Saturday, July 27, 2024
Homeदेश-समाजशौहर से पहले बेटी को 'दूध' पिलाया तो दे दिया 'तीन तलाक': अहमदाबाद की...

शौहर से पहले बेटी को ‘दूध’ पिलाया तो दे दिया ‘तीन तलाक’: अहमदाबाद की घटना, FIR दर्ज; दहेज के लिए भी ससुराल के लोग करते थे मारपीट

मुस्लिम महिलाओं को इस कुप्रथा से आजादी दिलाने के लिए मोदी सरकार ने जुलाई 2019 में पास हुआ था औऱ इस कानून को अगस्त 2019 में राष्ट्रपति ने मंजूरी दे दी थी। तीन तलाक़ क़ानून के तहत 3 साल की सज़ा और जुर्माने का भी प्रावधान है।

मोदी सरकार ने मुस्लिम महिलाओं के सामाजिक हालात और उन्हें इस्लामिक कुरीति ‘तीन तलाक‘ (Triple Talaq) से बचाने के लिए तीन तलाक पर कानून बनाया है, लेकिन कुछ मुस्लिम अभी भी ‘तीन तलाक’ जैसी कुप्रथा का पालन कर रहे हैं। इसका ताजा मामला गुजरात (Gujrat) के अहमदाबाद (Ahemdabad) से आया है, जहाँ एक मुस्लिम व्यक्ति ने अपनी बीवी को केवल इसलिए ‘तीन तलाक’ दे दिया, क्योंकि उसने अपने शौहर को दूध देने से पहले अपनी बेटी को दूध पिलाने लगी।

रिपोर्ट के मुताबिक, यह घटना अहमदाबाद के करंज की है। तीन तलाक देने के मामले में 31 वर्षीय पीड़ित मुस्लिम महिला ने मंगलवार (15 फरवरी 2022) को अपने शौहर समेत ससुराल के लोगों के खिलाफ केस दर्ज कराया। इसके साथ ही पीड़िता ने मानसिक प्रताड़ना और मारपीट का आरोप लगाया है।

पीड़िता का आरोप है कि 2008 में उसका निकाह हुआ था, जिसके बाद वो अपने शौहर के साथ नादियाड़ शिफ्ट हो गई थी। लेकिन तभी से ससुराल के लोगों ने दहेज के लिए प्रताड़ित करना शुरू कर दिया था। पीड़िता के मुताबिक, उसका शौहर बेरोजगार है, इसलिए भी दहेज के लिए डिमाँड बढ़ती जा रही थी। इसी को लेकर वो उसके साथ आए दिन मारपीट करता था।

टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, पीड़िता के सास-ससुर और शौहर ने दिसंबर 2021 में ही उसे अपने अम्मी-अब्बू से 1 लाख रुपए का दहेज लाने के लिए कहा था। इसके बाद से ही लगातार उसके साथ मारपीट होती रहती थी। इसी तरह से घटना वाले दिन भी पीड़िता के शौहर ने दहेज को लेकर उसके साथ गाली-गलौच और मारपीट की।

इसी दौरान रात के करीब 10 बजे पीड़िता की पाँच साल की बेटी ने उससे दूध औऱ नाश्ता माँगा तो वो उसे दूध और नाश्ता कराने लगी। उसी वक्त शौहर ने भी उससे दूध माँगा, लेकिन पहले बेटी को दूध पिलाने से नाराज शौहर ने पीड़िता को उसके अम्मी-अब्बू और तमाम रिश्तेदारों के सामने ही तलाक-तलाक-तलाक कह दिया। पीड़िता के भाई ने मामले को सुलझाने की कोशिश की, लेकिन बात नहीं बनी। इस बीच अहमदाबाद आकर पीड़िता ने केस दर्ज करा दिया।

तीन तलाक कानून

गौरतलब है कि मुस्लिम महिलाओं को इस कुप्रथा से आजादी दिलाने के लिए मोदी सरकार ने जुलाई 2019 में पास हुआ था औऱ इस कानून को अगस्त 2019 में राष्ट्रपति ने मंजूरी दे दी थी। तीन तलाक़ क़ानून के तहत 3 साल की सज़ा और जुर्माने का भी प्रावधान है।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

प्राइवेट सेक्टर में भी दलितों एवं पिछड़ों को मिले आरक्षण: लोकसभा में MP चंद्रशेखर रावण ने उठाई माँग, जानिए आगे क्या होंगे इसके परिणाम

नगीना से निर्दलीय सांसद चंद्रशेखर आजाद ने निजी क्षेत्रों में दलितों एवं पिछड़े वर्गों के लिए आरक्षण लागू करने के लिए एक निजी बिल पेश किया।

‘तुम कोटा के हो ब#$द… कोटा में रहना है या नहीं तुम्हें?’: राजस्थान विधानसभा में कॉन्ग्रेस विधायक ने सभापति और अधिकारियों को दी गाली,...

राजस्थान कॉन्ग्रेस के नेता शांति धारीवाल ने विधानसभा में गालियों की बौछार कर दी। इतना ही नहीं, उन्होंने सदन में सभापति को भी धमकी दे दी।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -