दिल्ली के जहाँगीरपुरी में हनुमान जन्मोत्सव के दिन शोभा यात्रा निकाल रहे हिन्दुओं पर मुस्लिम भीड़ ने पत्थरबाजी और गोलीबारी की, जिसमें श्रद्धालुओं के साथ-साथ कई पुलिसकर्मी भी घायल हुए। इसके बाद दिल्ली पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए 14 मुस्लिम दंगाइयों को गिरफ्तार किया। गिरफ्तार हुए लोगों की कुल संख्या दो दर्जन के करीब है। दंगाइयों पर बुलडोजर भी चला। यहाँ हम आपको सिलसिलेवार ढंग से पूरे घटनाक्रम के बारे में बताएँगे।
सबसे पहले बुधवार (19 अप्रैल, 2022) की रात NDMC (उत्तरी दिल्ली नगरपालिका परिषद) का वो आदेश आया, जिसमें जहाँगीरपुरी के अवैध अतिक्रमणकारियों के अतिक्रमण को ध्वस्त करने की बात थी। इसे एक विशेष कार्यक्रम बताते हुए अतिक्रमण हटाने की बात कही गई। PWD, स्थानीय निकाय और दिल्ली पुलिस की मदद से NDMC ने अतिक्रमण हटाने का ऐलान किया। इसके लिए महिला पुलिसकर्मियों सहित कुल 400 जवानों को लगाने की बात भी कही गई।
अगले दिन सुबह के 9:30 बजे से पुलिसकर्मियों की तैनाती का आदेश दिया गया, 3 दिनों के लिए। हालाँकि, अब सुप्रीम कोर्ट द्वारा इस पर रोक लगाए जाने के बाद संशय पैदा हो गया है कि अतिक्रमण हटाने का अभियान आगे चलेगा या नहीं। NDMC के इस आदेश पर AAP विधायक अमानतुल्लाह खान ने विरोध करते हुए आरोप लगा दिया कि एक खास समुदाय को प्रताड़ित करने के लिए दिल्ली पुलिस और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ये सब कर रहे हैं।
जैसे ही अतिक्रमण हटाने वाला आदेश जारी हुआ, सुबह-सुबह सारे अतिक्रमणकारियों ने सामान समेटना शुरू कर दिया। कुशल सिनेमा के पास चौराहे पर और सीडी पार्क झुग्गी पर भी अवैध कब्जे हैं। MCD इन सभी को हटाने की तैयारी में थी। सुबह इसका पता चलते ही लोगों में अफरा-तफरी मच गई और वो सामान हटाने लगे। उनका कहना था कि वो मजबूरी में ऐसा कर रहे, उनकी रोजी-रोटी इसी से चलती है। अब ये प्रक्रिया बीच में फँस गई है।
सुप्रीम कोर्ट का आदेश आते ही NDMC के मेयर राजा इकबाल ने कहा कि आदेश की कॉपी भले ही उनके पास भले ही नहीं आई हो, लेकिन वो इसका सम्मान करते हुए पालन करेंगे। अधिकतर सामान तो सुबह सीडी पार्क जेजे क्लस्टर एरिया के रहने वाले लोगों ने पहले ही सीमेंट के बोरों में पैक कर लिया था। उन्होंने स्थानीय गोदामों में अपने सामान छिपा दिए। इनमें से अधिकतर कबाड़ की चीजें थीं। सुप्रीम कोर्ट में जमीयत उलेमा-ए-हिन्द ने इस चीज के खिलाफ याचिका दायर की। माकपा नेता वृंदा करात खुद आदेश की कॉपी लेकर जहाँगीरपुरी पहुँचीं।
इसमें उनके एक वकील थे पूर्व केंद्रीय मंत्री और कॉन्ग्रेस नेता कपिल सिब्बल, तो दूसरे सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष दुष्यंत दवे। दुष्यंत दवे वही हैं, जिन्होंने किसान प्रदर्शनकारियों का केस भी लड़ा था। जमीयत ने सुप्रीम कोर्ट, मध्य प्रदेश और गुजरात में भी ऐसे अभियानों के खिलाफ याचिकाएँ दायर कर रखी हैं। अवैध निर्माणों को ध्वस्त करने से पहले प्रक्रिया का पालन न किए जाने का आरोप लगाया गया। पूर्व AAP नेता प्रशांत भूषण और वरिष्ठ अधिवक्ता संजय हेगड़े भी दंगाइयों की तरफ से खासे सक्रिय रहे।
इस दौरान AAP के नेता भी बयानबाजी में व्यस्त रहे और भड़काऊ बातें की। हाल ही में राज्यसभा सांसद बनाए गए राघव चड्ढा ने कह दिया कि भाजपा मुख्यालय पर बुलडोजर चलने से देश भर के दंगे-फसाद ख़त्म हो जाएँगे। यही नहीं, उन्होंने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के घर पर बुलडोजर चलाने की बात करते हुए देश भर में रोहिंग्या-बांग्लादेशियों को बसाने का आरोप भी भाजपा पर ही मढ़ दिया। विपक्षी नेताओं में से कोई हनुमान जयंती शोभा यात्रा पर हुए इस्लामी भीड़ के हमले की बात नहीं कर रहा।