उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में लव जिहाद का मामला सामने आया। आरोप है कि इरशाद अली ने खुद को ईश्वर बताते हुए लड़की को प्रेम जाल में फँसाया। फिर हिंदू रीति-रिवाज से उससे शादी कर ली। इसके बाद मारपीट कर जबरन धर्मांतरण करा दिया। पीड़िता के पिता की शिकायत के आधार पर पुलिस ने FIR दर्ज कर जाँच शुरू कर दी।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, मामला लखनऊ के नाका थाना क्षेत्र का है। पीड़िता के पिता ने पुलिस को दी अपनी शिकायत में कहा है कि आरोपित इरशाद अली उनके घर के पास ही एक किराए के मकान में रहता था। खुद को हिंदू दिखाने के लिए वह अपना नाम ईश्वर बताता था और हाथ में कलावा बाँधता था। शुरुआती जान-पहचान के बाद उसने लड़की से दोस्ती कर ली। इसके बाद प्रेम जाल में फँसा कर हिंदू रीति रिवाज से शादी भी कर ली।
पीड़िता के पिता का आरोप है कि 6 महीने पहले आरोपित इरशाद उनकी बेटी को अपने साथ ले गया। काफी तलाश करने के बाद भी लड़की का पता नहीं चला। हालाँकि इस दौरान उन्हें पता चला कि जिस लड़के से उनकी शादी हुई है वह हिंदू नहीं बल्कि मुस्लिम है। साथ ही वह ईश्वर नहीं बल्कि इरशाद अली है और बाराबंकी जिले का रहने वाला है। यह भी सामने आया कि 24 अप्रैल, 2023 को इरशाद अली ने मौलाना और अपने माता-पिता को बुलाकर बेटी का जबरन धर्मांतरण करा दिया। लड़की के विरोध करने पर इरशाद अली ने उसके साथ मारपीट की।
बेटी के साथ हुई इस घटना और उसके लापता होने को लेकर पीड़िता के पिता ने मामले की शिकायत पुलिस से की। पीड़िता के पिता ने पुलिस पर भी टालमटोल करने का आरोप लगाया। पीड़ित पिता का कहना है कि उन्होंने 12 जुलाई, 2023 को तत्कालीन दारोगा संतोष सोनकर से मामले की शिकायत की थी। इस पर उन्होंने जाँच करने की बात कही थी। दोबारा शिकायत करने पर उन्होंने शिकायती पत्र फाड़ दिया। वरिष्ठ अधिकारियों से शिकायत के बाद पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया है। हालाँकि नाका थाने के इंस्पेक्टर तेज बहादुर सिंह ने शिकायत फाड़ने के आरोपों को निराधार बताया है।
वहीं, इस पूरे मामले में डीसीपी अपर्णा रजत कौशिक का कहना है कि पीड़ित परिवार द्वारा दी गई शिकायत के आधार पर मुकदमा दर्ज हुआ है। पीड़ित परिवार ने इरशाद अली पर कई तरह के आरोप लगाए हैं। आरोपित की तलाश की जा रही है। पीड़िता का मोबाइल नंबर भी सर्विलांस पर डाला गया है।