गुरुवार (जनवरी 30, 2020) दोपहर को महात्मा गाँधी की पुण्यतिथि पर जामिया से लेकर राजघाट तक CAA के खिलाफ विरोध मार्च निकालने के दौरान रामभक्त गुलशन (बदला हुआ नाम) नाम के शख्स ने अचानक से मीडिया कर्मियों के सामने आकर पिस्तौल से गोली चला दी थी। जिसमें मौजूद जामिया के छात्र शादाब नजर के हाथ में गोली लगी। गुलशन की गिरफ्तारी के बाद उसके फेसबुक अकाउंट के सामने आने के बाद लिबरल मीडिया और लिबरल गिरोह ने सोशल मीडिया पर गुलशन की गिरफ्तारी को हिन्दू आतंकवाद जैसे शब्दों से जोड़ना शुरू कर दिया था।
वहीं जब शादाब के फेसबुक पोस्ट को खँगाला गया तो वो बेहद ही जहरीले निकले। शादाब ने 22 जून 2017 को एक पोस्ट किया। इसमें उसने कश्मीर के चेनाब घाटी की बात करते हुए जहर उगला है। शादाब इस पोस्ट में जम्मू और कश्मीर में हिन्दू और मुस्लिमों के बाँटने की बात कहता है। उसका कहना है कि ईस्ट चेनाब में हिन्दू रहते हैं, जबकि पश्चिमी चेनाब मुस्लिम बहुल है।
इसके साथ ही उसने अपने पोस्ट में लिखा कि जम्मू और कश्मीर को डोडा, रामबन और किश्तवाड़ को जम्मू और कश्मीर से अलग कर दिया गया और उसके अनुसार इसके पीछे का आधार दिया गया कि जम्मू के लोग राष्ट्रवादी हैं, जबकि कश्मीर के लोग देशद्रोही हैं। उसने तहरीक-ए-आजादी के पीछे चेनाब घाटी के लोगों का अभूतपूर्व योगदान बताया। पोस्ट में उसने सवाल किया है कि चेनाब घाटी के लोग कश्मीरियत हैं या फिर जम्मूरियत?
18 जून को उसने उमर खालिद नाम के यूजर का पोस्ट शेयर किया है, जिसमें वो भारत-पाकिस्तान की मैच में पाकिस्तान को सपोर्ट करने की बात कर रहा है और कहता है कि संघी लोगों का कहना है कि जो पाकिस्तान का सपोर्ट करेगा, उसे पाकिस्तान भेज दिया गया। इस पोस्ट में उसका कहना है कि यह खेल है और वह पाकिस्तान को सपोर्ट कर सकता है।
18 जून को ही शादाब ने एक और जहरीला पोस्ट किया था। इसमें उसने हिंदूओं की भावनाओं के साथ खिलवाड़ किया। शादाब ने गौ-मूत्र का मजाक बनाया था। उसने वामपंथी वेबसाइट स्क्रॉल की एक लिंक शेयर किया था। जिसमें लिखा था कि कार्टून प्रोग्राम छोटा भीम के क्रिएटर अब गाय की जर्नी पर एक एनिमिटेड फिल्म बनाएँगे। इसको शेयर करते हुए शादाब ने लिखा, “डिसक्लेमर: इसका थीम सॉन्ग ये होगा- गौ-मूत्र धूम मचाए, सामने कोई टिक न पाए, गौ माँ, गौ माँ, लिंचिंग वाली गौ माँ।”
शादाब ने 14 फरवरी 2019 को पुलवामा आतंंकी हमले के बाद 16 फरवरी को एक पोस्ट करते हुए इसे चुनावी जुमला बताया। उसका कहना था कि ये कोई इस बात से कैसे 100% सहमत हो सकता है कि ये आतंकी हमला था। उसका कहना है कि ये संभव ही नहीं है। उसने लिखा कि वोट पाने के लिए ‘राष्ट्रभक्ति’ का ये पैंतरा आजमाया गया था।
इतना ही नहीं शादाब ने भारतीय सेना पर कश्मीरियों को मारने का भी आरोप लगाया।
इसके अलावा उसने एक अन्य पोस्ट में एक लिंक शेयर किया जिसमें हिटलर को हिन्दुओं का प्रेरणास्रोत बताया गया है। इसमें लिखा गया है कि हिटलर हिन्दू राष्ट्रवादी को मुस्लिमों को मारने के लिए प्रेरित करता है।
13 मई को वामपंथी वेबसाइट द क्विंट का एक लिंक शेयर करते हुए शादाब ने लिखा कि मणिपुर की महिलाएँ चिल्लाकर कह रही हैं कि इंडियन आर्मी ने उनका रेप किया है।
9 जुलाई 2017 के एक पोस्ट में वो बुरहान वानी के आतंकवादी घोषित किए जाने पर आपत्ति जताते हुए कहता है कि अगर सिर्फ बंदूक उठाकर निर्दोष लोगों को मार देना हिंसा है तो फिर पुलिस और भारतीय सेना, बुरहान वानी से कैसे अलग है? यानी कि इस पोस्ट में भी शादाब ने पुलिस और भारतीय सेना पर निर्दोषों को मारने का आरोप लगा रहा है और उनकी तुलना आतंकवादी से कर रहा है।