हिंदू कार्यकर्ता काजल सिंघला उर्फ काजल हिंदुस्तानी की गिरफ्तारी की माँग को लेकर मुस्लिम नेताओं के एक समूह ने 31 मार्च 2023 को ऊना पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराने के लिए संपर्क किया था। मुस्लिम नेताओं ने आरोप लगाया था कि रामनवमी की शोभायात्रा के बाद आयोजित की एक सभा में काजल द्वारा दिया गया भाषण भड़काऊ और मुस्लिम विरोधी था। इसके बाद 2 अप्रैल 2023 को काजल हिंदुस्तानी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई और 9 अप्रैल 2023 को गिरफ्तार कर लिया गया।
उधर मुस्लिम नेता पुलिस से संपर्क कर रहे थे और इधर 31 मार्च को ही एक मुस्लिम भीड़ सड़कों पर उतरकर काजल पर ईशनिंदा का आरोप लगा रही थी और उनका सिर काटने की माँग करते हुए ‘सर तन से जुदा’ के नारे लगा रही थी। काजल के भाषण को लेकर गुजरात के ऊना में हिंसा भी हुई। 1 अप्रैल 2023 को ऊना पुलिस ने मुस्लिम भीड़ के 250 से अधिक लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की। इनमें से करीब 80 की पहचान कर उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया है।
ऑपइंडिया को मिली एफआईआर की कॉपी में कहा गया है कि रामनवमी पर काजल हिंदुस्तानी के भाषण के बाद मुस्लिम भीड़ ने ऊना में हिंसा भड़काई थी। एफआईआर में कहा गया है, “काजल हिंदुस्तानी के भाषण की प्रतिक्रिया के रूप में जानबूझकर साजिश रची गई और लगभग 200 नामजद और गुमनाम लोगों की एक भीड़ इकट्ठा हो गई। भीड़ बैट, लोहे की पाइप, तलवार और लोहे के अन्य तेज वस्तुओं से लैस थी।”
FIR में आगे कहा गया है, “लोग अचानक उत्तेजित हो गए और पत्थर और सोडा की खाली बोतलों सहित उनके हाथों में जो भी चीजें थीं, उसे फेंकना शुरू कर दिया। इससे आसपास के लोगों को चोट लगी और संपत्तियों को नुकसान पहुँचा। चूँकि यह गिर सोमनाथ के अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट द्वारा घोषित हथियार विरोधी कानून का उल्लंघन था, इसलिए इस संबंध में मामला दर्ज किया गया था।”
ऊना में हिंसा को लेकर मुस्लिम भीड़ के खिलाफ FIR
दर्ज प्राथमिकी के अनुसार, ऊना पुलिस स्टेशन के SI आरआर गलचर ने कहा कि 1 अप्रैल 2023 को मुस्लिम भीड़ द्वारा नारे लगाने के बाद कानून और व्यवस्था बनाए रखने के लिए विभिन्न पुलिसकर्मी ड्यूटी पर थे। शाम करीब 7:30 बजे प्रवीनाबेन ने पुलिस को सूचना दी कि ऊना के कुंभारवाड़ा इलाके में भीड़ जमा हो गई है और एक-दूसरे पर पथराव कर रही है।
पुलिस जब मौके पर पहुँची तो 200 से ज्यादा लोग वहाँ जमा हो चुके थे और उनके हाथों में सोडा की बोतलें और पत्थर थे। पुलिस अधिकारी ने बताया कि पुलिस के अधिकारी हिंसक के पास गए और हाथ के इशारों में उनसे कहा कि वे पत्थर और सोडा की बोतलें न फेंकें। हालाँकि, पुलिस की चेतावनी के बावजूद मुस्लिम भीड़ ऐसा करती रही।
