं।”
हाथरस कांड
गौरतलब है कि 19 वर्षीय पीड़िता का उसके गाँव में 14 सितंबर को चार लोगों द्वारा सामूहिक बलात्कार और हमला किया गया था। हालाँकि, यूपी पुलिस ने बलात्कार या सामूहिक बलात्कार के आरोपों से इंकार किया था और फोरेंसिक रिपोर्ट में भी यही बात सामने आई है।
मंगलवार (सितम्बर 29, 2020) की सुबह दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में पीड़िता की मौत के बाद से हाथरस मामले को लेकर काफी बहस और राजनीतिक उथल-पुथल देखी जा सकती हैं। हाथरस पुलिस ने बृहस्पतिवार को कहा कि ‘जबरन यौन क्रिया’ की अभी तक भी पोस्टमार्टम रिपोर्ट में पुष्टि नहीं हो पाई है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में गला घोंटने से मौत को मौत का कारण बताया गया था।