जम्मू और कश्मीर प्रशासन के शीर्ष सूत्रों के हवाले से यह खबर आ रही है कि जम्मू और कश्मीर सरकार के द्वारा 11 सरकारी कर्मचारियों को आतंकी संबंधों के चलते नौकरी से निकाल दिया गया है।
11 officials of Jammu and Kashmir administration terminated on the grounds of having terror links: Sources
— ANI (@ANI) July 10, 2021
जम्मू और कश्मीर में नामांकित समिति ने संविधान के अनुच्छेद 311 (2) के तहत अपनी दूसरी और चौथी बैठक में क्रमशः 3 और 8 सरकारी कर्मचारियों को उनकी सेवा को समाप्त करने का सुझाव दिया। इसके लिए राष्ट्र विरोधी और आतंकी गतिविधियों में इन कर्मचारियों की संलिप्तता को आधार बनाया गया है।
समिति के दूसरी मीटिंग के दौरान जिन तीन कर्मचारियों को नौकरी से निकालने की सिफारिश की गई, उनमें से एक आईटीआई कुपवाड़ा का कर्मचारी है, जो लश्कर-ए-तैयबा को सुरक्षा बलों के मूवमेंट की जानकारी दे रहा था। इसके अलावा सूत्रों ने यह भी जानकारी दी कि अनंतनाग जिले के दो शिक्षकों को भी बर्खास्त किया गया है। ये दोनों ही जमात-ए-इस्लामी और दुख्तरन-ए-मिल्लत की कट्टरपंथी विचारधारा का सहयोग करने और उसका प्रसार करने के दोषी हैं।
न्यूज18 की खबर के अनुसार समिति की चौथी मीटिंग में जिन 8 कर्मचारियों को उनकी सेवा से बर्खास्त किया गया है उनमें हिज़्बुल मुजाहिद्दीन के संस्थापक सैयद सलाहुद्दीन के बेटों, जम्मू और कश्मीर पुलिस के कर्मचारी और अन्य सरकारी विभागों के कर्मचारी शामिल हैं।
मीडिया रिपोर्टों के अनुसार सलाहुद्दीन के बेटे सैयद अहमद शकील और शाहिद यूसुफ को आतंकी गतिविधियों के फंड मुहैया कराने का दोषी पाया गया है। इसके अलावा जम्मू और कश्मीर पुलिस के दो कॉन्स्टेबल भी आतंकी गतिविधियों में संलिप्त पाए गए। इनमें से एक कॉन्स्टेबल अब्दुल राशिद ने तो सुरक्षा बलों पर हमले की प्लानिंग को अंजाम दिया था।
BIG: J&K Govt tells me that it has sacked 11 Govt employees including two sons of terror group Hizbul Mujahideen Chief Syed Salahuddin for anti-national activities. No tolerance approach for anti-state activities by J&K Govt employees. J&K Govt and CID acts tough. Strong message.
— Aditya Raj Kaul (@AdityaRajKaul) July 10, 2021
इनके अलावा स्वास्थ्य विभाग के नाज मोहम्मद एवं शिक्षा विभाग के जब्बार अहमद और निसार अहमद को हिज़्बुल मुजाहिद्दीन और जमात-ए-इस्लामी जैसे कट्टरपंथी आतंकी संगठनों के लिए फंड इकट्ठा करने और उनकी कट्टरपंथी विचारधारा का समर्थन करने के आरोप में सरकारी सेवा से बर्खास्त किया गया है। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक पावर डिपार्टमेंट का इंस्पेक्टर शाहीन अहमद लोन भी हिज़्बुल मुजाहिद्दीन के लिए हथियारों की तस्करी में संलिप्त था। इसके चलते उसे भी सेवा से बर्खास्त किया गया है।
It’s a big news from Jihad gripped Kashmir
— Prof Hari Om (@DostKhan_Jammu) July 10, 2021
11 govt employees dismissed 4 their links with terrorists.
4 from Anantnag
3 from Budgam
1 from Srinagar
1 from Baramulla
1 from Pulwama
1 from Kupwara
They’re on the staff of edu, police, agri, power, skill development & health deptts.
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार जम्मू और कश्मीर प्रशासन ने केंद्र शासित प्रदेश और राष्ट्रीय सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए संविधान द्वारा प्रदत्त प्रावधानों का उपयोग करके ही इन सरकारी कर्मचारियों को उनकी सेवा से मुक्त किया गया है। यह अपनी तरह की एक अलग कार्रवाई है क्योंकि ये सभी प्रशासन में शामिल होकर भारत विरोधी गतिविधि में संलिप्त थे और आतंकी संगठनों की सहायता कर रहे थे। सरकारी सेवा से निकाले गए इन कर्मचारियों में से 4 अनंतनाग, 3 बडगाम और बारामूला, श्रीनगर, पुलवामा और कुपवाड़ा से एक-एक कर्मचारी शामिल है।