प्राथमिकी में आगे कहा गया है कि वहाँ की स्थिति को देखते हुए और अधिक पुलिस बल को बुलाया गया और पुलिस कार्रवाई के बाद आखिरकार भीड़ तितर-बितर हो गई। पथराव में शामिल लोगों में से कई लोगों को पुलिसकर्मियों ने उनके चेहरे से पहचान लिया। इसके बाद उनके खिलाफ नामजद मकदमे दर्ज हुए। जिन लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया जा चुका है, उनके नाम निम्नलिखित हैं:
- यासीनभाई अब्दुल्ला सुमरा
- हसमामिया हैदरजी सिराजी
- फारूक अजीजभाई मेमन
- रफीकबापू बशीरबापू सैयद
- मुस्ताकभाई अहमदभाई सैयद
- महमदजुनैद महमदशफी सैयद
- इस्माईलशा बापूशा फकीर
- मोहसिन हाजीभाई मुल्ला
- रजाक हयातखान पठान
- लियाकतहुसैन दिलावरहुसैन कादरी
- दानिश सलीमभाई सुमरा
- हसामभाई जमालभाई कुरैशी
- सलीम अब्दुल्ला सुमरा
- साबिर हाजीभाई मुंशी
- इरफान अब्दुल हकीम अंसारी
- उस्मान अब्दुल्ला शेख सुमरा
- महमद अनीस कादरी
- साहिल यासीनभाई सुमरा
- निजाम यासीन सुमरा
- महमदसफी सैय्यद महमद सैय्यद
- सिराज महमद इकबाल फैजलाली सैय्यद
- रफीकभाई सैयदमहम्मद सैय्यद
- महमदहनिफ सैय्यदमहम्मद सैय्यद
- हमद अवेश महमदहनिफ सैय्यद
- हनीफभाई इस्माइल शेख
- मजगुल साबिर अलीभाई बादशाह
- महमूदशाह गुलजारशाह फकीर
- जफर शाह हुसैन शाह फकीर
- अब्दुल सत्तार बादामियां सिराजी
- साबिर अहमद जफई अरब
- याकूब इस्माइल शेख
- मकसूद इस्माइल शेख
- गरीबशाह गुलजारशाह शाहमदार
- गुलजार शाह आरिफ शाह फकीर
- इम्तियाज हनीफ अब्दुल शेख
- भीखू अहमद कुरैशी
- जफाई अरबाज अलीभाई अरब
- अल्लारखा करीमभाई शेख
- मोहसिन करीमभाई शेख
- इस्माइल बावनभाई मालेक
- आसिफभाई अब्दुलभाई बेलिम
- मोहम्मद इरफान इकबाल भाई मेमन
- महमदसबीर गुलामहैदर कादरी
- वसीम दिलावर छोरा
- सिराजभाई मजीदभाई मोदन
- इकबाल मुरादभाई बलूच
- समीर इकबालभाई बलोच
- अबूबकर अबुतालेब मुंडन
- इम्तियाज तैयब शाहमदार
- सरवर अब्बास कुरैशी
- बसीर सिदीभाई सुमरा
- यासीन बापू परबवाड़ा
- इस्माइल उर्फ जंबो फरीदभाई
- मोइन घांची
- शब्बीर भूरो
- इमरान भूरो
- फरीद कुरैशी
- सलीम केजीएन
- आरिफ भूरो
- रईस सुमरा
- साहिल जाविदखान
- सकलैन सत्तारभाई
- सद्दाम मुल्ला मुंशी
- कोनेनबापू रजाकभाई
- सलीम फकीर
- कयूम खान
- नाजिम मेमन
- सकलैन घांची
- रईस खान
- जोंटी खटरावालो
- इस्माइल कुरैशी
- अनीस सिकंदर झाखराव
- साहिल कादरी
- मारुक कुरैशी
- फिरोज मूसा भिस्ती
- फरीद भूरो
ये सभी ऊना के रहने वाले हैं और इनके द्वारा पत्थर, सोडा की बोतलें आदि फेंके गए थे। यहाँ तक कि इनके पास लोहे की छड़ें, तलवारें और अन्य हथियार भी थे। इसके कारण वहाँ मौजूद कई लोगों को चोटें आई थीं। हिंसा के कारण वाहनों और घरों को नुकसान पहुँचा था।
ये हिंसा काजल हिंदुस्तानी के भाषण के बाद हुई थी। भाषण के जवाब में पूर्व नियोजित साजिश के तहत करीब 200 नामजद और अनाम लोगों की भीड़ जमा हो गई थी। भीड़ में शामिल लोगों के खिलाफ IPC की धारा 323, 337, 427, 143, 147, 148, 149, 120 (बी) के साथ-साथ जीपी एक्ट की धारा 135 के तहत शिकायत दर्ज की गई है।