आज गृह मंत्रालय के प्रवक्ता ने ट्विटर के जरिए एबीपी न्यूज़ पर अफवाहें फैला दिल्ली पुलिस की छवि खराब करने का आरोप लगाया। गृह मंत्रालय ने कहा, एबीपी न्यूज़ का यह दावा बिलकुल गलत है जिसमें उन्होंने दिल्ली हिंसा पर गृह मंत्रालय की किसी संवेदनशील रिपोर्ट तक खुद की पहुँच की बात कही थी। गृह मंत्रालय ने कहा ऐसी कोई रिपोर्ट नहीं है जैसा कि चैनल ने दिखाया है, और उन्हें सलाह दी जाती है कि वो निराधार दावे कर दिल्ली पुलिस जैसी प्रोफेशनल फ़ोर्स की इमेज खराब न करें।
. @ABPNews claims of having access to a sensitive report on #DelhiViolence from @HMOIndia. There is no such report having contents as shown by the channel (snapshots below).
— Spokesperson, Ministry of Home Affairs (@PIBHomeAffairs) March 6, 2020
It is advised to not malign a professional force like @DelhiPolice, by making such baseless claims. pic.twitter.com/54XdhQ1aKB
गृह मंत्रालय ने यह प्रतिक्रिया एबीपी न्यूज़ की उन दो रिपोर्ट्स के पब्लिश होने पर दी जिसमें कहा गया था कि गृह मंत्रालय दिल्ली हिंसा से निपटने के दिल्ली पुलिस के तरीके से असंतुष्ट है और वह इसके लिए जिम्मेदार पुलिस अधिकारियों पर कार्यवाही कर सकता है। एबीपी ने इन दो रिपोर्ट्स में से एक को 3 मार्च और दूसरी को आज जारी किया था।
एबीपी न्यूज़ ने शुक्रवार 6 मार्च को एक आर्टिकल में दावा किया कि गृह मंत्रालय ने दिल्ली पुलिस से जो दिल्ली हिंसा पर रिपोर्ट माँगी थी वो उसे मिल गई है। एबीपी के न्यूज़ आर्टिकल के अनुसार, इस रिपोर्ट में कहा गया है कि इंटेलिजेंस की सूचना के बाद भी दिल्ली पुलिस स्थिति से निपटने में नाकाम रही। फरवरी 22 की रात को जफराबाद मेट्रो स्टेशन के पास सड़क रोक कर बैठ गईं महिलाओं को वो नहीं रोक सकी और न ही दिल्ली हिंसा में बाहरी लोगों के शामिल होने को ही वो रोक पाई।
एबीपी ने सूत्रों के हवाले से यह भी रिपोर्ट किया कि गृह मंत्रालय दिल्ली पुलिस के कई अधिकारियों के खिलाफ सख्त कदम उठा सकती है।
ऐसी ही एक खबर एबीपी ने 3 मार्च को पब्लिश की थी जिसमें भी उसने दावा किया था कि गृह मंत्रालय ने दिल्ली पुलिस से दिल्ली हिंसा पर एक रिपोर्ट माँगी है, जिसके आधार पर वह दोषियों पर कार्यवाही कर सकता है। एबीपी न्यूज़ ने कहा था कि रिपोर्ट मिलने के बाद गृह मंत्रालय दिल्ली पुलिस के उन अधिकारियों पर एक्शन ले सकता है जो दिल्ली हिंसा से निपटने में लापरवाही बरतते पाए जाएँगे।
दिल्ली में तनाव नए नागरिकता कानून के खिलाफ होते प्रदर्शनों के समय से ही लगातार बना हुआ था जिससे निपटने में दिल्ली पुलिस ने अनथक परिश्रम किए। कई वीडियो सामने आए जिनमें दिल्ली पुलिस के अधिकारी लोगों से शांति व्यवस्था बनाए रखने और बाहर न निकलने को कहते नजर आए क्योंकि इलाके में देखते ही गोली मारने के आदेश इशू हो चुके थे।
इसके अतिरिक्त दंगे पर काबू पाने के लिए तत्काल प्रभाव से आईपीएस एसएन श्रीवास्तव को स्पेशल कमिश्नर लॉ एंड आर्डर बना कर लाया गया जो कि उस समय सीआरपीएफ में बतौर एडीजी जम्मू कश्मीर (वेस्ट जोन) में तैनात थे।
IPS SN Shrivastava has been appointed as Special Commissioner (Law and Order) in Delhi Police, with immediate effect.
— ANI (@ANI) February 25, 2020
मीडिया रिपोर्ट्स को नकारते हुए दंगों के दौरान दिल्ली पुलिस ने लगातार इस बात को दोहराया कि उसके पास इस हिंसा से निपटने के लिए ग्राउंड पर फोर्सेज की कमी नहीं है और दिल्ली पुलिस, केंद्रीय पैरा मिलिट्री फोर्सेज के साथ इस हिंसा में निपटने में पूरी तरह सक्षम है।
दिल्ली पुलिस अबतक दिल्ली के इन हिन्दू विरोधी दंगों के लिए गुनहगार ताहिर हुसैन और शूटर मोहम्मद शाहरुख़ समेत कई आरोपियों को गिरफ्तार भी कर चुकी है जिसमें उसके डीसीपी समेत कई अधिकारी न सिर्फ घायल हुए बल्कि रतनलाल नामक दिल्ली पुलिस के कॉन्स्टेबल को अपनी जान भी गँवानी पड़ी।