लुधियाना से छपने वाली पंजाबी अखबार ‘रोजाना पहरेदार’ के संपादक जसपाल सिंह हेरां पर हिंदू संगठनों की शिकायत पर मामला तो दर्ज कर लिया गया, लेकिन उन्हें गिरफ्तार नहीं किया गया है। इस बात से खफा हिंदू संगठनों ने प्रदर्शन किया और जगराओं को बंद रखा।
बता दें कि पुलिस प्रशासन ने 295/A व अन्य धाराओं के तहत FIR दर्ज की है, लेकिन अभी तक किसी की भी गिरफ्तारी नहीं हुई है। अखबार के संपादक पर हिंदू संगठनों ने शनिवार (अक्टूबर 9, 2021) को FIR दर्ज करवाई थी और सोमवार (अक्टूबर 11, 2021) तक गिरफ्तार करने का अल्टीमेटम दिया था। सोमवार को जब जसपाल सिंह की गिरफ्तारी नहीं हुई तो हिंदू संगठनों ने शहर में रोष मार्च निकाला और रेलवे पुल पर धरना दिया।
दूसरी ओर संपादक के समर्थन में करीब 20 की संख्या में सिख संगठनों के लोग उतर आए। आक्रोशित भीड़ ने एसएसपी कार्यालय का भी घेराव भी किया। उन्होंने संपादक के खिलाफ दर्ज की गई एफआईआर को रद्द करवाने की माँग की। सिख संगठनों ने एसएसपी गुरदयाल सिंह से मिलकर उन्हें ज्ञापन सौंपा और मुकदमा रद्द करने की माँग की। माहौल तनावपूर्ण होता देख पुलिस ने हल्का बल प्रयोग कर मामले को नियंत्रित किया।
क्या है मामला?
कुछ दिन पहले अकाली दल के प्रधान सुखबीर सिंह बादल ने माँ चिंतपूर्णी के दरबार में माथा टेका था। इसे लेकर ‘रोजाना पहरेदार’ के संपादक ने लेख में विवादित टिप्पणी की थी। इस खबर का शीर्षक था, “अपने पेओ नूं छड सुखबीर पहुँचेआ बेगानी माँ के दरबार।” माता चिंतपूर्णी के लिए ‘बेगानी माँ’ शब्द का इस्तेमाल करने पर हिंदू संगठनों ने रोष जताया।
मामले को लेकर शनिवार को हिंदू संगठनों समेत लोगों ने अखबार के एडिटर के खिलाफ मोर्चा खोलकर रानी झाँसी चौक में धरना दिया आरोपित के खिलाफ नारेबाजी की। इतना ही नहीं, लोगों ने धरना कर हनुमान चालीसा और माता का पाठ करना शुरू कर दिया। इसके चलते शहर में जाम लग गया। धरने की सूचना मिलते ही मौके पर पहुँची पुलिस ने जैसे-तैसे कर ट्रैफिक को दूसरे रास्तों से निकालना शुरू कर दिया।
इस मौके पर पुलिस के आला अफसरों ने धरना खत्म करवाने की कोशिश की, लेकिन गुस्से से भरे लोगों ने स्पष्ट जवाब दिया कि जब तक आरोपित पर कार्रवाई नहीं होती, वह धरने से नहीं उठेंगे। पुलिस ने माहौल गर्माता देख और लोगों की भीड़ को बढ़ता देख आनन-फानन में आरोपित पर केस दर्ज किया। हालाँकि अभी तक गिरफ्तारी नहीं हुई है।