अयोध्या में राममंदिर की प्राण प्रतिष्ठा से पहले यूपी एटीएस ने बड़ा ऐक्शन लिया है। खूँखार आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट (ISIS) द्वारा भारत में अपना बेस बनाने की पुरजोर कोशिशों के बीच सोशल मीडिया पर भड़काऊ, उकसाने वाले और बरगलाने वाले पोस्ट को इंटरसेप्ट किया। इसके बाद महाराष्ट्र में 11 जगहों पर छापेमारी कर कई आपत्तिजनक सामग्री बरामद की है।
इस मामले की छानबीन के लिए यूपी एसटीएफ महाराष्ट्र के छत्रपति संभाजीनगर (पूर्व में औरंगाबाद) पहुँची। वहाँ आईएसआईएस से जुड़े संदिग्धों के ठिकानों पर छापेमारी की। इस दौरान संदिग्धों के ठिकानों से फोन और लैपटॉप, जेहादी साहित्य आदि जब्त किए। इसके बाद उनके घरों में लखनऊ स्थित यूपी एटीएस के दफ्तर में आने का नोटिस थमाकर वापस लौट आई।
दरअसल, यूपी एटीएस ने सोशल मीडिया पर सद्दाम नाम के एक आईएसआईएस समर्थक की पोस्ट देखी। उसने पोस्ट में लिखा था, “संविधान में परिवर्तन होने पर मुस्लिमों को जागना होगा। जिहाद मेरे खून में है। कुर्बानी से नहीं डरेंगे। चुनी हुई सरकार मुस्लिमों पर ज्यादती करती है। बाबरी मस्जिद के फैसले से नाराज हूँ। बदले की चाहत। ओसामा बिन लादेन और बुरहान वानी मेरे आदर्श हैं।”
सद्दाम के इस पोस्ट की जाँच की गई तो संभाजीनगर में कम-से-कम से ऐसे 11 संदिग्धों की पहचान हुई। ये वैचारिक तौर पर आतंकी संगठन आईएसआईएस से जुड़े मिले। इसके बाद यूपी एटीएस ने 30 दिसंबर 2023 को महाराष्ट्र के छत्रपति संभाजीनगर में छापेमारी कर दी। इन सभी आरोपितों के परिजनों को 15 से 18 जनवरी के बीच लखनऊ स्थित यूपी एटीएस के कार्यालय में बुलाया है।
एटीएस ने इस साजिश में शामिल मिर्जा सैफ बेग, अब्दुल वाहिद, यासिर, जियाउद्दीन सिद्दीकी, थोर भान, एसके खालिद, ताहिर उर्फ सर, सादिक हबीब समेत 11 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है। इन संदिग्धों के अचानक उनके घरों से गायब होने की सूचना मिलने पर एटीएस वहाँ जाकर रेड डाला। हालाँकि, किसी की गिरफ्तारी नहीं हो पाई। कुछ संदिग्धों के मोबाइल फोन बरामद हुए हैं।
यूपी एटीएस की छापेमारी से महाराष्ट्र की सुरक्षा एजेंसियाँ भी चौकन्नी हो गई हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, यूपी एटीएस का दावा है कि छत्रपति संभाजीनगर में इन दहशतगर्दों की 17 सितंबर 2023 को एक बैठक हुई थी। इसमें उन्होंने यूपी और देश के प्रमुख स्थानों पर हमले की रणनीति पर चर्चा की थी। इस बैठक के बाद भड़काऊ बातों का सोशल मीडिया पर प्रसार करना शुरू कर दिया गया।
यूपी एटीएस के सीओ कुलदीप तिवारी ने इसको लेकर पिछले साल अक्टूबर माह में एफआईआर दर्ज कराई थी। एएटीएस ने अपनी शिकायत में लिखा था कि फॉर्मेसी स्टोर पर काम करने वाले एक व्यक्ति की अगुवाई में यूपी में दहशत फैलाने की योजना बनाई जा रही है। UP एटीएस के चीफ मोहित अग्रवाल ने कहा कि देश विरोधी कामों में जुटे कुछ लोगों के बारे में सूचना मिली थी, इसके बाद कार्रवाई की गई।