पर्यटन को बढ़ावा देने वाले भारत सरकार के अभियान अतुल्य भारत ने अपने एक वेबिनार में विवादित योग शिक्षिका इरा त्रिवेदी को मंच प्रदान किया। ये वही इरा त्रिवेदी हैं, जिन्होंने पिछले साल हिन्दू धर्म पर विवादित बयान दिया था। इसके बाद दूरदर्शन ने उन्हें शो से निकाल दिया था।
इरा के विवादित बयान का विरोध ना सिर्फ दर्शकों ने किया था, बल्कि डीडी के पत्रकार तक ने इरा को होस्ट के रूप में चुनने को लेकर सरकार पर सवाल खड़े किए थे। उनका कहना था कि योग सिखाने वाले गुरुओं की कमी नहीं है, फिर भी दूरदर्शन ने योग के कार्यक्रम के लिए इरा त्रिवेदी जैसी विवादित शख्सियत को क्यों चुना, जिन्हें प्रोटीन की कमी दूर करने के लिए गोमांस का भक्षण जरूरी लगता है?
अब एक बार फिर से भारत सरकार के प्लेटफॉर्म पर इरा त्रिवेदी को जगह दिए जाने और प्रमोट किए जाने से लोग काफी आक्रोशित नजर आ रहे हैं। वे उस अधिकारी को भी बर्खास्त करने की माँग कर रहे हैं जिन्होंने इरा के बारे में सब कुछ जानने के बावजूद उनके नाम को मँजूरी।
सरकार ने क्या सोचकर ये कदम उठाया है, ये तो नहीं कहा जा सकता है। लेकिन लोगों के सवाल भी नजरअंदाज नहीं किए जा सकते। लोगों का कहना है कि क्या योग सिखाने वालों की इतनी कमी हो गई है कि हमें हिंदू से घृणा करने वाले को योग शिक्षक के रूप में अपनाना पड़े।
लोगों का कहना है कि इरा त्रिवेदी जैसे हिन्दू विरोधी को सरकार द्वारा प्रमोट करना दुर्भाग्यपूर्ण है। इससे पार्टी के समर्थकों को भी गहरा आघात पहुँचा है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से माँग की है कि संबंधित मंत्रालय के मंत्री एवं उनके अफसरों को तत्काल प्रभाव से पदच्युत किया जाए।
बता दें कि इरा त्रिवेदी ने हिन्दू धर्म की तुलना इस्लाम से करते हुए हिन्दू धर्म को पिछड़ा और इस्लाम के धर्मग्रंथ कुरान को प्रोग्रेसिव बताया था। सीएनएन न्यूज 18 के साथ उनका 2017 का इंटरव्यू सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था। वायरल वीडियो में, वह गोमांस (बीफ) को प्रोटीन का सबसे सस्ता स्रोत बताती हैं। उनके अनुसार गोमांस कुपोषित लोगों के लिए प्रोटीन का एक महत्वपूर्ण स्रोत है। इसलिए गोमांस पर प्रतिबंध लगाना अनुचित होगा, विशेष तौर पर मुस्लिम समुदाय के लिए।
वीडियो वायरल होने के बाद, इरा के पिछले ट्वीट्स के कई स्क्रीनशॉट भी काफी तेजी से शेयर होने लगे। इसमें इरा हिन्दू धर्म की तुलना इस्लाम से करते हुए आधुनिक हिन्दू धर्म को पिछड़ा और इस्लाम के मजहबी ग्रंथ कुरान को प्रोग्रेसिव बताती हैं। विवाद बढ़ता देख दूरदर्शन ने उनको शो से निकाल दिया था और उनकी जगह यामिनी मुथाना को इस शो की जिम्मेदारी दी गई।
मामले को बढ़ता देख इरा त्रिवेदी ने फिर एक ट्वीट किया जिसमें वह अपनी बात से पलटती और माफी भी माँगती नज़र आई। उन्होंने कहा कि हिन्दू धर्म उनके दिल में है। बाद में इरा ने अपना ट्विटर अकाउंट भी डिलीट कर लिया।
अब जब सरकार ने एक बार फिर से सरकारी प्लेटफॉर्म से इरा को प्रमोट करना शुरू किया तो लोगों ने विरोध करना शुरू कर दिया और सरकार को घेरने लगे। सवाल उठाया गया कि सरकार कैसे एक बार फिर से ऐसे हिंदू विरोधी मानसिकता वाले लोगों के साथ काम करने के लिए तैयार हुई।
NCERT – National Council of Educational Research & Training appointed Nandini Sundar as member for social science text book Class IX curriculum framing 2020-21! Slippery slope – non stop? @PrakashJavdekar Tradition continues @DrRPNishank? @narendramodi https://t.co/2zmNk4aRJK pic.twitter.com/rENa5XZ4mv
— Paanagam (@paanagam) June 21, 2020
गौरतलब है कि इससे पहले भी सरकार ‘द वायर’ के संस्थापक एस वरदराजन की पत्नी नंदिनी सुंदर को शिक्षा समिति में शामिल करने को लेकर सवालों के घेरे में आ गई थी। नेशनल काउंसिल ऑफ एजुकेशनल रिसर्च एंड ट्रेनिंग (NCERT) ने उन्हें सामाजिक विज्ञान पाठ्य पुस्तक कक्षा IX पाठ्यक्रम के लिए 2020-21 का सदस्य नियुक्त किया है। बता दें कि नंदिनी हत्या की आरोपित हैं। ऐसे में उन्हें शिक्षा समिति में शामिल करना सवाल खड़े करता है।
नेशनल काउंसिल ऑफ एजुकेशनल रिसर्च एंड ट्रेनिंग (NCERT) ने नंदिनी सुंदर को सामाजिक विज्ञान पाठ्य पुस्तक कक्षा IX पाठ्यक्रम के लिए 2020-21 का सदस्य नियुक्त किया है ….
— जय बक्क्षी #HDL (@edcjai) June 22, 2020
नंदिनी एक हत्या आरोपी है एवं द वायर के संस्थापक एस वरदराजन की पत्नी ….
द वायर कौन है आप जानते तो होंगे ??