जम्मू-कश्मीर में हिंदुओं का नरसंहार करने वाले आतंकवादी यासीन मलिक को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है। टेरर फंडिंग के मामले में उसे मलिक को उम्रकैद के साथ ही उस पर 10 लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया गया है। इस बीच वीर बलिदानी स्क्वाड्रन लीडर रवि खन्ना की पत्नी निर्मल खन्ना ने मलिक को फाँसी देने की माँग की है। उन्होंने कहा कि इससे कम कुछ भी मंजूर नहीं है।
उन्होंने कहा कि वो मेरे पति को मारकर 32 साल 4 महीने तक घूमता रहा, और क्या चाहेगा? इसके साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि वो पूर्व पीएम डॉ मनमोहन सिंह को अपना प्रेरणास्त्रोत मानती थीं, लेकिन जब मनमोहन सिंह यासीन मलिक से मिले और दोनों ने ठहाके लगाए तो उन्हें इसका दुःख हुआ। निर्मल खन्ना के मुताबिक, ये तो टेरर फंडिंग के मामले में सजा सुनाई गई है। हमारा जो केस है वो हत्या का है और उसमें फाँसी से कम कुछ भी स्वीकार नहीं है।
वायुसेना अधिकारी की पत्नी ने कहा, “उसने तो उनके पति को केवल 28 गोलियाँ मारी थी, लेकिन हुकूमतों ने तो 32 साल 4 महीने तक मारा। देशद्रोही कोई भी हो, उसे वही सजा देनी चाहिए जो देशद्रोह के मामले में देनी चाहिए। लेकिन, मेरे केस में मैं तो यही कहूँगी ‘खून का बदला खून’ होना चाहिए।”
इससे पहले मलिक को दोषी करार दिए जाने के बाद उन्होंने कहा था कि रवि खन्ना का खून उसका पीछा कर रहा है। वो बचेगा नहीं।
क्या था पूरा मामला
गौरतलब है कि वर्ष 1990 में जम्मू-कश्मीर में भारतीय वायुसेना के 4 निहत्थे जवानों की हत्या कर दी गई थी। इनमें स्क्वाड्रन लीडर रवि खन्ना भी शामिल थे। जिन आतंकियों ने जवानों की हत्या की थी, वे यासीन मलिक द्वारा संचालित आतंकी संगठन के सदस्य थे। यह घटना जनवरी 25 1990 को हुई थी।
स्क्वाड्रन लीडर रवि खन्ना की पत्नी निर्मल खन्ना अपने पति के हत्यारों को सज़ा दिलाने के लिए लड़ रही हैं। भारतीय वायुसेना के इन जवानों की हत्या तब की गई थी, जब उनके पास कोई भी हथियार नहीं था। वे एयरपोर्ट जाने के लिए बस का इन्तजार कर रहे थे।