हिन्दू देवी-देवताओं पर अभद्र टिप्पणियों के विरोध में राजस्थान का अजमेर में हिन्दुओं ने ‘शांति मार्च’ निकाला। साथ ही उन्होंने नूपुर शर्मा के समर्थन में भी आवाज़ बुलंद की। रविवार (26 जून, 2022) को निकाली गई इस यात्रा में सब कुछ शांतिपूर्ण ढंग से हुआ। इस दौरान पुलिस ने 20 SHO और 1000 से अधिक जवानों की तैनाती की थी। महिला संतों ने इस मौके पर कहा कि हिन्दुओं की भावनाओं का लगातार अपमान हो रहा है और अभद्र टिप्पणियाँ की जा रही हैं।
उन्होंने कहा कि हमारती बेटियाँ ‘ल जिहाद’ का शिकार हो रही हैं, उन्हें धमकी देकर मारा जाता है और उन पर तेजाब फेंक दिए जाते हैं। साधु-संतों ने कहा कि इन घटनाओं का विरोध करने के लिए वो लोग ये रैली निकाल रहे हैं। इस दौरान स्थानीय भाजपा विधायक अनीता भदेल भी वहाँ मौजूद रहीं। उन्होंने कहा कि हिन्दू समाज हमेशा सद्भाव से रहता है, ऐसे में इसकी भावनाओं को चोट नहीं पहुँचाई जानी चाहिए। ये ‘शांति मार्च’ अजंता पुलिया से लेकर कलेक्ट्रेट तक पहुँचा।
मार्च में कई संगठन शामिल थे और अधिकतर आम लोग थे। उन्होंने अपने हाथों में तिरंगा ले रखा था। भाजपा के भी कई नेता-कार्यकर्ता साथ थे। साधु-संतों ने भी भागीदारी दिखाई। लोको ग्राउंड के पास परशुराम मंदिर से इसका आगाज़ हुआ। कलेक्ट्रेट पहुँच कर हनुमान चालीसा का पाठ किया गया। इस दौरान 10 ड्रोन कैमरों से शहर में नजर रखी जाती रही। राष्ट्रपति के नाक सौंपे गए ज्ञापन में नूपुर शर्मा को धमकी देने वालों, हिन्दू देवी-देवताओं पर अभद्र टिप्पणी करने वालों और देश को खंडित करने का प्रयास करने वालों पर कार्रवाई की माँग की गई।
शांति मार्च को लेकर चप्पे चप्पे पर पुलिस प्रशासन मुस्तैद
— INDIA NEWS RAJASTHAN (@raj_indianews) June 26, 2022
नूपुर शर्मा के समर्थन में निकाले शांति मार्च के रूट पर पुलिस तैनात pic.twitter.com/tIbMC64d3g
व्यापार संघ ने भी इस शांति मार्च के समर्थन में अपनी दुकानें बंद रखीं। कुछ घंटों के लिए अपने-अपने प्रतिष्ठान बंद कर के वो भी मार्च का हिस्सा बने। शांति मार्च में उपस्थित लोगों की संख्या हजारों में थी। बता दें कि काशी ज्ञानवापी विवादित ढाँचे में शिवलिंग मिलने के बाद लगातार इस्लामी कट्टरपंथियों और भीम-मीम समर्थकों ने भगवान शिव का मजाक बनाया था। नूपुर शर्मा को इस्लामी चरमपंथियों ने हत्या से लेकर बलात्कार तक की धमकियाँ दी थीं।