बॉलीवुड में काम करने वाले जावेद अख्तर ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) की तुलना तालिबान से की थी। उनके इस विवादित के बाद काफी हंगामा हुआ था। इस मामले में RSS कार्यकर्ता विवेक चंपानेरकर ने जावेद अख्तर के खिलाफ मुंबई ठाणे कोर्ट में मानहानि का केस दायर किया था। याचिकाकर्ता ने हर्जाने के रूप में अख्तर से 1 रुपए का हर्जाना माँगा था।
इस मामले में कोर्ट ने जावेद अख्तर को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। अब अख्तर को 12 नवंबर 2021 को कोर्ट में पेश होने को कहा गया। कोर्ट में वकील आदित्य मिश्रा के जरिए दायर मुकदमे में कहा गया है कि तालिबान द्वारा हाल ही में अफगानिस्तान पर कब्जा किए जाने के मुद्दे पर आयोजित एक डिबेट शो में अख्तर ने हिंदुओं को बदनाम करने के इरादे से तालिबान और आरएसएस को एक समान बताया था।
याचिका में कहा गया है कि जावेद अख्तर द्वारा RSS के खिलाफ की गई अपमानजनक टिप्पणी ‘RSS के खिलाफ एक मत स्थापित करने और पॉलिटिकल स्कोर के लिए एक सुनियोजित प्लान था।’ अगर संसदीय तरीके से अख्तर आरएसएस की आलोचना करते तो एक स्वयंसेवक इसकी सराहना करता, लेकिन दुर्भावनापूर्ण तरीके से किए गए उनके कमेंट ने केस दायर करने के लिए प्रेरित किया।
चंपानेरकर का इस मामले में कहना है कि संगठन की छवि खराब करने के लिए प्रतिवादी (जावेद अख्तर) के मानहानिकारक बयान से वो आहत हुए हैं। उन्होंने अख्तर को 1 रुपए मुआवजा देने के लिए उत्तरदायी बताया।
क्या कहा था जावेद अख्तर ने
3 सितंबर 2021 को एनडीटीवी के एक शो में अख्तर ने कहा था, “RSS, VHP और बजरंग दल का समर्थन करने वालों की मानसिकता भी तालिबान जैसी ही है।” उन्होंने कहा, “जिस तरह तालिबान एक मुस्लिम राष्ट्र बनाने की कोशिश कर रहा है। उसी तरह कुछ लोग हमारे सामने हिंदू राष्ट्र की अवधारणा पेश करते हैं।” जावेद अख्तर ने आगे कहा, “इन लोगों की मानसिकता एक जैसी है। तालिबान हिंसक हैं। जंगली हैं। उसी तरह RSS, VHP और बजरंग दल का समर्थन करने वाले लोगों की मानसिकता एक जैसी है।”