Sunday, September 1, 2024
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राजधानी, दुरंतो और शताब्दी ट्रेन में महिला और दिव्यांगों के लिए होगा अलग से कोच

इन ट्रेनों में पहले से एलएचबी कोच लगे हुए हैं। अभी तक इन ट्रेनों में दो एलएचबी पावर कोच होते हैं जो पूरे ट्रेन में बिजली की सप्लाई करने के साथ ही एसी को भी पावर देते हैं।

भारतीय रेलवे ने महिलाओं और दिव्यांगों की सुरक्षा और सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए बड़ा फैसला किया है। जल्द ही राजधानी, दुरंतो और शताब्दी जैसी प्रीमियम ट्रेनों में महिलाओं और दिव्यांगों के लिए अलग से कोच लगाया जाएगा। वर्तमान में महिलाओं के लिए इन प्रीमियम ट्रेनों में स्पेशल कोच की व्यवस्था नहीं थी। हालाँकि, पैसेंजर ट्रेन में महिलाओं के लिए एक बोगी आरक्षित होती है। इस बोगी में पुरुष यात्री सवार नहीं हो सकते हैं। सिर्फ 12 साल से कम के बच्चे, महिला बोगी में सवार हो सकते हैं। खबर है कि रेलवे प्रशासन इन ट्रेनों के पावर कार को अपग्रेड करने की तैयारी कर रही हैं।

इससे पहले इन ट्रेनों में पहले से एलएचबी कोच लगे हुए हैं। अभी तक इन ट्रेनों में दो एलएचबी पावर कोच होते हैं जो पूरे ट्रेन में बिजली की सप्लाई करने के साथ ही एसी को भी पावर देते हैं।

प्रीमियम ट्रेनों अब एक ही पावर कोच होगा

अपग्रेडेड पावर कार के बाद एक ही कोच इन कामों के लिए पर्याप्त होगा। रिपोर्ट के अनुसार रेलवे अधिकारियों का कहना है कि जब एक ही पावर कोच होगा, तो ऐसे में एक अतिरिक्त कोच की जगह बनती है। ये अतिरिक्त कोच ही महिलाओं और दिव्यांग लोगों के लिए आरक्षित होगा।

अधिकारियों ने कहा कि एक नॉन-एसी कोच पूरी तरह एसी कोच वाली ट्रेन के साथ अटैच होगा। इससे इसका किराया कम होगा। अधिकारियों का कहना है कि इंटीग्रल कोच फैक्ट्री, जो रेलवे के लिए रेक का निर्माण करती है, ने पावर कार के दो प्रोटोटाइप रेक तैयार किए हैं।

लेडिज कोच को बीच में लगाने का फैसला

इससे पहले रेलवे ने पिछले साल ट्रेनों में महिला कोचों को ट्रेन के बीच में लगाने का फैसला किया था। इससे पहले ट्रेनों में महिला कोच को सबसे पीछे या कई ट्रेनों में सबसे आगे लगाया जाता था। रेलवे की तरफ से यह फैसला सुरक्षा की दृष्टि से उठाया गया था।

इसके अतिरिक्त महिलाओं के लिए आरक्षित डिब्बे को अलग रंग देने का भी निर्णय लिया गया था। साथ ही, महिलाओं के लिए आरक्षित इन कोच में सीटीटीवी कैमरे के साथ की खिड़कियों पर जाली लगाने की भी बात कही गई थी। रेलवे ने साल 2018 को महिला सुरक्षा वर्ष के रूप में भी मनाया था।

वर्तमान में भी महिलाओं के लिए रेलवे की तरफ से कई सुविधाएँ दी जा रही हैं। जैसे कि, 45 साल से ज्यादा उम्र की महिलाओं को महिला कोटा के तहत प्राथमिकता दी जाती है। इसमें 3 साल तक का बच्चा भी शामिल है। यह सुविधा स्लीपर और एसी दोनों क्लास में उपलब्ध है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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