काशी और मथुरा की मुक्ति पर स्वामी गोविंद देव गिरी महाराज ने बड़ा प्रस्ताव दिया है। उन्होंने कहा है कि अयोध्या की मुक्ति के बाद अब यदि हिंदुओं को ये दो मंदिर प्रेम से मिल जाएँ तो वे उन सैकड़ों मस्जिदों पर दावा छोड़ देंगे जो मंदिरों को ध्वस्त कर खड़ी की गईं हैं। स्वामी देव गिरी श्री राम जन्मभूमि तीर्थक्षेत्र ट्रस्ट के कोषाध्यक्ष हैं।
22 जनवरी 2024 को अयोध्या के भव्य राम मंदिर में भगवान रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा बाद आयोजित समारोह के दौरान उनका दिया संबोधन काफी वायरल हुआ था। अब मथुरा और काशी के मंदिरों की मुक्ति को लेकर उन्होंने यह प्रस्ताव पुणे में दिया है। यहाँ उनके जन्मदिन पर 4 से 11 फरवरी के बीच कई कार्यक्रमों का आयोजन हो रहा है।
स्वामी गोविंद देव गिरी ने पुणे में कहा, “तीन मंदिर (अयोध्या, मथुरा, काशी) मुक्त होने पर हम अन्य मंदिरों पर ध्यान देने की इच्छा भी नहीं करते हैं। हम लोगों को भविष्य काल में जीना है ना कि भूत काल में। देश का विकास होना चाहिए। यदि यह तीन मंदिर हमें शांति से मिल जाते हैं तो हम प्रेमपूर्वक सारी बातें भूल जाएँगे।”
#WATCH | Pune, Maharashtra: Treasurer of Sri Ram Janambhoomi Trust Govind Dev Giri Maharaj says "We do not even desire to look at the other temples if three temples are freed because we have to live in the future and not in the past. The country’s future should be good and if we… pic.twitter.com/D4d4fQgViz
— ANI (@ANI) February 5, 2024
इन तीन मंदिरों के अलावा अन्य धार्मिक स्थलों के विषय में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, “उन लोगों को हम समझाएँगे, सारे स्थानों के लिए एक जैसी बात नहीं की जा सकती। कहीं-कहीं समझदार लोग होते हैं, कहीं नहीं होते। जहाँ जैसे व्यक्ति हैं, उस प्रकार से समझाने का प्रयास करेंगे, हम अशांति नहीं फैलने देंगे।”
उन्होंने मीडिया से ज्ञानवापी के मुद्दे पर बात करते हुए कहा, “हमारी हाथ जोड़ कर प्रार्थना है कि इन तीन मंदिरों को सौंप दिया जाना चाहिए, क्योंकि आक्रान्ताओं के हमारे पर किए गए आक्रमण के घाव हैं। इसके कारण लोगों के अन्तः करण में वेदना है। राष्ट्रीय समाज में एक वेदना है। अगर इसको यह लोग (मुस्लिम) दूर कर देते हैं, तो भाईचारा बढ़ने में सहयोग मिलेगा।”
#WATCH | On Gyanvapi issue, Swami Govind Dev Giri Maharaj says, " I appeal with folded hands that all these 3 temples (Ayodhya, Gyanvapi and Krishna Janmabhoomi) because these are biggest scars of the attacks done by invaders. People are in pain, if they (Muslim side) can heal… pic.twitter.com/SN0WdZ72iV
— ANI (@ANI) February 5, 2024
स्वामी गोविन्द देव गिरी ने यह बयान अपने जन्मदिन पर पुणे में आयोजित कार्यक्रम के दौरान दिया। इस दौरान काफी बड़ी संख्या में लोग उपस्थित थे। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के सर संघचालक मोहन भागवत और आध्यात्मिक गुरु श्रीश्री रविशंकर जैसी कई बड़ी हस्तियाँ भी मौजूद थीं।
गौरतलब है कि हाल ही में रामजन्मभूमि पर चली लम्बी लड़ाई के बाद अयोध्या के राम मंदिर में प्राण-प्रतिष्ठा हुई है। अब वाराणसी में ज्ञानवापी ढाँचे के नीचे हिंदू मंदिर होने की बात ASI के सर्वे से सामने आई है। मथुरा के कृष्ण जन्मभूमि की मुक्ति को लेकर भी मामला कोर्ट में है।
स्वामी गोविंद देव गिरी का बयान इसी सम्बन्ध में आया है। स्वामी देव गिरी एक मराठी परिवार से आते हैं। संन्यास से पहले उनका नाम आचार्य किशोरजी मदनगोपाल व्यास था। उनका जन्म 1949 में महाराष्ट्र के बेलापुर में एक ब्राह्मण परिवार में हुआ था। वह वेद, उपनिषद का ज्ञाता हैं और उन्हें दर्शनाचार्य की उपाधि मिली है। वे रामायण, महाभारत और शिव पुराण जैसे ग्रंथों के भी ज्ञाता हैं।
उन्होंने साल 2006 में कांची कामकोटि पीठ के स्वामी जयेंद्र सरस्वती से दीक्षा लेकर संन्यास लिया था। वर्तमान में वह श्रीराम जन्मभूमि तीर्थक्षेत्र के कोषाध्यक्ष हैं। राम मंदिर प्राण-प्रतिष्ठा के बाद उन्होंने ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का व्रत खुलवाया था।