इस्लाम त्याग कर हिन्दू धर्म में शामिल होने वाले जितेंद्र नारायण त्यागी (पूर्व में वसीम रिज़वी) 15 दिसम्बर, 2021 (बुधवार) को उत्तर प्रदेश के सीतापुर जिले के एक कार्यक्रम में शामिल हुए। इस अवसर पर उन्होंने मंच से ‘भारत माता की जय’ और ‘हर हर महादेव’ का उद्घोष किया। उन्होंने महादेव के नाम को शक्ति देने वाला बताया है। इसी के साथ उन्होंने हिन्दू धर्म को सबसे महान कहा है। जितेंद्र नारायण त्यागी ने कहा, “हमने जिंदगी में पहली बार किसी धर्म स्वीकार किया है। इस्लाम का पूरा अध्ययन करने के बाद हमने इस्लाम को कभी धर्म माना ही नहीं। जो इंसान को इंसान से काटने की बात करता हो वो धर्म नहीं हो सकता। हिन्दू समाज द्वारा स्वीकार किए जाने और उनसे मिल रहे प्रेम के हम आभारी हैं।”
पूर्व में वसीम रिज़वी व वर्तमान में जितेंद्र नारायण त्यागी का यह कार्यक्रम सीतापुर के खैराबाद में था। यहाँ हिन्दू समाज के एक प्राचीन मंदिर बड़ी संगत भुईयां ताली में उन्होंने एक जनसभा को सम्बोधित किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि बाबरी और रामजन्मभूमि केस में उन्होंने पहले ही जन्मभूमि को हिन्दुओं को सौंप देने की अपील की थी। उन्होंने बताया, “जब मैंने ऐसा कहा तो मेरा भरी सभा में विरोध होने लगा। वहाँ मौजूद तमाम मुस्लिम प्रतिनिधियों ने कहा कि अगर ऐसा हुआ तो हमें कई और जगहों को भी हिन्दुओं को देना पड़ेगा। उनकी हालत चोर की दाढ़ी में तिनका जैसी थी। वो सब खुद जानते हैं कि उन्होंने हिन्दुओं के कई धर्मस्थल तोड़ कर अपनी इमारतें बनाई हैं।”
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, वसीम रिज़वी ने आगे कहा, “1400 साल पहले अरब की जमीन पर एक दानवीय ताकत ने जन्म लिया। आज वही संसार भर में आतंक का केंद्र बना हुआ है। उसे जो मानता है वह भी आज परेशान है। मैंने उस सोच को बदलने की बहुत कोशिश की लेकिन दानव की मानसिकता वही की वही रहेगी। अब मुझे अपने हिंदुस्तान और सनातन की रक्षा करनी होगी। मुझे ख़ुशी है कि अब मैं एक हिन्दू हूँ। मुझे आतंकी गुट में शामिल होने जैसी घुटन महसूस हो रही थी। हर मस्जिद और मदरसे में ISIS की सोच का प्रचार किया जा रहा है।
ऑपइंडिया ने इस मामले में कार्यक्रम के आयोजक और बड़ी संगत मंदिर के महंत बजरंग मुनि उदासीन से सम्पर्क किया। उन्होंने बताया, “यह इलाका मुस्लिम बहुल है। प्रशासन के अधिकारी भी चाह रहे थे कि जितेंद्र नारायण त्यागी का आयोजन टल जाए। सूचना मिली है कि इस कार्यक्रम के विरोध में मस्जिदों में सभाएँ की गई हैं जो आज भी जारी रह सकती हैं। फिर भी सत्य सनातन को स्वीकार करने वाले वसीम रिज़वी से जितेंद्र नारायण त्यागी बने समाज सुधारक का भव्य स्वागत मेरे और मेरे शिष्यों द्वारा किया गया। जो भी इस प्रकार से असत्य से सत्य की राह पर चलेगा हम उसका ऐसे ही सम्मान करेंगे। हम जितेंद्र नारायण त्यागी के साथ पूरी ताकत और मजबूती से खड़े हैं। चरमपंथी समाज अब जान ले कि उनकी पोल पट्टी दुनिया के आगे सबूतों के साथ खुल रही है।”