झारखंड की नेशनल शूटर तारा शाहदेव के मामले फैसला आ चुका है। किस तरह से रकीबुल हसन ने खुद को हिंदू रंजीत कोहली बताकर उन्हें धोखा दिया और शादी की थी। बाद में उन पर इस्लाम कबूलने का दबाव बनाया गया और ऐसा नहीं करने पर उनकी पिटाई की जाती थी और कई बार कुत्ते से भी कटवाया गया। उन्हें कई-कई दिनों तक भूखा रखा जाता था। उनके साथ रेप और जबरदस्ती की जाती रही।
लव जिहाद इसी मामले में हाल ही में सीबीआई की स्पेशल कोर्ट ने दोषी रकीबुल हसन उर्फ रंजीत कोहली को उम्रकैद की सजा सुनाई है। इसके साथ ही रकीबुल की अम्मी कैशर रानी को 10 साल और साजिश रचने के आरोपित रहे हाईकोर्ट के बर्खास्त रजिस्ट्रार मुश्ताक अहमद को 15 साल कैद की सजा सुनाई है। सभी दोषियों पर 50-50 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया गया है। बता दें कि मुस्ताक अहमद ही वो शख्स था जिसने रकीबुल को रंजित कोहली बनाकर तारा से मिलवाया था।
वहीं इस फैसले के बाद तारा शाहदेव ने कहा, ”मैं कोर्ट और सीबीआई को धन्यवाद देना चाहती हूँ, जिन्होंने मुझे न्याय दिलाया। ये न्याय सिर्फ मेरे लिए नहीं है, देश की हर बेटी को ये भरोसा मिलेगा कि जो भी उनके साथ ऐसा करेगा, उसे सजा मिलेगी।”
अभी तक आपको तारा शाहदेव के इस मामले की झलक मिल गई होगी कि कितनी बुरी तरह से एक राष्ट्रीय शूटर को सताया गया, उसने क्या-क्या सहा इसी पर हम आगे बात करने जा रहे हैं। हाल ही में जब इस मामले में 9 साल बाद फैसला आया है तो आइए जानते हैं तारा शाहदेव की दर्दनाक कहानी।
क्या हुआ था उस दिन जब वह शादी के जोड़े में अपने पति के घर पहुँची? कैसे उन्हें शादी के दो दिन बाद ही उस समय झटका लगा जब ये कहा गया कि अपना धर्म परिवर्तन कर इस्लाम कबूल करो और तारा से सारा बन जाओ। इस तरह से देश के लिए गोल्ड जीतने वाली राष्ट्रीय खिलाड़ी अब लव जिहाद के एक ट्रैप में फँस चुकी थी।
कैसे हुई रकीबुल हसन से मुलाकात
नेशनल शूटर तारा शाहदेव के माँ की 2014 में ही मौत हो गई थी। वो अपनी माँ की मौत से टूट गईं थी लेकिन शूटिंग कैंप में जाती रहीं। इसी दौरान पीली बत्ती लगे वाहन में विजिलेंस रजिस्ट्रार मुश्ताक अहमद (हाईकोर्ट में पदस्थापित) व रंजीत कुमार कोहली उर्फ रकीबुल हसन उनका प्रैक्टिस देखने आते थे। मुस्ताक की मदद से रंजित कोहली से यहीं उनकी मुलाकात हुई। कहते हैं रंजित ने मुस्ताक अहमद की मदद से तारा को सहारा दिया और फिर कुछ ही दिनों में शादी के लिए प्रपोज भी कर दिया।
लव जिहाद ने बर्बाद किया तारा का जीवन
सब कुछ बहुत तेजी से हो रहा था। 20 जून, 2014 को ही मुश्ताक की मौजूदगी में सगाई हुई और 7 जुलाई, 2014 को तारा की शादी रंजीत से हो गई। इससे पहले कि तारा इस शादी की खुशियाँ भी मना पातीं कि 8 जुलाई यानी शादी के अगले दिन ही तारा को पता चला कि रंजित कोहली दरअसल मुस्लिम है और उसका असली नाम रकिबुल हसन है।
ऐसे हुआ मामले का खुलासा
तारा ने इस मामले में जानकारी देते हुए बताया कि ससुराल में शादी के अगले ही दिन मंत्री हाजी हुसैन अंसारी के यहाँ से इफ्तार पार्टी का निमंत्रण मिला। जिसमें जनाब रकीबुल हसन खान के नाम का संबोधन था। यह कार्ड भी तारा ने कोर्ट में सुनवाई के दौरान प्रस्तुत किया था। तारा ने बताया कि उनके बुरे दिन की शुरुआत तब हुई जब 9 जुलाई, 2014 को रंजीत 20-25 हाजी को लेकर घर आया और जबरन इस्लाम कबूलने के लिए दबाव बनाने लगा।
इस दौरान विरोध करने पर उनके साथ बुरी तरह मारपीट की गई। इस्लाम कबूल करवाने के लिए रकीबुल हसन ने दरिंदगी की सारी हदें पार कर दी थीं। करीब डेढ़ महीने तक उसने अपने कब्जे में रखते हुए तारा को न तो खाना-पीना दिया और न ही किसी से मिलने देता था। वह बार-बार कहता था कि इस्लाम धर्म कबूल करना होगा। ऐसा नहीं करने पर तारा का चेहरा सलामत नहीं रहेगा। उन्हें कई बार कुत्ते से कटवाया गया, ताकि वह डर से धर्म परिवर्तन कर लें। यह सिलसिला लगातार एक महीने से अधिक समय तक चलता रहा और शारीरिक और मानसिक तौर पर उन्हें प्रताड़ित किया जाता रहा है।
नेशनल शूटर को जबरदस्ती बना दिया गया सारा
नेशनल शूटर तारा जो उस समय गोल्ड मेडल जीत चुकी थीं। उनके साथ रोज मारपीट होने लगी थी, एक दिन मौलवी बुलाकर जबरदस्ती तारा को सारा बना दिया गया। इसके बाद तारा अगर मुस्लिम रीति रिवाज मानने से इनकार करती तो उन्हें खूब पीटा जाता, भूखा रखा जाता। छुप छुपकर घर की नौकरानी उन्हें रोटी देती थी। तारा के साथ बेड पर जोर जबरदस्ती की जाती। रकीबुल तारा के साथ रेप करता, उनकी मर्जी के बिना उनके साथ बेड शेयर करता। इतना ही नहीं तारा को यह धमकी भी दी जाने की लगी कि उनके साथ गैर मर्दों को सुलाया जाएगा।
9 साल बाद मिला तारा को इंसाफ
कई महीनों तक तारा ये सब सहती रही, लेकिन एक दिन मौका पाकर वो घर से बचकर बाहर निकली। इसके बाद तारा ने अपनी आपबीती पुलिस को बताई। इसके बाद ही तारा शाहदेव की दर्दनाक कहानी सबके सामने आई। इस मामले में तारा शाहदेव ने 2015 में झारखंड हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की, जिसमें उन्होंने अपने पति रकीबुल हसन और उसके परिवार के खिलाफ जबरन धर्म परिवर्तन और प्रताड़ना के आरोप लगाए। हाईकोर्ट ने मामले की जाँच सीबीआई को दी। और अब 9 साल बाद जाकर तारा शाहदेव को इंसाफ मिला है।