राजस्थान के करौली के बाद प्रदेश सीएम अशोक गहलोत के गृह जिले जोधपुर से दो पक्षों के बीच हिंसक झड़प की खबर सामने आई हैं। घटना जालौरी गेट की है जहाँ पूरे जोधपुर की सबसे बड़ी मस्जिद है। जानकारी के मुताबिक वहाँ देर रात कुछ मुस्लिम युवक चौराहे पर अपना झंडा लगा रहे थे जब दूसरे पक्ष की ओर से विरोध किया गया तो मारपीट शुरू हो गई, पथराव होने लगे।
बाद में पुलिस ने मौके पर पहुँच स्थिति संभाली और लाठीचार्ज करके दोनों पक्ष के लोगों को खदेड़ा। हालातों के मद्देनजर इलाके से इंटरनेट सेवा को बंद किया गया है और करीब 10 थानों की पुलिस समेत आरएसी जवान वहाँ तैनात हैं। घटना में 1 दर्जन से अधिक लोग घायल बताए जा रहे हैं। हिंसक माहौल के बाद मुफ्ती आजम शेर मोहम्मद ने अपील की कि मुसलमान अपने घरों की नजदीक वाली मस्जिद में ही नमाज अदा करें।
बता दें कि राजस्थान के जोधपुर की इस हिंसा पर हमने पुलिस से संपर्क करने का प्रयास किया लेकिन उनसे बात नहीं हो सकी। मीडिया में इस हिंसा को लेकर रिपोर्ट किया जा रहा है कि देर रात चौराहे पर लगाए जा रहे झंडे, बैनर और लाउडस्पीकर पर सारा विवाद हुआ था। दूसरे पक्ष के विरोध करने पर पत्थरबाजी की गई। जबकि जोधपुर वेस्ट की भाजपा मेयर कुछ और कह रही हैं।
जोधपुर मेयर का आरोप
ऑपइंडिया ने इस संबंध में जोधपुर पश्चिम की मेयर वनीता सेठ से भी संपर्क किया। उन्होंने बताया, “जालौरी गेट पर 11:30-12:00 बजे के करीब मुसलमान ईद के हिसाब से अपने झंडे लगा रहे थे। इससे पहले परशुराम जयंती थी वहाँ उसके झंडे लगे हुए थे। पुलिस ने आकर कहा कि आज उनका त्योहार है, तो कुछ पत्रकारों ने और वहाँ के लोगों ने खुद से उन (भगवा) झंडों को हटा दिया। सिर्फ एक झंडा रहने दिया गया जो कि स्वतंत्रता सेनानी बिस्सा जी के ऊपर था। रात को मुसलमान लड़के आए तो उन्होंने बिस्सा जी की मूर्ति के ऊपर टेप चिपका दी और अपना इस्लामी झंडा लगाने लगे तब वहाँ दूसरे पक्ष ने मना किया कि बाकी जो करना है करो, लेकिन ये सब क्या कर रहे हो। इस पर उन लोगों ने पाकिस्तान के और अल्लाह-हू-अकबर नारे लगाए और सवाल पूछने पर पत्थरबाजी होने लगी। दूसरे पक्ष के लोग भी जुटे लेकिन तभी मुस्लिम बस्ती से 200-300 लोग आ गए। पुलिस ने उन्हें हटाने की बजाय लाठी चार्ज किया जिसमें कई लोग घायल हुए। इसके बाद बैरिकेडिंग की गई।” मेयर का आरोप है कि उनके ऊपर भी लाठी चलाई गई। जब उन्होंने इस बाबत सवाल पूछे तो कहा गया कि उन्हें जयपुर से ऑर्डर हैं। दूसरी ओर एसीपी ने भी उन्हें उलटा जवाब दिया कि वो यहीं नौकरी करेंगी कोई उनका कुछ नहीं बिगाड़ सकता। मेयर के अनुसार अभी तक इस संबंध में शिकायत नहीं दी गई है क्योंकि दोनों समुदायों के त्योहार हैं।