जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) कैंपस में सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुँचाने के संबंध में दिल्ली पुलिस ने दस छात्रों के खिलाफ FIR दर्ज किया है। एफआईआर जेएनयू कैंपस में गुंडागर्दी और जानबूझकर संपत्ति का नुकसान करने के लिए संपत्ति संरक्षण अधिनियम की धारा 3 के तहत दर्ज की गई है।
यूनिवर्सिटी ने कैंपस को खराब करने वाले उपद्रवी के खिलाफ दो शिकायतें दर्ज की थी। बता दें कि उपद्रवियों ने गुरुवार (नवंबर 14, 2019) को स्वामी विवेकानंद की मूर्ति को तोड़ दिया था, जिसका उद्घाटन होना बाकी था। स्वामी विवेकानंद की प्रतिमा को बदरंग करते हुए उसके पेडेस्टल पर अपशब्द भी लिखे थे। “भगवा जलेगा”, “Fu&^% BJP” आदि को लाल रंग के पेंट से लिखकर पेडेस्टल को कुरूप बना दिया था।
दिल्ली पुलिस ने शुक्रवार (नवंबर 15, 2019) को पहली शिकायत दर्ज की थी। स्वामी विवेकानंद प्रतिमा समिति के अध्यक्ष बुद्ध सिंह ने शनिवार को अज्ञात लोगों के खिलाफ प्रतिमा को नुकसान पहुॅंचाने को लेकर शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने इस मामले की जॉंच भी शुरू कर दी है। सूत्रों के अनुसार, अब तक मामले में सात छात्रों की पहचान की जा चुकी है। हालॉंकि नामों का खुलासा नहीं किया गया है।
Anti India slogans and chants of ‘Azadi’ have become a regular way of protest at JNU.
— Geetika Swami (@SwamiGeetika) November 11, 2019
Polarising India in the name of FOE, why such anti-national mindset should ever be tolerated? #jnuprotest #JNU #JNU_Ban #JNUDisgraceVideo pic.twitter.com/ixbRyrrJlx
इस बीच एक वीडियो सामने आया है जिसमें छात्र ‘आज़ादी’ का नारा लगाते हुए दिख रहा है। दावा किया जा रहा है कि यह वीडियो जेएनयू कैंपस का है। हालाँकि ऑपइंडिया इस वीडियो के प्रमाणिकता की पुष्टि नहीं करता है।
जेएनयू कैंपस में स्वामी विवेकानंद की प्रतिमा के साथ की गई बर्बरता की तस्वीर वैज्ञानिक, लेखक और JNU में मॉलिक्यूलर मेडिसिन के प्रोफ़ेसर आनंद रंगनाथन ने ट्विटर पर शेयर की थी। इसके बाद लोग बिफर उठे थे। लोगों ने आनंद रंगनाथन की पोस्ट को रीट्वीट कर कम्युनिस्टों को कोसना शुरू कर दिया। लोगों ने JNU को बंद करने की भी माँग की। एक यूज़र ने कहा था कि भाजपा इन गुंडों के साथ कुछ ज़्यादा ही नरमी से पेश आ रही है।