Friday, April 26, 2024
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गर्भवती पत्नी से मारपीट, जान से मारने की कोशिश, कागज पर लिखा तलाक़-तलाक़-तलाक़

"वो मुझे अपने पिता से कार, घर माँगने के लिए मजबूर करते थे और जब मैं ऐसा करने से मना करती थी तो वो मेरे साथ मारपीट करते थे। वो मुझे एक बार जान से मारने की कोशिश भी कर चुके हैं। तीन महीने पहले उन्होंने मुझे एक पेपर पर तीन तलाक दिया था।"

देश में मुस्लिम महिलाओं को तीन तलाक विधेयक पास होने के बाद थोड़ी राहत मिली है, जिन मामलों को लेकर औरतें अभी तक शांत थीं, उन मामलों पर उनकी आवाजें उठने लगीं हैं। हालिया मामला हैदराबाद की रहने वाली एक 20 वर्षीय महिला का है जिसने अपने पति पर तीन तलाक का आरोप लगाया है।

महिला के मुताबिक, उसके पति ने उसे उस समय एक पेपर पर लिखकर तीन तलाक दिया जब वो प्रेगनेंट थी। महिला बताती है, “वो मुझे अपने पिता से कार, घर माँगने के लिए मजबूर करते थे और जब मैं ऐसा करने से मना करती थी तो वो मेरे साथ मारपीट करते थे। वो मुझे एक बार जान से मारने की कोशिश भी कर चुके हैं। तीन महीने पहले उन्होंने मुझे एक पेपर पर तीन तलाक दिया था।”

गौरतलब है तीन तलाक बिल लोकसभा और राज्यसभा से पास होने के बाद मुस्लिम महिलाओं से एक साथ तीन तलाक को अपराध करार देने वाले ऐतिहासिक विधेयक को बुधवार देर रात राष्‍ट्रपति रामनाथ कोविंद ने अपनी मंजूरी दे दी है। राष्‍ट्रपति के इस विधेयक पर हस्‍ताक्षर करने के साथ ही मुस्लिम महिला (विवाह अधिकार संरक्षण) विधेयक अब कानून बन गया है। इस कानून को 19 सितंबर 2018 से लागू माना जाएगा।

इस बिल के मुताबिक तीन तलाक से जुड़ा अपराध संज्ञेय तभी होगा, जब महिला इसकी शिकायत खुद करेगी या फिर खून या शादी के रिश्ते वाले सदस्यों के पास भी केस दर्ज कराने का अधिकार रहेगा। पड़ोसी या कोई अनजान शख्स इस मामले में केस दर्ज नहीं करा सकता है।

देश में तीन तलाक के बढ़ते मामलों और मुस्लिम महिला पर होते अत्याचार के मद्देनजर मोदी सरकार ने इस बिल को लोकसभा में 25 जुलाई को और 30 जुलाई को राज्यसभा ने मुस्लिम महिला (विवाह अधिकार संरक्षण) विधेयक को अपनी स्‍वीकृति दी थी। बिल के क़ानून बनने के बाद ये तय हो गया है कि 19 सितंबर 2018 के बाद जितने भी तीन तलाक़ के मामले सामने आए हैं उन सभी का निपटारा इसी क़ानून के तहत किया जाएगा।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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