Wednesday, November 20, 2024
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‘पति कोरोना संक्रमित था, हॉस्पिटल से गायब है’: अस्पताल का दावा- परिवार को बता दाह-संस्कार किया

अस्पताल प्रशासन का कहना है कि 1 मई को महिला का पति कोरोना संक्रमित पाया गया था। उसे साँस लेने में दिक्कत व निमोनिया की परेशानी थी। इसके कारण उसकी मौत हो गई। घर वालों को सूचित करके उसका दाह-संस्कार करवा दिया गया था।

हैदराबाद में कोरोना संक्रमित व्यक्ति के अस्पताल में भर्ती होने के बाद लापता होने की घटना सामने आई है। मरीज की पत्नी ने आरोप लगाया है कि संक्रमण का शिकार होने के कारण उसके पति को अस्पताल में भर्ती कराया गया था, लेकिन अब वो वहाँ से गायब है।

हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, वनसथल्लीपुरम कॉलोनी की निवासी अलमपल्ली माधवी ने अपने पति की गुमशुदगी की सूचना ट्विटर पर राज्य के आईटी मंत्री केटी रमा राव को दी है।

दुखड़ा व्यक्त करते हुए महिला ने बताया कि उसका 42 वर्षीय पति, जो एक चावल की मिल में काम करता था, वो अस्पताल में भर्ती होने के बाद से लापता है।

उसने बताया कि उसके पति को 27 अप्रैल को किंग कोठी अस्पताल में भर्ती करवाया था। बाद में उसे 30 अप्रैल को गाँधी अस्पताल शिफ्ट कर दिया गया। महिला के अनुसार, उसे और उसकी दो बेटियों को भी कोरोना वायरस के कारण अस्पताल में भर्ती किया गया था, पर 16 मई को ये तीनों डिस्चार्ज हो गईं। मगर, उसके पति का कुछ नहीं मालूम चल पाया।

अस्पताल प्रशासन का कहना है कि 1 मई को महिला का पति कोरोना संक्रमित पाया गया था। उसे साँस लेने में दिक्कत व निमोनिया की परेशानी थी। इसके कारण उसकी मौत हो गई। घर वालों को सूचित करके उसका दाह-संस्कार करवा दिया गया था।

वहीं, माधवी का आरोप है कि अस्पताल प्रशासन ने उससे किसी प्रकार की अनुमति नहीं माँगी और न ही अपने दावे से जुड़े कोई सबूत पेश किया।

माधवी ने कहा, “16 मई को, जब हम डिस्चार्ज हुए, मैंने पति के बारे में पूछा, मगर उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया। उन्होंने पहले कहा कि वे वेंटिलेटर पर हैं लेकिन बाद में बोलने लगे कि वे जिंदा नहीं हैं। हम आपने निवेदन करते हैं कि मेरे पति के लापता होने की जाँच में हमारी मदद करें।”

माधवी ने संवाददाताओं से भी बातचीत में कहा कि उसे पूरा यकीन है कि उसका पति जिंदा हैं। उसने चुनौती देते हुए कहा, “उन्हें सबूत दिखाने दीजिए कि उन्होंने जानकारी दी और किससे उन्होंने सहमति या अनापत्ति पत्र प्राप्त किया।”

अस्पताल प्रशासन ने जारी किया बयान

गाँधी अस्पताल के सुप्रीटेंडेंट डॉ. एम राजा राव ने इस संबंध में दिए अपने बयान में महिला के प्रति सहानुभूति व्यक्त की और अस्ताल के डॉक्टरों पर इल्जाम लगाने को गलत बताया।

उन्होंने कहा, “प्रक्रिया के अनुसार, परिवार के सदस्यों को सूचित किया गया था और प्रोटोकॉल का पालन करते हुए, शव को पुलिस को सौंप दिया गया। जाँच करने पर ज्ञात हुआ कि जीएचएमसी द्वारा शव का अंतिम संस्कार किया गया था। जहाँ सभी नियत प्रक्रियाओं का पालन किया गया।”

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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