प्रवीण चक्रवर्ती नामक एक कुख्यात ईसाई पादरी ने हिन्दू देवी-देवताओं के खिलाफ अपमाजनक टिप्पणी की थी और साथ ही हिन्दू देवी-देवताओं की प्रतिमाओं को ‘लात मारने’ व विकृत करने की भी धमकी दी थी। ईसाई पादरी ने इसके बदले ‘क्राइस्ट गाँवों’ की स्थापना की बात कही थी। अब ‘हाउसिंग डेवलपमेंट फाइनेंस कॉर्पोरेशन (HDFC)’ बैंक ने उसका नाम ‘नेबरहुड हीरोज’ की सूची में से हटा दिया है। बैंक ने उसे ‘हीरो’ बताया था।
धार्मिक स्थल पर आपत्तिजनक कार्य करने और विभिन्न धार्मिक समुदायों के बीच दुर्भावना फैलाने के आरोप में उसे पुलिस ने गिरफ्तार किया है, जिसके बाद HDFC बैंक ने ये कदम उठाया। आंध्र प्रदेश की क्रिमिनल इन्वेस्टीगेशन डिपार्टमेंट (CID) ने 2013 में आए एक वीडियो के आधार पर ये कार्रवाई की है। उसे काकीनाडा से मंगलवार (जनवरी 12, 2021) को गिरफ्तार किया गया। उसे गुंटूर लाकर अगले ही दिन कोर्ट में पेश किया गया।
CID के कोस्टल सुप्रीटेंडेंट ऑफ पुलिस (SP) आर विजय पॉल ने कहा कि ये स्वतः संज्ञान का मामला नहीं है और जब कोई व्यक्ति किसी मामले के बारे में शिकायत दर्ज कराता है, तो फिर उस मामले में कार्रवाई की जाती है। जब CID ने ईसाई पादरी प्रवीण चक्रवर्ती से पूछताछ की तो उसने बताया कि वीडियो में उसकी ही आवाज़ थी। पुलिस अधिकारियों ने माना कि ये वीडियो भड़काऊ है और वैमनस्य फैलाने वाला है।
अब CID उस पादरी के वित्तीय लेनदेन और बैंक खाते सहित अन्य विवरणों की जाँच कर रही है। साथ ही ये भी खँगाला जा रहा है कि इस तरह के और कितने वीडियोज बनाए गए हैं। अगस्त 2020 में HDFC बैंक ने एक वीडियो में ईसाई पादरी को ‘नेबरहुड हीरो’ बताया था। दरअसल, ये HDFC बैंक का एक अभियान है जिसके तहत वो देश भर के नायकों को पहचान देने और उन्हें सेलिब्रेट करने का दावा करता है।
Dear @HDFCBank_Cares your Neighbourhood Hero Mr. Praveen Chakravarthy has multiple FIRs registered against him in various criminal offences and he is on record having kicked & broken idols of Hindu Gods.
— Legal Rights Protection Forum (@lawinforce) January 15, 2021
Do you endorse views of your hero?
Youtube Link: https://t.co/UaHY9Pdx5J https://t.co/HDThHiRmuc pic.twitter.com/7YbnEqqp2U
बैंक के अनुसार, इसमें ऐसे लोगों के नाम होते हैं जिन्होंने हर तरह से ज़रूरतमंद लोगों की मदद की है। लेकिन NGO लीगल राइट्स प्रोटेक्शन फोरम (LRPF) की शिकायत के बाद बैंक ने तुरंत इस वीडियो को हटा लिया। बैंक का दावा है कि पादरी ने 500 गरीबों की मदद की और वो ‘सीलोम ब्लाइंड सेंटर’ का अध्यक्ष भी है। ये वीडियो HDFC बैंक ने अगस्त 28, 2020 को अपलोड किया था। उसने लिखा था कि प्रवीण चक्रवर्ती ने एक साहस भरे क्षण से ‘सामान्य को हीरोइक बना दिया।’
हालाँकि, ये पहली बार नहीं है जब HDFC बैंक ने किसी ऐसे विवादित व्यक्ति को ‘हीरो’ बताया हो। कुछ ही सप्ताह पहले उसने लुधियाना के अशोक सिंह गरचा को गरीबों को भोजन मुहैया कराने वाला बताते हुए ‘नेबरहुड हीरो’ के अवॉर्ड से नवाजा था। बाद में पता चला कि वो ‘अब्राहमिक एंड इंडो अब्राहमिक एसोसिएशन (AIAC)’ का अध्यक्ष है। वो यहूदी-ईसाई-मुस्लिम-सिख एकता का दावा करते हुए उपदेश देता है।
