किसान आंदोलन के नाम पर पिछले दिनों रिलायंस जियो टावर (Reliance Jio Tower) पर हुए हमले की बाबत पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने पंजाब सरकार और केंद्र सरकार को नोटिस जारी करके जवाब माँगा है। रिलायंस ने इससे पहले कोर्ट में अपनी याचिका दायर करते हुए हस्तक्षेप की माँग की थी। साथ ही कहा था कि तोड़फोड़ की इन गैर कानूनी घटनाओं को पूरी तरह से रोका जाए।
इस मामले की सुनवाई पर सरकार ने कहा कि उन्होंने एक हजार से ज्यादा पेट्रोलिंग पार्टी व सभी जिलों में नोडल ऑफिसर नियुक्त किए हैंं, ताकि रिलायंस की संपत्ति को किसी तरह का कोई नुकसान न हो। पंजाब सरकार का कहना है कि वह इस मामले में गंभीर हैं और किसी भी तरह की संपत्ति को नुकसान न हो, इसका वह पूरा ध्यान रखेंगे व आरोपितों के ख़िलाफ़ कार्रवाई भी होगी। जानकारी के अनुसार, अदालत ने गृह सचिव, केंद्रीय गृह सचिव, पंजाब के गृह सचिव, डीजीपी व दूरसंचार विभाग को नोटिस जारी किया है। अब इन्हें 8 फरवरी तक अपना जवाब देना होगा।
गौरतलब है कि पिछले दिनों राज्य में किसान आंदोलन के नाम पर कई उग्र घटनाएँ दर्ज की गईं। कहीं कुल्हाड़ी से टावरों को काटते हुए प्रदर्शनकारी नजर आए तो कहीं जियो जेनरेटर उखाड़ कर उसे दान देते हुए किसानों ने अपनी शेखी बघारी। ऐसे में लगातार हमले देख कर रिलायंस ने हाईकोर्ट के सामने मदद की गुहार लगाई और कहा कि देश में अभी जिन तीन कृषि कानूनों को लेकर बहस चल रही है, उनके साथ उसका (कंपनी का) कोई लेना-देना नहीं है।
कंपनी ने अपनी याचिका में कहा कि उसे इन कानूनों से किसी तरह का कोई फायदा नहीं हो रहा है। कंपनी ने कहा कि वह कॉरपोरेट या अनुबंध कृषि नहीं करती है। उसने कॉरपोरेट अथवा अनुबंध पर कृषि के लिए पंजाब या हरियाणा या देश के किसी भी हिस्से में प्रत्यक्ष या परोक्ष तौर पर कृषि भूमि की खरीद नहीं की है। इसके अलावा रिलायंस ने भारती एयरटेल के ऊपर किसानों को उकसाने के आरोप लगाए। उनकी ओर कहा गया कि जियो के टावर तोड़े जाने की वजह से हजारों कर्मचारियों के जीवन पर असर पड़ रहा है, साथ ही इंफ्रास्ट्रक्चर को नुकसान पहुँचने से कम्युनिकेशन में दिक्कतें आ रही हैं।