Sunday, September 8, 2024
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JNU में स्थापित होगा ‘सेंटर फॉर हिन्दू स्टडीज’, जैन और बौद्ध धर्म के अध्ययन के लिए भी होंगे सेंटर: नई शिक्षा नीति में भारतीय ज्ञान पद्धति पर जोर

इस समिति को दायित्व दिया गया था कि वो 'राष्ट्रीय शिक्षा नीति, 2020' और भारतीय ज्ञान पद्धति को विश्वविद्यालय में लागू कराने के तरीके तलाशे।

जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) ने हिन्दू, बौद्ध और जैन धर्म के अध्ययन के लिए सेंटर स्थापित करने की घोषणा की है। ‘सेंटर फॉर हिन्दू स्टडीज’, ‘सेंटर फॉर जैन स्टडीज’ और ‘सेंटर फॉर बुद्धिस्ट स्टडीज’ की स्थापना के संबंध में यूनिवर्सिटी ने अधिसूचना जारी की है। 29 मई, 2024 को ही एग्जीक्यूटिव काउंसिल की बैठक में इस पर मुहर लगा दी गई थी। ‘स्कूल ऑफ संस्कृत एन्ड इंडिक स्टडीज’ के तहत इन सेंटरों की स्थापना का निर्णय लिया गया है।

दरअसल, JNU ने एक समिति का गठन किया था, जिसे इस पर काम करने के लिए कहा गया था। इस समिति को दायित्व दिया गया था कि वो ‘राष्ट्रीय शिक्षा नीति, 2020’ और भारतीय ज्ञान पद्धति को विश्वविद्यालय में लागू कराने के तरीके तलाशे। अब शुक्रवार (12 जुलाई, 2024) को ये अधिसूचना जारी कर दी गई है। 3 दिन पहले ही ये फैसला ले लिया गया था। ये वही JNU है जहाँ कभी वामपंथी छात्रों ने देश विरोधी नारेबाजी की थी, फरवरी 2016 की ये घटना मीडिया में सुर्खियाँ बनी थीं।

इससे पहले दिल्ली विश्वविद्यालय (DU) भी ‘सेंटर फॉर हिन्दू स्टडीज’ की स्थापना कर चुका है। इसके तहत मास्टर्स डिग्री का कोर्स उपलब्ध कराया गया और जल्द ही स्नातक डिग्री लाने की भी योजना है। DU में पहले से ही बौद्ध धर्म के अध्ययन को लेकर केंद्र है, वहीं इसे अब ‘सेंटर फॉर एडवांस्ड स्टडीज इन बुद्धिज़्म’ की स्थापने के लिए केंद्र सरकार से 35 करोड़ रुपए का फंड भी प्राप्त हुआ है। भारतीय धर्म, पंथों, इतिहास एवं संस्कृति के अध्ययन को युवाओं के बीच लोकप्रिय बनाने ये कदम उठाया जा रहा है।

हाल ही में JNU के छात्र संगठन ने बताया है कि यहाँ ‘वॉटर कलेक्शन सेंटर्स’ की भी स्थापना की जा सकती है। इसके अलावा चेक डैम्स की भी स्थापना की जाएगी। कैम्पस में पानी की कमी को लेकर छात्रों की लंबे समय से शिकायत रही है। दिव्यांग छात्रों के लिए उपलब्ध सुविधाओं और समस्याओं को लेकर एक ऑडिट भी किया जाएगा। एक संविदा पर बहाल कर्मचारी की आत्महत्या के बाद कर्मचारियों की सुरक्षा के संबंध में भी कदम उठाए जा सकते हैं। कुलपति शांतिश्री D पंडित से मिल कर छात्रों ने कई समस्याओं को रखा है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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