जम्मू-कश्मीर में जल्द ही स्कूलों, सड़कों और इमारतों के नाम सुरक्षाबलों के उन जवानों के नाम पर रखे जाएँगे, जो आतंकवादियों से लड़ते हुए बलिदान हो गए। इसके साथ ही वीरता पुरस्कार प्राप्त करने वाले सैन्यकर्मियों, प्रमुख साहित्यकारों और कलाकारों के नाम पर भी स्कूलों, सड़कों और इमारतों के नाम रखे जाएँगे।
जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने 108 व्यक्तियों की एक सूची तैयार की है, जिनके नाम पर ‘पब्लिक यूटिलिटी स्ट्रक्चर’ के नाम रखे जाएँगे। सूची में अधिकांश नाम सुरक्षाबलों के हैं। इनमें पुलिसकर्मी और सेना के जवान भी शामिल हैं, जो जम्मू-कश्मीर में आतंकवादियों से लड़ते हुए वीरगति को प्राप्त हो गए थे।
गुरुवार (28 अक्टूबर 2021) को जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने उप-राज्यपाल मनोज सिन्हा की अध्यक्षता में बैठक की। इस दौरान उन्होंने भारत सरकार के ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ के हिस्से के रूप में ‘बलिदानियों और प्रतिष्ठित व्यक्तियों’ के नाम पर स्कूलों, सड़कों और इमारतों के नाम की पहल को मंजूरी दी।
एक प्रवक्ता ने कहा, “केंद्र शासित प्रदेश की सुरक्षा और विकास के लिए महत्वपूर्ण योगदान देने वालों को सम्मानित करने के लिए यह कदम उठाया गया है। इसके तहत, जम्मू-कश्मीर के बलिदानी और जीवित दिग्गजों के नाम पर बुनियादी ढाँचे का नाम रखा जाएगा।”
सूची में नामित लोगों में दिवंगत सहायक उप-निरीक्षक मोहम्मद अकबर भी शामिल हैं, जिन्होंने साल 2014 में उरी के मोहरा में एक सैन्य शिविर पर आतंकवादियों के हमले में अपनी जान गँवा दी थी। इस हमले में कई सैनिक और पुलिसकर्मी भी मारे गए थे।
इसके अलावा साल 2009 में कुपवाड़ा में घुसपैठियों के खिलाफ एक ऑपरेशन में मारे गए पैराट्रूपर शब्बीर अहमद मलिक को भी इसमें शामिल किया गया है। वहीं, सूचीबद्ध नामों में जम्मू-कश्मीर लाइट इन्फैंट्री डिवीजन के नायब सूबेदार चुन्नी लाल भी शामिल हैं, जो 24 जून, 2007 को कुपवाड़ा जिले में एक आतंक विरोधी अभियान में वीरगति को प्राप्त हो गए थे।