कोरोना महामारी ने पूरे विश्व को परेशान कर रखा है। इस महामारी से लाखों लोग अपनी जान गँवा चुके हैं। महामारी की वजह से लगाए गए लॉकडाउन की वजह से विश्व की अर्थव्यवस्था अभी तक संघर्ष कर रही है। कोरोना मामलों में लगातार कमी की वजह से लोगों ने राहत की साँस लेना शुरू कर दिया था। हालाँकि, यह राहत बहुत ही कम समय के लिए थी। अब एक बार फिर से विश्व कोरोना की चपेट में है और इसका ज्वलंत उदाहरण चीन है। चीन में ओमिक्रॉन का BF.7 वैरिएंट कोहराम मचा रहा है।
अस्पताल भरे हुए हैं। लोगों का इलाज सड़कों पर हो रहा है। ऐसे में यह प्रश्न उठता है कि क्या BF.7 वैरिएंट कोरोना के अन्य वैरिएंट से ज्यादा खतरनाक है। आइए इस रिपोर्ट में इसकी पड़ताल करते हैं।
कितना खतरनाक है BF.7 वैरिएंट?
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, BF.7 वैरिएंट वाकई में खतरनाक है। इस वैरिएंट में लोगों को अधिक से अधिक संक्रमित करने की क्षमता है। एक रिपोर्ट के मुताबिक, BF.7 वैरिएंट से संक्रमित इंसान अधिकतम 18 लोगों को संक्रमित कर सकता है। यानी, इस वैरिएंट से संक्रमित लोगों से बच कर रहने की जरूरत है क्योंकि ये आसानी से अन्य लोगों को संक्रमित कर सकता है। वहीं आरटीपीसीआर टेस्ट में भी इस वायरस को पकड़ पाना काफी मुश्किल साबित हो रहा है।
इस लिहाज से भी इसे खतरनाक माना जा सकता है। खास कर के जिन्होंने टीका नहीं लगवाया है या जिनकी इम्युनिटी कमजोर है, उनके लिए यह वैरिएंट काफी घातक है।
वहीं एम्स के पूर्व निदेशक रणदीप गुलेरिया भी ओमिक्रोन के इस सबवैरिएंट को खतरनाक बता रहे हैं। उनका कहना है की इस वैरिएंट में इम्युनिटी को चकमा देने की ताकत है। लिहाजा यह वैरिएंट उन्हें भी संक्रमित कर सकता है, जो पहले कोरोना पॉजिटिव हो चुके हैं। साथ ही जिन्होंने वैक्सीन ली है, यह वैरिएंट उन्हें भी संक्रमित कर सकता है। हालाँकि इसकी गंभीरता कम ही रहेगी।
क्या BF.7 वैरिएंट भारत में भी तबाही मचाएगा?
BF.7 वैरिएंट भले ही कोरोना के अन्य वैरिएंट के मुकाबले अधिक खतरनाक है, लेकिन एक्सपर्ट्स की मानें यह वैरिएंट भारत बहुत ज्यादा मुश्किल पैदा नहीं कर पाएगा। इस वैरिएंट से संक्रमित लोग भारत में भी मिले हैं, लेकिन उनमे वायरस के सामान्य लक्षण ही दिख रहे हैं। बकौल गुलेरिया, भारत में इस वायरस से डरने की जरूरत नहीं है। उनका कहना है कि भारत में बीते एक साल में जितने भी सब वैरिएंट सामने आए हैं, वे सभी ओमिक्रोन से ही जुड़े हुए हैं।
कई लोग इससे संक्रमित हो चुके हैं और इस वैरिएंट के खिलाफ भारत के लोगों की इम्युनिटी पहले से ही मजबूत है। वहीं एक रिपोर्ट के अनुसार यह ओमिक्रोन का ही सब वैरिएंट है और इसमें थोड़े से बदलाव हुए हैं। हममे से अधिकतर ओमिक्रोन लहर से गुजर चुके हैं और यह हमें ज्यादा नुकसान नहीं पहुँचाएगा।
क्यों इस वैरिएंट से चीन की हालत हुई पतली?
चीन BF.7 वैरिएंट की वजह से बड़ी मुश्किल में है। वहाँ की मीडिया पर सरकारी नियंत्रण है और देश ने कभी भी कोरोना से संबंधित सही आँकड़े दुनिया के नहीं बताए। हालाँकि इस बार स्थिति इतनी विस्फोटक हो गई कि चीन इसे छुपा नहीं पाया। चीन के स्वास्थ्य इंतेजाम की पोल खोलते कई तस्वीरें और वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुई हैं। कई तस्वीरों में लोग सड़क पर अपना इलाज कराते दिखते हैं। बड़ा सवाल यह है कि चीन में हालात इतने खराब कैसे हो गए, जहाँ से सख्त लॉकडाउन की खबरें आती रही हैं।
दरअसल एक्सपर्ट्स का मानना है कि चीन की ‘जीरो कोविड पॉलिसी’ ने उसे इस कगार पर पहुँचा दिया। साथ ही ऐसी खबरें भी हैं कि वहाँ जनसँख्या के बड़े हिस्से ने कोरोना से बचाव का टीका नहीं लगाया है। चीन में ‘जीरो कोविड पॉलिसी’ की वजह से कोरोना के थोड़े मामले आते ही सख्त लॉकडाउन लगा दिया जाता था, जिससे लोगों घरों या खास क्वारंटाइन सेंटर में कैद हो जाते थे और वायरस के खिलाफ उनकी इम्युनिटी विकसित ही नहीं हुई।
इसे वैज्ञानिक भाषा में ‘हर्ड इम्युनिटी’ कहा जाता है। लिहाजा मामले फैलते हीं वहाँ विस्फोटक स्थिति पैदा हो गई। वहीं रणदीप गुलेरिया का कहना है कि चीन में कोरोना से बचाव के लिए दिए गए टीकों की क्वालिटी भी अच्छी नहीं है। आसान भाषा में कहें तो चीन के लोग BF.7 वैरिएंट से मुकाबला करने के लिए तैयार नहीं थे। यही वजह है कि वहाँ ऐसी स्थिति पैदा हुई।
क्या हैं BF.7 वैरिएंट के लक्षण
इसके लक्षण ओमिक्रॉन के अन्य वैरिएंट के समान हैं। BF.7 वैरिएंट से संक्रमित व्यक्ति में बुखार, खाँसी, गले में खराश, नाक बहना, थकान, उल्टी और दस्त के लक्षण दिखाई दे सकते हैं। यह सब-वैरिएंट कमजोर इम्युनिटी वाले लोगों के लिए खतरनाक साबित हो सकता है। अगर किसी को लंबे समय से बदन दर्द हो रहा है तो उसे कोविड टेस्ट जरुर करवाना चाहिए। वहीं बचाव की अगर बात करें तो कोविड उपयुक्त व्यवहार करके हम इससे बच सकते हैं।
मसलन टीके लगवाना, भीड़-भाड़ से बचना, सार्वजनिक जगहों पर मास्क लगाने इत्यादि हमें इस घातक वायरस से बचा सकता है।