अयोध्या विवाद मामले पर आज सुप्रीम कोर्ट की पाँच जजों की पीठ ने विवादित ज़मीन पर रामलला के हक़ में फ़ैसला सुनाया। सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को राम मंदिर बनाने के लिए तीन महीने में ट्रस्ट बनाने का निर्देश दिया है। साथ ही मुस्लिम पक्ष को नई मस्जिद के निर्माण के लिए अलग से पाँच एकड़ ज़मीन देने का निर्देश भी दिया है।
दरअसल, लिबरल गैंग अब तक यह रवैया अपनाता आया है कि राम जन्मभूमि पर अस्पताल, स्कूल या सार्वजनिक उपयोग के लिए किसी अन्य संरचना का निर्माण होना चाहिए। उनके इस रवैये ने दोनों समुदायों के लोगों की भावनाओं को आहत करने के काम किया था, बावजूद इसके वो कभी भी अपने इस रुख़ से नहीं डिगे। 2017 में, भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने लिबरल्स के इस रवैये पर बेहद तीखी प्रतिक्रिया दर्ज की थी। उस समय स्वामी ने सुझाव दिया था कि मंदिर की देख-रेख के लिए पवित्र सरयू नदी के विपरीत किनारे पर एक मनोरोग उपचार सुविधा केंद्र का निर्माण किया जाना चाहिए।
For those e.g Rajdeep who want hospital on Ramjanmabhoomi I suggest a mental hospital 10 kms across Saryu River with a window to see temple
— Subramanian Swamy (@Swamy39) October 16, 2017
अयोध्या विवाद मामले पर आए फ़ैसले के बाद सोशल मीडिया पर यह ट्वीट फिर से वायरल हो रहा है। सुब्रमण्यम स्वामी, भाजपा के सभी नेताओं की तरह, अयोध्या में एक भव्य राम मंदिर बनाने के मुखर प्रस्तावक रहे हैं। इसके अलावा, सोशल मीडिया पर वो अपनी सीधी-सादी टिप्पणियों के लिए भी जाने जाते हैं।
इससे पहले, उन्होंने सुझाव दिया था कि सीताराम येचुरी को रामायण पर दुर्भावनापूर्ण टिप्पणी करने से पहले अपना नाम (सीताराम) बदल लेना चाहिए।