झारखंड पुलिस ने शुक्रवार (19 जुलाई 2019) को दावा किया कि खूंटी ज़िले में हज़ारों लड़कियों को ख़रीदने-बेचने व मानव तस्करी के सरगना पन्ना लाल महतो को गिरफ़्तार कर लिया गया है। महतो की गिरफ़्तारी झारखंड पुलिस एक बड़ी सफलता है।
महतो पर आरोप है कि उसने झारखंड के 5,000 बच्चों को, जिनमें अधिकतर आदिवासी लड़कियाँ थीं, उन्हें नई दिल्ली, हरियाणा और पंजाब में बेच दिया। पुलिस ने उसके क़ब्ज़े से अवैध भूमि सौदों और तस्करी से संबंधित कई दस्तावेज़ भी ज़ब्त किए।
डिप्टी सुपरिटेंडेंट ऑफ़ पुलिस (हेडक्वार्टर) जयदीप लकड़ा ने बताया कि महतों को गुरुवार (18 जुलाई 2019) की आधी रात को खूंटी पुलिस स्टेशन के अंतर्गत आने वाले खूंटी टोला से गिरफ़्तार किया गया। उन्होंने बताया, “हमें एक सूचना मिली कि महतो खूंटी टोला के एक पखनु गंझू के घर पर है। जब हम घर पर छापा मारने पहुँचे, तो उसने अपनी एसयूवी कार से भागने की कोशिश की लेकिन हमने उसे पकड़ लिया।”
इसके आगे उन्होंने बताया,
“हमने एक पीले रंग की फाइल बरामद की जिसमें मानव तस्करी से संबंधित धन के आदान-प्रदान का विवरण, भूमि सौदों से संबंधित एक नीले रंग की डायरी, एक सफेद SUV, विभिन्न बैंकों के चेकबुक, एटीएम कार्ड, गैर-न्यायिक टिकट और अन्य वस्तुएँ बरामद किए।”
इसके अलावा, खूंटी के बाल कल्याण समिति (CWC) ने महतो के ख़िलाफ़ मानव-तस्करी विरोधी इकाई (AHTU) (खूंटी) में भी एक FIR दर्ज की थी। खूंटी में CWC के सदस्य बैद्यनाथ कुमार ने कहा था कि उन्होंने खूंटी ब्लॉक की नाबालिग लड़की की तस्करी में शामिल होने के मामले में अगस्त 2018 में महतो के ख़िलाफ़ मामला दर्ज किया था। उन्होंने बताया,
“लड़की की तस्करी पिछले साल दिल्ली में की गई थी। उसे दिल्ली पुलिस ने बचा लिया था और फिर उसे दिल्ली CWC को सौंप दिया गया था। इसके बाद लड़की को खूंटी CWC लाया गया, जहाँ उसका बयान दर्ज किया गया।”
बैद्यनाथ कुमार के अनुसार,
“लड़की ने अपने बयान में बताया कि उसके साथ मारपीट की गई और यौन शोषण भी किया गया। उसके बयान के आधार पर, पुलिस ने महतो के ख़िलाफ़ धारा-363, 370 (4), 370 (A), 371, 374, 354 (A) और यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण (POCSO) अधिनियम की धारा-8 के तहत FIR दर्ज की गई थी।”
ख़बर के अनुसार, इससे पहले भी महतो को गिरफ़्तार किया जा चुका है। महतो और उसकी पत्नी सुनीता कुमारी को अक्टूबर 2014 में नई दिल्ली के शकूरपुर इलाक़े से मानव तस्करी के आरोप में गिरफ़्तार किया गया था, जब वे किसी अज्ञात स्थान पर भागने के लिए अपना सामान इकट्ठा करने के लिए वहाँ गए थे।
पुलिस ने बताया कि महतो को मानव तस्करी और अन्य मामलों में 2004 और 2006 में भी गिरफ़्तार किया गया था। पुलिस ने कहा कि आरोपित ने रांची, दिल्ली और खूंटी में बड़ी संपत्ति अर्जित कर ली है।
एक NGO का दावा है कि झारखंड से लेकर देश के विभिन्न हिस्सों में हर साल कम से कम 10,000 बच्चों की तस्करी की जाती है। अधिकांश पीड़ितों को घरेलू कामों में और कुछ को वेश्यालय में धकेल दिया जाता है।