जेएनयू के छात्र विश्वविद्यालय प्रशासन पर फी बढ़ाने का आरोप लगा कर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। इस दौरान छात्रों ने न सिर्फ़ पुलिस के साथ झड़प की, बल्कि महिला प्रोफेसर के साथ भी बदतमीजी की गई। महिला प्रोफेसर के कपड़े फाड़ने की कोशिश की गई। प्रदर्शनकारी छात्र जेएनयूएसयू के सदस्य और समर्थक हैं, जहाँ वामपंथी छात्र दलों का बोलबाला है। एबीवीपी ने पहले तो छात्रों के विरोध-प्रदर्शन को समर्थन देने का ऐलान किया था, लेकिन आंदोलन उग्र होने के बाद आरोप लगाया कि इसे ग़लत दिशा में भटकाया जा रहा है और समर्थन वापस ले लिया।
अगर पहले और अभी के फी की बात करें तो मेस बिल और इस्टैब्लिशमेंट चार्ज में कोई बदलाव नहीं किया गया है। छात्रों को बस बिजली और सफाई का बिल देने कहा गया, इतनी सी बात पर वामपंथी छात्र नेताओं ने विरोध प्रदर्शन का ऐलान कर दिया। क्रॉकरी, यूटेंसिल्स और समाचार-पत्रों के फी में भी कोई बदलाव नहीं किया गया है। रूम रेंट में बढ़ोतरी की गई है। सिंगल सीटर में छात्रों को मात्र 20 रुपए प्रति महीने देने होते थे। डबल सीटर में तो यह रेंट सिर्फ़ 10 रुपए ही था। अब इसे बढ़ाकर क्रमशः 600 रुपए और 300 रुपए कर दिया गया है। वहीं पानी और बिजली का बिल छात्रों को खपत के हिसाब से भरना पड़ेगा।
मेंटिनेंस, खाना, स्वच्छता और मेस सहित अन्य सर्विस चार्ज के रूप में 1700 रुपए प्रति महीने फी लिया जाएगा। इसी कारण छात्र आक्रोशित हैं। इसके अलावा नए नियमों के मुताबिक़, ‘वन टाइम मेस सिक्योरिटी’ के रूप में 12,000 रुपए लिए जाएँगे। पहले मात्र 5,500 रुपए लिए जाते थे। ये राशि रिफंडेबल है, अर्थात हॉस्टल छोड़ने पर इसे छात्रों को वापस लौटा दिया जाता है। छात्रों को सभी सेवाओं में खपत के हिसाब से रुपए देने को कहा गया है, बस इसीलिए इसे ‘फी हाइक’ बता कर आंदोलन किया जा रहा है। इस दौरान वामपंथी छात्र नेताओं ने कैम्पस में सीआरपीएफ की तैनाती की अफवाह भी फैलाई, जो झूठ निकली।
— Darshit Mehta ?? (@DarshitM86) November 11, 2019
सोमवार (नवंबर 11, 2019) को जब दीक्षांत समारोह को उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू सम्बोधित कर रहे थे, तब छात्र बाहर जोरदार नारेबाजी और प्रदर्शन कर रहे थे। वो कॉन्वोकेशन हॉल तक पहुँचने में लगे हुए थे। इस दौरान उन्होंने पुलिस के साथ झड़प की। पुलिस को वाटर कैनन का प्रयोग करना पड़ा। जेएनयू के कुलपति जगदीश कुमार ने छात्र नेताओं से मुलाक़ात भी की है, लेकिन फिर भी प्रदर्शन लगातार जारी है। एचआरडी मंत्री को रास्ता देने के लिए पुलिस ने वामपंथी छात्र नेता साकेत मेनन से छात्रों को समझाने की अपील की लेकिन उन्होंने साफ़ इनकार कर दिया। छात्रों ने केंद्रीय मंत्री निशंक से भी मुलाक़ात की।
Ministry of HRD: Union Human Resource Development (HRD) Minister Ramesh Pokhriyal ‘Nishank’ earlier today met the students of Jawaharlal Nehru University (JNU) and assured them that a solution to their issues will be found soon. https://t.co/Smuhr7hfvx
— ANI (@ANI) November 11, 2019
केंद्रीय मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक को बाहर निकलने के लिए काफ़ी मशक्कत करनी पड़ी। छात्रों ने इस दौरान बैरिकेड्स तोड़ डाले और पुलिस पर हमला कर दिया। कॉन्वोकेशन सेरेमनी के दौरान भी छात्रों का इस तरह से नारेबाजी और प्रदर्शन करना सोशल मीडिया पर लोगों की आलोचना का विषय बना। पुलिस ने अभी तक छात्रों के साथ कोई सख्ती नहीं बरती है। प्रदर्शनकारी छात्राओं को रोकने के लिए महिला पुलिस बल की तैनाती की गई है।