दिल्ली विश्वविद्यालय में वीर सावरकर की मूर्ति पर कालिख पोतने वाले वाकये के बाद अब JNU में भी ऐसा मामला सामने आया है। लेकिन यहाँ पर वामपंथियों का गढ़ होने के कारण ये मसला सिर्फ़ कालिख पोतने तक सीमित नहीं है बल्कि देश को 2 टुकड़ों में विभाजित करने वाले जिन्ना के नाम से भी जुड़ गया है।
दरअसल, कल खबर आई थी कि जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में सुबनसर हॉस्टल के नजदीक एक सड़क का नाम बदलकर वीर सावरकर मार्ग कर दिया गया, जिसे देखने के बाद वामपंथी काफी आग बबूला हुए और यहाँ तक कहा कि सावरकर के लिए और उनके लोगों के लिए न कभी जेएनयू में जगह थी और न कभी होगी।
अब हालाँकि, कल तक इस मार्ग का सिर्फ़ मौख़िक रूप से विरोध होता दिख रहा था। लेकिन रात भर में ये मामला ओछी हरकतों पर पहुँच गया। पहले मालूम चला है कि इस मार्ग के बैनर पर जहाँ वीर सावरकर मार्ग लिखा था, वहाँ उनका नाम छिपाकर उसके ऊपर बड़ा-बड़ा बीआर अंबेडकर लिख दिया गया और बाद में उस पर भी कालिख पोत दी गई और वहाँ सीधे जिन्ना की तस्वीर चस्पा दी गई। जिस पर मोहम्मद अली जिन्ना मार्ग लिखा था।
जेएनयूसू की अध्यक्ष आइशी घोष ने इन तस्वीरों को अपने फेसबुक पर शेयर किया और लिखा, “हम अपने धर्मनिरपेक्ष ताने-बाने को तोड़-मरोड़ कर रखने वाले अंग्रेजों से माफी माँगने और उन्हें स्वीकार करने वाले कभी नहीं हो सकते। आइए उन लोगों का सम्मान करें जिन्होंने हमें अपना संविधान दिया।”
हालाँकि बता दें कि आइशी द्वारा शेयर की गई तस्वीर में जिन्ना की चस्पा हुई तस्वीरें नहीं हैं। लेकिन सोशल मीडिया पर बोर्ड पर चिपकी जिन्ना वाली तस्वीरें तेजी से शेयर की जा रही हैं। यूजर्स का कहना है कि JNUSU में बैठे जिन्ना के वंशजों ने वीर दामोदर सावरकर मार्ग बोर्ड को छतिग्रस्त कर जिन्ना अली मार्ग का पोस्टर लगा दिया है। अभिव्यक्ति की आड़ में पाकिस्तान परस्ति अब खुल कर सामने आने लगी है।
JNUSU बैठे जिन्ना के वंशजों ने वीर दामोदर सावरकर मार्ग बोर्ड को छतिग्रस्त कर जिन्ना अली मार्ग का पोस्टर लगा दिया है.. अभिव्यक्ति की आड़ में पाकिस्तान परस्ति अब खुल कर सामने आने लगी है। @AshishSainram @shriniwas_hr @Ramesh_Gariya @manoj_kant @ajeetbharti @nidhitripathi92 #JNU pic.twitter.com/uRMGq08wFX
— Ajit Pratap Singh (@iAjitPratap) March 17, 2020
यूजर्स इसे वामपंथियों की राजनीति बता रहे हैं और सवाल पूछ रहे हैं कि क्या हम पाकिस्तान में हैं? और अगर नहीं तो क्या जेएनयू में पाकिस्तानी भर चुके हैं।
शर्मनाक
— Rudra R Sharma (@RudraRaviSharma) March 17, 2020
रातों रात जेएनयू में सावरकर मार्ग के बोर्ड पर कालिख पोतकर जिन्ना के पोस्टर लगाए
क्या हम पाकिस्तान में है ? या जेएनयू में पाकिस्तानी भर चुके है pic.twitter.com/vNF5MPCm0D
लोगों का आरोप है कि इस कुकृत्य को aisa और sfi के गुंडों ने अंजाम दिया है। लेकिन वह चाहकर भी सावरकर के उज्ज्वल नाम को कालीख से नहीं मिटा सकते।
#JNU में देश के महान स्वतन्त्रता सेनानी वीर सावरकर मार्ग के साइन बोर्ड पर कालिख और जिन्ना मार्ग लिखा गया ! #AISA , #SFI के गुंडों ने इस कुकृत्य को अंजाम दिया , सावरकर के उज्ज्वल नाम को कोई कालिख नहीं मिटा सकती ।@sardanarohit @SushantBSinha@RatanSharda55 @RanjitSavarkar pic.twitter.com/Wv0xO9Q7Et
— Ashutosh Singh (@ashutoshabvp_) March 17, 2020
जेएनयू में हुई शर्मनाक हरकत पर लोगों की माँग है कि देश में अब विभाजनकारी मानसिकता को खत्म किया जाना चाहिए। क्योंकि अभिव्यक्ति की आड़ में पाकिस्तान परस्ति अब खुल कर सामने आने लगी है।
देश के स्वतंत्रता सेनानियों का अपमान कब तक? #जेएनयू में सावरकर के नाम पर रखे गए मार्ग पर कालिख पोत, जिन्ना मार्ग लिखा गया|देश में ऐसी विभाजनकारी मानसिकता को खत्म किया जाना बहुत जरूरी है।#JNU pic.twitter.com/2JEbHDM6Ed
— Ashutosh Singh (@ashutoshabvp_) March 17, 2020