भारत में बहुराष्ट्रीय सोशल मीडिया कंपनियाँ अपनी मनमर्जी चलाने पर उतारू हैं। कभी फेसबुक राष्ट्रवादी मीडिया पोर्टलों के विरुद्ध विभिन्न प्रकार के बहाने बना कर कार्रवाई करता है, कभी Twitter राष्ट्रवादियों के हैंडल ब्लॉक कर देता है तो कभी YouTube राष्ट्र और धर्म की बात करने वाले कंटेंट क्रिएटरों को प्लेटफॉर्म छोड़ने पर ही मजबूर कर देता है। इसका एक उदाहरण है ‘सब लोकतंत्र’, जिसकी स्थापना रचित कौशिक ने की थी। YouTube ने बार-बार इस चैनल को बैन कर के हटा दिया।
हालाँकि, रचित कौशिक अब भी ‘SabLoktantra.com’ पर सक्रिय हैं और इस वेबसाइट के माध्यम से समसामयिक मुद्दों पर दुनिया को वीडियो के जरिए अपनी बात पहुँचाते रहते हैं। लेकिन, YouTube पर जो उनके सब्सक्राइबर्स थे, वो अब भी उनके वीडियो का इंतजार करते हैं। ऐसा पहली बार या किसी एक कंटेंट क्रिएटर के साथ नहीं हुआ है। देखा जाए तो अमेरिका में जन्मी ये सोशल मीडिया कंपनियाँ हर देश की राजनीति को अपने हिसाब से नचाना चाहती है।
शुरू से जानें: YouTube ने कैसे ‘सब लोकतंत्र’ चैनल के वीडियोज और फिर चैनल को ही हटाया
आइए, सबसे पहले बात करते हैं कि YouTube ने क्या-क्या कारण गिना कर ‘सब लोकतंत्र’ को उसके वीडियोज हटाने को मजबूर किया और अंत में प्रतिबंधित ही कर डाला। उन्होंने फरहान अख्तर की ‘तूफ़ान’ फिल्म के ट्रेलर की समीक्षा की, जिसमें ‘लव जिहाद’ को बढ़ावा दिए जाने पर उन्होंने आवाज़ उठाई। YouTube ने कहा कि ये ‘Hate Speech (घृणा फैलाने वाला वक्तव्य)’ की श्रेणी में आता है। बताया गया कि वीडियो कंटेंट की समीक्षा के बाद उनकी टीम (YouTube की टीम) ने ऐसा पाया है।
इसके बाद उत्तर प्रदेश का चुनावी विश्लेषण करने के कारण YouTube ने दावा कर दिया कि ये ‘Child Safety Policy (बाल सुरक्षा नीति)’ का उल्लंघन करता है। इस दौरान YouTube ने एहसान जताते हुए कहा कि आपको नहीं पता होगा कि आपने नियमों का उल्लंघन किया है, इसीलिए हम आपके चैनल पर स्ट्राइक नहीं कर रहे हैं। इतना ही नहीं, YouTube ने उस वीडियो को भी उसी तरह हटा दिया, जैसे ‘तूफ़ान’ वाली वीडियो को हटा दिया गया था।
ये दोनों ही वीडियो के विरुद्ध YouTube ने 5 जुलाई, 2021 को ही मेल किया, जो स्पष्ट बताता है कि इस चैनल के विरुद्ध जानबूझ कर रिपोर्टिंग करवाई गई, ताकि इसे YouTube से हटाया जा सके। इसके कुछ दिनों बाद 14 जुलाई, 2021 को YouTube ने एक और मेल भेजा और बताया कि इस वीडियो को हमने हटा दिया है। बार-बार यही ऑटोमेटेड मैसेज साथ में चिपका हुआ आया कि YouTube को सबके लिए सुरक्षित बनाने के लिए ये कदम उठाए जा रहे हैं।
अब आप देखिए, किस तरह YouTube ने भी माना कि ‘सब लोकतंत्र’ का कंटेंट आपत्तिजनक नहीं था। जब वीडियो हटाए जाने के खिलाफ अपील की गई तो 14 जुलाई, 2021 को ही भेजे गए एक मेल में YouTube ने बताया कि उन्होंने ‘सब लोकतंत्र’ के यूपी चुनाव वाले वीडियो की फिर से समीक्षा की है और पाया है कि ये उनके किसी भी नियम-कानूनों का उल्लंघन नहीं करता। साथ ही कहा गया कि कंपनी (YouTube) ने शिकायतकर्ता (सब लोकतंत्र) की अपील पर विचार किया और धैर्य रखने के लिए धन्यवाद भी किया।
अब आते हैं अगस्त 2021 में, जब YouTube ने ‘सब लोकतंत्र’ के एक वीडियो पर सिर्फ इसीलिए आपत्ति जताई, क्योंकि उसमें कुछ रोहिंग्या अपराधियों की गिरफ़्तारी की खबर दी गई थी। ये खबर कई मीडिया पोर्टलों, अख़बारों और टीवी चैनलों पर भी चली, बावजूद इसे आपत्तिजनक बता दिया गया। इसको भी ‘हेट स्पीच’ का बहाना देकर हटा दिया गया। इसमें इस खबर को बताने के साथ-साथ जानकारी दी गई थी कि कैसे रोहिंग्या घुसपैठ करते हैं और फर्जी डाक्यूमेंट्स बनवाते हैं। वही बात, जो कई नेता भी उठा चुके हैं सार्वजनिक रूप से।