एनजीओ LRPF ने गृह मंत्रालय और विदेशी अंशदान (विनियमन) अधिनियम (FCRA) विभाग के समक्ष इसकी शिकायत की थी। जबरन ईसाई धर्मांतरण के आरोप लगाते हुए प्रवीण चक्रवर्ती और उसके NGO ‘सीलोम ब्लाइंड सेंटर’ की भी मान्यता रद्द करने की भी माँग की गई थी। संस्था के FCRA (Foreign Contribution Regulation Act) लाइसेंस को रद्द करने की माँग करते हुए कहा गया था कि उसके सारे बैंक खाते जब्त करके अन्य गतिविधियों पर भी लगाम लगाई जाए।
ईसाई पादरी प्रवीण चक्रवर्ती के इंडियन पैनल कोड (IPC) की खिलाफ धारा-153 ए (अवैध बातें करके किसी व्यक्ति को द्वेषभाव या बेहूदगी से निशाना बनाना, उपद्रव जैसे हालात पैदा करना), 153 बी (लिखित या मौखिक रूप से तनाव जैसे हालात पैदा करना), (धार्मिक कार्य में लगे जनसमूह को भड़काना), (पवित्र धार्मिक वस्तुओं को नुकसान पहुँचाना), 124 ए (देश की एकता-अखंडता को ठेस पहुँचाना) और धारा-115 के तहत आरोप तय किए गए हैं।
Filed complaint with Union Home Secretary & FCRA Division (MHA) against ‘Sylom Blind Center’ represented by its President Mr. Praveen Chakravarthy who indulged Christian Conversions.
— Legal Rights Protection Forum (@lawinforce) December 5, 2019
Sought cancellation of its FCRA, Freeze Bank Accounts & investigation into his other activities. pic.twitter.com/a03orNAjZs
वीडियो में प्रवीण चक्रवर्ती को तेलुगु में कहते सुना जा सकता है कि वो ‘पत्थरों के भगवान’ को लात से मारेगा और पेड़ों (नीम, पीपल और तुलसी जैसे पवित्र पेड़-पौधे) को भी लात मारेगा। उसने उस वीडियो में पूरे गाँव को ईसाई बनाने को लेकर बातें की थीं। उसने दावा किया था कि बाइबिल पढ़ा कर गाँवों को ‘क्राइस्ट विलेजेज’ बनाया जाता है। उसने दावा किया कि वो खुद कई बार देवी-देवताओं की प्रतिमाओं को लात मार चुका है और अपनी इस हरकत पर वो खुश है।
BIG EXPOSE:
— Legal Rights Protection Forum (@lawinforce) January 11, 2021
“We’ve 3642 Pastors in our association & have made 699 Christ Villages so far. Will make it 700 in a month”
..More shocking facts revealed by Pastor Praveen Chakravarthy (who is notorious for kicking Hindu Gods’ idols) during an online discussion with his US Donor. https://t.co/UqzmmGfuYF pic.twitter.com/kf7GTD3yPH
‘सीलोम ब्लाइंड सेंटर’ की स्थापना 1989 में हुई थी। संस्था अनाथों, बुजुर्गों और विधवाओं की मदद करने का दावा करती है। उनके लिए शिक्षा, घर, दवा और कपड़े उपलब्ध कराने का दावा करती है। संस्था पर 2012 में 15000, 2013 में 37000, 2014 में 2.92 लाख और 2015 में 6 लाख ईसाई धर्मांतरण कराने के आरोप लगे हैं। यूएस का लाइफपॉइंट चर्च मिशनरी इस संस्था को अपना ब्रांच बताता है।
शिकायत में यह भी कहा गया कि सेंटर कभी भी किसी मामले में संबंधित अधिकारियों को सूचित नहीं करता था और बाल श्रम करवाने वाले आरोपितों को बिना सजा दिलवाए जाने देता थे। इसमें लिखा है कि इस एनजीओ के विरुद्ध कार्रवाई होनी चाहिए क्योंकि इसने भारत को ऐसा दर्शाया है जैसे यहाँ पर अधिकांश मात्रा में गुलाम जनसंख्या रहती हो। इसके अलावा इस एनजीओ ने लॉकडाउन नियमों का भी पालन नहीं किया जिसके कारण 318 बच्चे कोविड पॉजिटिव पाए गए।