मामूली से विवाद के बाद बरेली के इकराम सिंह पर गाँव के लोग अब इस्लाम अपनाने का दबाव बना रहे हैं। समुदाय विशेष के लोगों द्वारा फतवा जारी कर उनके परिवार का हुक्का-पानी बंद करने तक की धमकी भी दी जा रही हैं और इस्लाम ना अपनाने के कारण इकराम सिंह के बच्चों के लिए दूध, सब्जी और राशन भी नहीं खरीदने दिया जा रहा है।
रिपोर्ट के अनुसार, बरेली के परसोना गाँव में इकराम सिंह के परिवार को पलायन के लिए मजबूर किया जा रहा था। हाल ही में इकराम सिंह ने बरेली पुलिस के ट्विटर अकाउंट को टैग करते हुए वीडियो ट्वीट किया था। इकराम सिंह ने इस वीडियो में बताया था कि उनके गाँव के दूसरे मजहब के लोगों ने पंचायत कर उनके परिवार का हुक्का-पानी बंद करने की घोषणा की है।
इकराम सिंह की शिकायत थी कि गाँव के लोग उन्हें अपनी दुकान से सामान तक नहीं खरीदने दे रहे हैं। समाचार पत्र ‘दैनिक जागरण’ की एक खबर के अनुसार, यह भी आरोप है कि इकराम के भाई राजीव को भी धार्मिक टिप्पणी का मुकदमा दर्ज कर फर्जी केस में फंसा दिया गया था। इस भय से जेल से बाहर आने के बाद उनका भाई अपने परिवार के साथ पहले ही गाँव छोड़कर अपने ससुराल में जाकर रहने लगा।
बताया जा रहा है कि जब इकराम सिंह ने पुलिस से शिकायत की तो पुलिस ने गाँव जाकर पंचायत भी की और मामले को शांत करा लिया था, लेकिन इकराम सिंह का कहना है कि पुलिस के जाने के बाद भी हालात नहीं बदले और उन्हें अभी भी पलायन के लिए या फिर इस्लाम अपनाने के लिए मजबूर किया जा रहा है।
ऐसे में, स्थानीय हिंदूवादी संगठनों ने इकराम का हौंसला बढ़ाया और उनके घर पर हनुमान चालीसा के आयोजन की बात कही। मामला बढ़ता देख पुलिस ने गाँव जाकर मामले की जाँच की है और समुदाय विशेष के 3 लोगों के खिलाफ गंभीर धाराओं में प्राथमिकी भी दर्ज कर ली है।
एनबीटी की एक रिपोर्ट के अनुसार, एसपी सिटी रविंद्र कुमार ने कहा कि समुदाय विशेष के तीन लोगों के खिलाफ इकराम सिंह की तहरीर पर एफआईआर दर्ज कर ली गई है और एक पुलिस दल को आरोपितों की तलाश में लगा दिया गया है।