इसके बाद YouTube ने बड़ा कदम उठाते हुए ‘सब लोकतंत्र’ नामक चैनल को ही सस्पेंड कर दिया, हमेशा के लिए YouTube से हटा दिया। इसमें कहा गया कि YouTube ने ‘सब लोकतंत्र’ चैनल के खिलाफ अपने दिशा-निर्देशों के आधार पर काफी बार और बड़े-बड़े उल्लंघन पाए हैं, इसीलिए उनका चैनल हटा दिया गया है। दावा किया गया कि यूजर्स को प्रोटेक्ट करने के लिए ऐसा किया गया है। ये सब तब हो रहा है, जब मौलाना-मौलवियों के धमकी भरे और अजीबोगरीब बातें करते वीडियोज YouTube पर खुला मौजूद हैं।
रचित कौशिक ने YouTube के इस तानाशाही भरे रवैये के खिलाफ अपील की। उन्होंने जानना चाहा कि भला उनके किस वीडियो/कंटेंट से किन नियमों का उल्लंघन हुआ है। बताया गया कि उनकी (YouTube) इंटरनल टीम को कोई ऐसा वीडियो ही नहीं मिला, जिसमें नियमों का उल्लंघन हो। साथ ही कहा गया कि उनके यहाँ कोई ‘ग्रीवांस अधिकारी’ ही नहीं है, ऐसा कोई पद ही नहीं है। ये केंद्र सरकार और सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का खुला उल्लंघन है। इन सबके बावजूद कहा गया कि चैनल (सब लोकतंत्र) तो सस्पेंडेड रहेगा।
किस तरह किसी व्यक्ति को जानबूझ कर परेशान किया जाता है, उसका उदाहरण ये है कि रचित कौशिक ने जब ‘बाबा लोकतंत्र’ चैनल के जरिए अपनी बात रखनी शुरू की तो YouTube इसके पीछे भी पड़ गया। इस चैनल को तो बताया भी नहीं गया कि इसके किस वीडियो और कौन से कंटेंट को लेकर क्या परेशानी है और किस नियम-कानून का उल्लंघन किया गया है। सीधा मेल आया कि आपने काफी बार हमारे (YouTube के) कम्युनिटी स्टैंडर्ड्स का उल्लंघन किया है।
ऑपइंडिया ने लगातार कवर किया ‘सब लोकतंत्र’ के खिलाफ YouTube का अन्याय भरा व्यवहार
अंत में आपको बताते चलें कि रचित कैशिक द्वारा चलाए जा रहे एक अन्य चैनल ‘Truth & Dare’ को भी YouTube ने नहीं बख्शा और उसे भी हमेशा के लिए हटा दिया। फरहान अख्तर की ‘तूफ़ान’ ट्रेलर की समीक्षा वाले वीडियो को यूट्यूब द्वारा हटाए जाने से पहले भी इस पर 3 लाख व्यूज आ चुके थे।
यूपी चुनाव वाले वीडियो में असदुद्दीन ओवैसी ने उत्तर प्रदेश में होने वाले 2022 विधानसभा चुनावों को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को जो चुनौती दी थी, उस पर बात की गई थी। इस पर भी रचित कौशिक ने वीडियो बनाया था और मात्र 12 घंटे में ही उस पर 1.35 लाख व्यूज भी आ गए थे। लेकिन, यूट्यूब ने इसे अपनी नीतियों का उल्लंघन मानते हुए प्रतिबंधित कर दिया था।
रोहिंग्या वाले वीडियो में रचित कौशिक ने पूछा था कि अगर आपके घर में चूहे बड़ी संख्या में हो गए हों और उनसे अपना सामान बचाने के लिए कपड़ों की अलमारी व रसोई वगैरह बंद रखना पड़ता हो तो क्या आप अपने घर का मुख्य द्वार खुला छोड़ेंगे? इसके बाद उन्होंने खुद ही इसका जवाब देते हुए कहा था कि आप ऐसा नहीं करेंगे, क्योंकि आपको पता है कि एक बार चूहे घर में घुस गए तो उन्हें निकालना बड़ा मुश्किल है।
चैनल को पूर्व रूप से YouTube से हटाए जाने के बाद ऑपइंडिया से बात करते हुए रचित कौशिक ने कहा था, “नए IT नियमों के तहत ऐसी कंपनियों के लिए अनिवार्य है कि वो एक भारतीय ग्रीवांस अधिकारी की नियुक्ति करें। गूगल और यूट्यूब ने इसे पहले ही मान लिया था। लेकिन, अब मैं जब उनसे उनके ग्रीवांस अधिकारी का एक्सेस माँग रहा हूँ तो वो मुझे नहीं मिल रहा है। उनके ग्रीवांस अधिकारी से कैसे संपर्क किया जाए, उनका ईमेल एड्रेस क्या है, ये सब कुछ नहीं बताया जा रहा है।”