आयकर (IT) विभाग ने महाराष्ट्र के उप-मुख्यमंत्री और NCP नेता अजीत पवार के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की है। उनसे जुड़ी 1000 करोड़ रुपए की संपत्ति को जब्त कर लिया गया है। उनसे जुड़ी ये संपत्तियाँ महाराष्ट्र, गोवा और दिल्ली में मौजूद हैं। मंगलवार (2 नवंबर, 2021) को ये जानकारी दी गई। अजीत पवार से जुड़ी जिन संपत्तियों को अटैच किया गया है, उनमें उनकी एक कोऑपरेटिव चीनी मिल भी शामिल है। पिछले महीने चलाए गए एक गहन तलाशी अभियान में अजीत पवार की 184 करोड़ रुपए की अवैध कमाई का पता चला था।
इसके बाद ताज़ा कार्रवाई की गई है। इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के बेनामी विंग ने ये कार्रवाई की है। अभी इस मामले में जाँच जारी है और संपत्तियों को जब्त करने की कार्रवाई भी जाँच का ही हिस्सा है। सतारा में स्थित जरांदेश्वर चीनी मिल के अलावा मुंबई स्थित एक परिसर को भी IT विभाग ने अपने नियंत्रण में ले लिया है। गोवा में उनका एक रिसॉर्ट भी है, जो अब आयकर विभाग न अटैच कर लिया है। महाराष्ट्र में अलग-अलग जगहों पर उनकी 27 जमीनें अब IT विभाग के नियंत्रण में हैं।
इन संपत्तियों की मौजूदा बाजार कीमत 1000 करोड़ रुपए के आसपास है, लेकिन इनकी ‘बुक वैल्यू’ काफी कम है। बताया जा रहा है कि इनमें से कोई भी संपत्ति सीधे अजीत पवार के नाम पर पंजीकृत नहीं हैं, अर्थात उनके करीबियों की हैं। पिछले महीने अजीत पवार से जुड़े व्यापारिक प्रतिष्ठानों में छापेमारी के बाद IT विभाग को 184 करोड़ रुपए की छिपी हुई कमाई का पता चला था। बताया जा रहा है कि ये अजीत पवार के रिश्तेदारों के थे। डीबी रियल्टी और शिवालिक ग्रुप नाम की ये कंपनियाँ उनके बेटे और बहन के नाम पर रजिस्टर्ड हैं।
Income Tax Department has attached properties of Maharashtra Deputy CM Ajit Pawar worth Rs 1000 cr. Five properties including Nirmal Tower at Nariman Point, Mumbai has been attached by IT Dept. Last month, IT Dept conducted raids at houses& companies of sisters of Pawar: Sources pic.twitter.com/WaCD71BfIa
— ANI (@ANI) November 2, 2021
7 अक्टूबर, 2021 को शुरू हुआ ये तलाशी अभियान मुंबई, पुणे, बारामती, गोवा और जयपुर के 70 लोकेशनों पर चला था। जिन संपत्तियों को जब्त किया गया है, उनमें दक्षिणी मुंबई निर्मल टॉवर और दिल्ली के पॉश इलाके में स्थित एक फ्लैट भी शामिल है। ये कार्रवाई ‘बेनामी लेनदेन निषेध अधिनियम (Prohibition of Benami Property Transactions Act), 1988’ के तहत की गई है। IT विभाग को अजीत पवार से जुड़ी कंपनियों द्वारा बड़ी मात्रा में अवैध लेनदेन और अनसिक्योर्ड लोन की जानकारी मिली है।