जेएनयू देशद्रोह से जुड़े मामले में केजरीवाल सरकार ने अब भी कन्हैया कुमार और अन्य आरोपितों के ख़िलाफ देशद्रोह का मुकदमा दायर करने के लिए अनुमति नहीं दी है। शुक्रवार (अक्टूबर 25, 2019) को दिल्ली के पटियाला हाउस कोर्ट में सुनवाई के दौरान इस बात की जानकारी खुद सरकारी वकील ने दी। वकील ने बताया कि दिल्ली सरकार से अब भी जेएनयू मामले में देशद्रोह का मुकदमा चलाने की अनुमति नहीं मिली है। जिसके बाद कोर्ट ने केस की अगली सुनवाई 11 दिसंबर कर दी।
गौरतलब है कि इस मामले के संबंध में पुलिस ने सरकारी अनुमति के बिना ही साल की शुरुआत में 14 जनवरी को कन्हैया कुमार व अन्य के ख़िलाफ देशद्रोह की धाराओं के आरोप पत्र दाखिल किया था, लेकिन उस समय जज मनीष खुराना के समक्ष पुलिस ने कहा था कि दिल्ली सरकार की ओर से ये मुकदमा दायर करने की अनुमति उन्हें नहीं मिली है। उसमें समय लगेगा।
JNU sedition case: The public prosecutor informed Delhi’s Patiala House Court that the matter regarding grant of sanction is pending. The court has summoned the investigation officer and kept the matter for further hearing on December 11.
— ANI (@ANI) October 25, 2019
हालाँकि, इसके बाद कोर्ट ने कई बार केजरीवाल सरकार को इस मामले में फैसला जल्दी लेने के लिए हड़काया भी, लेकिन उन्होंने एक नहीं सुनी। अभी हाल में अदालत ने जब मामले की धीमी रफ़्तार को लेकर पुलिस से सवाल पूछा तो दिल्ली पुलिस ने मनीष खुराना की अदालत को बताया कि कन्हैया कुमार और अन्य के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी के लिए किया गया अनुरोध दिल्ली सरकार के गृह विभाग के समक्ष लंबित है। इस मामले में पुलिस अपना काम कर चुकी है और अब वह सरकार के निर्णय का इंतजार कर रही है।
यहाँ बता दें कि फरवरी 2016 में जेएनयू परिसर में कथित तौर पर राष्ट्रविरोधी नारे लगाए गए थे। जिस पर अपनी जाँच पूरी करके दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने इसी साल जनवरी में 1,200 पन्नों की चार्जशीट दायर की थी। उस चार्जशीट में सैयद उमर ख़ालिद, कन्हैया कुमार और अनिर्बन भट्टाचार्य के अलावा 7 कश्मीरी छात्रों का नाम भी शामिल है।