राजस्थान की राजधानी जयपुर की रहने वाली एक महिला द्वारा भगवान शिव पर भद्दी टिप्पणी किए जाने का मामला सामने आया है। इस मामले में ‘हिन्दू आईटी सेल’ की तरफ से शशांक शेखर सिंह ने शिकायत दर्ज कराई है, जिसे FIR में तब्दील कर दिया गया है। हालाँकि, अब तक राजस्थान पुलिस ने इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं की है। काशी के ज्ञानवापी विवादित ढाँचे में शिवलिंग मिलने के बाद विनीता शर्मा ने सोशल मीडिया पर ये टिप्पणी की थी।
भगवान शिव का अपमान करके करोड़ो लोगों के धार्मिक भावना के साथ खिलवाड़ करने वाली @vinitasharmaavi के खिलाफ FIR दर्ज करवाया उम्मीद करता हूं @jaipur_police जल्द से जल्द मोहतरमा के खिलाफ सख्त कार्यवाही करेगी जिस से भविष्य में कोई भी कुछ ऐसा करने से सोचे।@HinduITCell @MODIfiedVikas pic.twitter.com/OoZCancLqk
— शशांक शेखर सिंह (@iSinghShashank) May 19, 2022
शशांक शेखर सिंह ने ट्वीट कर के भी इस मामले की जानकारी दी। उन्होंने FIR की प्रति साझा करते हुए लिखा, “भगवान शिव का अपमान कर के करोड़ों लोगों की धार्मिक भावना के साथ खिलवाड़ करने वाली विनीता शर्मा (ट्विटर हैंडल: @vinitasharmaavi) के खिलाफ FIR दर्ज करवाया। उम्मीद करता हूँ कि जयपुर पुलिस जल्द से जल्द मोहतरमा के खिलाफ सख्त कार्रवाई करेगी, जिससे भविष्य में कोई भी कुछ ऐसा करने से पहले सौ बार सोचे।”
सबसे पहले आपको बताते हैं कि विनीता शर्मा ने अपनी ट्वीट में क्या लिखा था। जिस ट्वीट को लेकर बवाल हो रहा है, उसमें विनीता शर्मा ने लिखा था, “कुएँ में नाउम्मीद पड़ा था तो 4 फ़ीट का था। मीडिया में सच्चे हिन्दू ने सहलाया तो 12 फ़ीट का हो गया। प्यार मिलते ही जिस तेज़ी से लंबाई बढ़ी, अब तो मान लो कि लिंग है।” बता दें कि ये टिप्पणी तब की गई थी, जब मीडिया में ज्ञानवापी ढाँचे में शिवलिंग मिलने से हिन्दू उत्साहित थे।
अभी भी अदालत में इस पर सुनवाई चल रही है। हिन्दुओं की माँग है कि अब जब बाबा विश्वनाथ का शिवलिंग मिल गया है तो ज्ञानवापी में मुस्लिमों के प्रवेश को प्रतिबंधित कर के इसे हिन्दुओं को सौंप दिया जाना चाहिए, ताकि पूजा-पाठ किया जा सके। इस दौरान कई कट्टर मुस्लिमों और वामपंथियों द्वारा भगवान शिव का अपमान करने की बात सोशल मीडिया पर सामने आई। कई जगह गिरफ्तरियाँ भी हुईं। हालाँकि, राजस्थान में अशोक गहलोत के नेतृत्व में कॉन्ग्रेस की सरकार है।
विनीता शर्मा जयपुर में ‘Super SEO Team’ नाम की कंपनी चलाती हैं। इस कंपनी का पता गूगल पर ‘115, जनपथ, नक्षत्र विला रेल नगर, निर्माण नगर, श्याम नगर, जयपुर, राजस्थान, पिन कोड – 302019’ दिखाया जा रहा है। ये एक डिजिटल मार्केटिंग कंपनी है, जो इंटरनेट पर प्रचार-प्रसार का काम करती है। साथ ही ये वेब डिजाइनिंग का काम भी करती है। एक ट्वीट में विनीता शर्मा ने बताया था कि ये उनकी ही कंपनी है।
साइबर क्राइम की FIR में दर्ज शिकायत में लिखा गया है, “ये एक पूर्णरूपेण ईशनिंदा वाला कार्य है और हिन्दू भावनाओं को आहत करने वाला है। ये हिन्दू विचारों और मूल्यों के विरुद्ध भी है। साथ ही ये हिन्दू देवी-देवताओं के प्रति घोर अपमान और और अनादर भी है। इस राष्ट्र को न तो ऐसे लोगों और न ही घृणा फैलाने वाले ऐसे अकाउंट्स की जरूरत है। हम इस व्यक्ति के खिलाफ तुरंत कड़ी कार्रवाई की माँग करते हैं।”
शशांक शेखर सिंह ने अपनी शिकायत में खुद को ‘हिन्दू आईटी सेल’ का वॉलंटियर बताते हुए लिखा है कि विनीता शर्मा ने शिवलिंग की तुलना मानव गुप्तांग से की है, जिससे हिन्दुओं की भावनाओं को ठेस पहुँची है। उन्होंने ध्यान दिलाया कि ये न सिर्फ हिन्दुओं, बल्कि न्यायपालिका की भी अवहेलना है क्योंकि अदालत के आदेश से ही ज्ञानवापी में सर्वे और वीडियोग्राफ़ी हुई। चूँकि इस टिप्पणी से दंगे भड़के की आशंका है, इसीलिए उन्होंने कड़ी कानूनी कार्रवाई की माँग की।
जब हमने इस मामले में विनीता शर्मा की प्रतिक्रिया जाननी चाही, तो उन्होंने ऑपइंडिया से कहा, “मैंने कभी नहीं सोचा था की शिव जी के बारे में लेकर इसे समझा जाएगा। मीडिया के विभिन्न चैनलों में खुदाई में मिले स्ट्रक्चर की अलग-अलग साइज बताई जा रही थी और वो शायद उसको लिंग प्रमाणित करने की कोशिश कर रहे थे। जबकि सर्वे में क्या मिला, क्या नहीं मिला – ये सब सीलबंद लिफाफे में कोर्ट के पास जमा हो गया।
विनीता शर्मा ने अपने कमेंट्स को जायज ठहराते हुए कहा, “किसी को कुछ बताया ही नहीं गया तो ये चैनल वाले क्यों उछल रहे थे? मेरा कमेंट कहीं से भी शिवलिंग पर नहीं, मीडिया पर किया गया तंज मात्र था।ऐसे तो लोग किसी भी बात से भावना आहत कर सकते है। मैंने जो सोचा तक नहीं, लिखा तक नहीं – वो सब उन्होंने लिखा और सोचा जिनको मेरे ट्वीट से आपत्ति थी। भारतीयों में सोच और समझ नकारात्मक है। हिंदुत्व और हिन्दू धर्म को वो ही लोग बदनाम कर रहे है जो स्वयंभू कट्टर हिन्दू है। फिर क्या फर्क रह जाएगा मुस्लिम और हिन्दुओं में? लोगों को पहले शिव पुराण पढ़ना चाहिए।”