नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान आतंकी हमला करने की साजिश रचने के आरोप में गिरफ्तार कश्मीरी महिला हिना बशीर बेग कोरोना संक्रमित पाई गई है। हिना फिलहाल राष्ट्रीय जाँच एजेंसी (NIA) की हिरासत में है।
दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने NIA को हिना को फौरन लोकनायक जय प्रकाश (एलएनजेपी) अस्पताल में भर्ती कराने का निर्देश दिया है। अदालत ने उसके पति जहांजैब सामी और अन्य आरोपित अब्दुल बासित को न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। दोनों की 10 दिवसीय हिरासत रविवार (जून 7, 2020) को समाप्त हो गई थी और जाँच एजेंसी ने उन्हें और अधिक समय रिमांड में रखने की माँग नहीं की।
आरोपितों का कोरोना परीक्षण 6 जून को अदालत के निर्देश पर किया गया था। राष्ट्रीय जाँच एजेंसी ने अदालत को बताया कि जहांजैब सामी और मोहम्मद अब्दुल्ला की कोरोना रिपोर्ट निगेटिव है, लेकिन हिना बशीर बेग की रिपोर्ट पॉजिटिव पाई गई है।
Delhi’s Patiala House Court directs the National Investigating Agency (NIA) to admit a woman, who tested #COVID19 positive, into Lok Nayak Jai Prakash Hospital with immediate effect. She was earlier arrested in a terror case.
— ANI (@ANI) June 7, 2020
इस बीच, बेग के वकील एमएस खान ने एक अर्जी देकर उसे दो महीने के लिए अंतरिम जमानत देने की माँग की है। इसमें दिल्ली में बढ़ते कोरोना वायरस के पॉजिटिव मामलों की बढ़ती संख्या और अस्पतालों में असुविधा का हवाला दिया गया है। अर्जी पर आने वाले दिनों में सुनवाई होने की संभावना है।
वकील ने अर्जी में कहा है, “दिल्ली कोरोना वायरस संक्रमण के बढ़ते मामलों से निपटने के लिए संघर्ष कर रही है और सरकारी अस्पतालों में उपयुक्त इलाज की सुविधाओं का अभाव है, जिसकी खबरें मीडिया में आने के बाद दिल्ली सरकार को कोविड-19 मरीजों के इलाज के लिए 56 निजी अस्पतालों की सूची जारी करने को मजबूर होना पड़ा है।”
बता दें कि इन आरोपितों को आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट (IS) की विचारधारा को आगे बढ़ाने और नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ विरोध को भड़काने के आरोपों में गिरफ्तार किया गया था।
जानकारी के मुताबिक तीनों आरोपितों के इस्लामिक स्टेट खुरासान प्रांत (ISKP) के साथ कथित संबंध हैं। उन्हें दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने मार्च में गिरफ्तार किया था।
दिल्ली पुलिस ने जब इस मामले में बासित को गिरफ्तार किया, तब वह एक अन्य मामले में पहले से जेल में था। बाद में यह मामला NIA को सौंप दिया गया। NIA ने 20 मार्च को आईपीसी की धारा 120 (बी), 124 (ए) और 153 (ए) के अलावा गैर कानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (UAPA) की संबद्ध धाराओं के तहत मामला दर्ज किया था।
जाँच एजेंसी ने कहा कि आरोपी आतंकी समूह इस्लामिक स्टेट की विचारधारा का प्रसार करने और भारत में आतंकवादी हमले करने की साजिश रच रहे थे। वे आईएसकेपी के लिए लोगों की भर्ती भी कर रहे थे। दिल्ली पुलिस ने इससे पहले कहा था, “एक ऑडियो संदेश में अब्दुल बासित ने जहांजैब से कहा कि वह कुछ ऐसे लोगों को प्रोत्साहित करे जो अकेले ट्रक या लॉरी से रौंदकर लोगों को मार सके।” पुलिस के मुताबिक तीनों अबू उस्मान अल कश्मीरी से संपर्क में थे, जो आईएसकेपी के भारतीय मामलों का प्रमुख है।