झारखंड के पलामू में शिवरात्रि को लेकर बनाई जा रही तोरणद्वार के कारण हुई हिंसा के बाद इलाके में धारा 144 लगा दिया गया है। पुलिस ने इस मामले में दो एफआईआर दर्ज कर 13 लोगों को गिरफ्तार किया है। वहीं, पलामू जोनल आईजी राजकुमार लकड़ा के नेतृत्व में फ्लैग मार्च निकाला गया। इसमें डीसी ए दोड्डे, एसपी चंदन सिन्हा समेत कई अधिकारी मौजूद रहे।
एसपी चंदन सिन्हा ने कहा कि पांकी में हुई हिंसा मामले में अब तक कुल 2 प्राथमिकी दर्ज की गई है। उपद्रव में शामिल 13 लोगों को चिह्नित जेल भेजा गया है, जबकि 100 नामजद समेत 1000 अज्ञात लोगों के खिलाफ FIR दर्ज की गई है। एसपी ने कहा कि इलाके में फिलहाल इंटरनेट सेवा बाधित रहेगी।
स्थानीय लोगों का कहना है कि यहाँ हमेशा हिन्दुओं पर हमला किया जाता है। उनके त्योहारी में बाधा डाली जाती है। इतना ही नहीं, यहाँ हिंदू शादी या कोई कार्यक्रम करते हैं तो मुस्लिम पक्ष द्वारा किसी ना किसी बहाने उत्पात मचाया जाता है। तोरणद्वार बनाने पर भी मस्जिद के नजदीक बनाने का हवाला देकर मुस्लिमों ने उसे तोड़ दिया और शिव भक्तों की पिटाई कर दी।
पलामू एसपी चंदन सिन्हा ने कहा कि शिवरात्रि के लिए शिवरात्रि समिति के सदस्य मस्जिद के सामने तोरणद्वार बनाने गए थे। हर साल दूसरी जगह तोरणद्वार बनाया जाता था। एसपी ने कहा कि थाना में आवेदन दिए बिना और प्रशासन के अनुमति के बिना ही मस्जिद के सामने तोरणद्वार बनाया गया। इसका विरोध मुस्लिमों ने किया था। इसके बाद टकराव हुआ।
ऑपइंडिया को मिली जानकारी के मुताबिक, इस हिंसा की साजिश पिछले कुछ महीनों से की जा रही है। इसके पीछे मस्जिद से लगभग 150-200 मीटर की दूरी स्थित प्राचीन हनुमान मंदिर है। स्थानीय लोगों ने बताया कि हनुमान मंदिर में मंगलवार को भजन और आरती का आयोजन किया जाता था। स्थानीय लोगों का कहना है कि अब प्रशासन द्वारा मंदिर में पूजा भी रूकवा दिया गया है।
स्थानीय लोगों का कहना है कि लगभग एक महीना पहले मंदिर पर भजन के लिए लाउडस्पीकर लगवाया गया था। इसका मस्जिद से जुड़े लोगों ने विरोध किया था। मस्जिद कमिटी के लोगों ने इस संबंध में थाने में शिकायत करते थे। उसके बाद मंदिर से लाउडस्पीकर को उतरवा दिया गया। वहीं, मस्जिद से फुल साउंड में नमाज पढ़ी जा रही है।
स्थानीय लोगों का कहना है कि मस्जिद कमिटी के अध्यक्ष अबू हसन और मुखिया नेहाल अंसारी के इशारे पर हिंदुओं को परेशान किया जाता रहा है। अबू हसन मुखिया रह चुका है। इन लोगों द्वारा थाने में शिकायत करके कहा जाता है कि लाउडस्पीकर के कारण उन्हें नमाज पढ़ने में दिक्कत हो रही है। शिकायत पर हिंदू पक्ष को थाने में बुलाकर परेशान किया जाता था।
पांकी में हिंसा से पहले मुस्लिम पक्ष द्वारा शुक्रवार को जुमा पर इकट्ठा होने के लिए मैसेज सर्कुलेट किया जा रहा था। इसके बाद हिंदू पक्ष के लोग सतर्क रहने लगे। स्थानीय लोगों का कहना है कि वे वहाँ अक्सर डर के माहौल में रहते हैं। मैसेज सर्कुलेट होने की बात का पता चलते ही वे सतर्क रहने लगे।
स्थानीय हिंदुओं का कहना है कि तोरणद्वार को लेकर उन लोगों पर मस्जिद से पत्थरबाजी की गई थी। इतना ही नहीं, पेट्रोल बम फेंके गए। मुस्लिम पक्ष ने ही आगजनी की थी। स्थानीय लोगों का कहना है कि मुस्लिम पक्ष ने हिंदुओं की संपत्ति समझकर आग लगाई थी। इन लोगों का कहना है कि इस हिंसा में 20 के करीब हिंदू घायल हो गए हैं।
नाम नहीं बताने की शर्त पर एक स्थानीय व्यक्ति ने बताया कि इन लोगों को राज्य सरकार का संरक्षण मिला हुआ है। इसलिए इस घटना में एकपक्षीय कार्रवाई की जा रही है। हिंदुओं को टारगेट करके FIR में नाम डाला जा रहा है। इन लोगों का कि FIR में उन हिंदुओं का नाम भी डाला जा रहा है, जो घटना के वक्त शहर में थे भी नहीं।
इस घटना में मुखिया नेहाल अंसारी, मोबिन अंसारी, महबूब आलम, शहजाद आलम, जाहिद अंसारी को गिरफ्तार किया गया है। इसके अलावा छत्तीसगढ़ के बलरामपुर के रहने वाले रजीउल्लाह को भी पुलिस ने गिरफ्तार किया है। वहीं, हिंदू पक्ष के करण कुमार सिंह, रितेश कुमार सिंह, सुमित सिंह, रौशन कुमार, दीपक कुमार, धनंजय कुमार भुइंया और मदन राम को गिरफ्तार किया गया है।
बता दें कि पहले एक हिंदू का सिर फोड़ने और फिर मस्जिद से पथराव करने के बाद हुई हिंसा में मुस्लिमों को विक्टिम दिखाने की कोशिश की जा रही है। हैदराबाद से सांसद और AIMIM के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने इस पूरी घटना में मुस्लिमों को ही पीड़ित बता दिया है। उन्होंने कहा कि मस्जिद पर पत्थर फेंके गए और दो घर तथा कुछ गाड़ियाँ जला दी गईं।
ओवैसी यहीं नहीं रूकते हैं। उनका कहना है कि मस्जिद के सामने तोरणद्वार नहीं बनाना चाहिए था। उन्होंने इसका दोष भाजपा और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) पर मढ़ दिया और कहा कि इसमें दंगाई और संघ परिवार जीत गए।
पलामू हिंसा को लेकर जिस तरह की नैरेटिव गढ़ने की कोशिश की जा रही है, उसमें मुस्लिमों को पीड़ित और पीड़ित हिंदुओं को गुंडा साबित करने की कोशिश की जा रही है। मीडिया रिपोर्ट में स्पष्ट कहा जा रहा है कि महाशिवरात्रि को लेकर पलामू के पांकी के हिंदू तैयारी कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने चौक पर तोरणद्वार बनाया था। चौक के पास ही मस्जिद स्थित है।
जिस जामा मस्जिद को सहयोग से बनाया गया, उसी से उन पर हमले किए गए। लोगों का कहना है कि यह मस्जिद ज्यादा पुरानी भी नहीं है और ना ही आसपास के इलाके में मुस्लिमों की इतनी जनसंख्या है। जहाँ मस्जिद बनाई गई है, वह इलाका हिंदू बहुल है।