Tuesday, November 5, 2024
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कमलेश के साथ UP अध्यक्ष को भी मारने का था प्लान, अशफ़ाक़ ने दिया था राम मंदिर के लिए भीड़ का लालच

हत्यारे पैसे का लालच देकर कमलेश तिवारी को रुपए पहुँचाने के बहाने मारना चाहते थे। लेकिन, जब उसने देखा कि तिवारी और उनके साथी रुपए के लालच में नहीं आ रहे हैं, तब मिठाई देने के बहाने मारने की योजना बनाई गई।

जैसा कि हमने पहले भी आपको बताया था, कमलेश तिवारी हत्याकांड में आरोपित अशफ़ाक़ ने रोहित सोलंकी के नाम से फेसबुक आईडी बना कर धोखाधड़ी की थी। उसने रोहित सोलंकी के नाम से कमलेश तिवारी से जान-पहचान बढ़ाई और फिर उन्हें विश्वास में लिया। उसने ‘हिन्दू समाज पार्टी’ के नाम से फेसबुक आईडी बना कर उससे 4000 लोगों को भी जोड़ा। वह हिंदूवादी लोगों को अपने साथ जोड़ता गया और सोशल मीडिया पर ‘जय श्री राम’ के नारे भी लगाता था। ‘हिन्दू समाज पार्टी’ के गुजरात प्रकोष्ठ के अध्यक्ष जैमिन बापू ने एटीएस के समक्ष ये खुलासे किए हैं। अशफ़ाक़ अभी मोईनुद्दीन के साथ फरार है और एसटीएफ लगातार उसका पीछा कर रही है।

अशफ़ाक़ और उसके साथी सिर्फ़ ‘हिन्दू समाज पार्टी’ के संस्थापक कमलेश तिवारी ही नहीं बल्कि संगठन के उत्तर प्रदेश प्रकोष्ठ के अध्यक्ष गौरव गोस्वामी को भी मारने की योजना बना रहे थे। सूरत से लखनऊ जाते समय उन्होंने गोस्वामी को कॉल कर के दफ्तर आने की काफ़ी जिद की थी लेकिन उन्होंने मना कर दिया। गौरव गोस्वामी ने काम ज्यादा होने के कारण इनकार कर दिया था, जिससे उनकी जान बच गई। ख़ुद गोस्वामी ने भी इस बात की पुष्टि की है। उधर जैमिन बापू की पत्नी चाँदनी ने भी बताया है कि अशफ़ाक़ ने लखनऊ जाते समय फोन कर के बताया था कि वो कमलेश तिवारी से मिलने जा रहा है।

अशफ़ाक़ ने जैमिन बापू को बताया था कि वह 20 अक्टूबर को प्रस्तावित अधिवेशन में शामिल होने के बाद ही वहाँ से लौटेगा। अशफ़ाक़ हिन्दू समाज पार्टी के पदाधिकारियों को विश्वास में लेने के लिए कई तरह की बातें किया करता था। वह राम मंदिर निर्माण के लिए भारी भीड़ जुटाने की बात करता था। कमलेश तिवारी अशफ़ाक़ (नकली रोहित सोलंकी) की बातों से इतने प्रभावित थे कि उन्होंने उसे संगठन के सूरत आईटी सेल से जोड़ दिया था।

उधर अशफ़ाक़ द्वारा की गई धोखाधड़ी की बात सामने आते ही असली रोहित सोलंकी सामने आए, जो वारछा के रहने वाले हैं। उन्होंने थाने में शिकायत दर्ज कराते हुए उनकी आईडी का ग़लत इस्तेमाल किए जाने और धोखाधड़ी का मामला दर्ज कराया। रोहित सोलंकी को काफ़ी बाद में पता चला कि उनका मार्केटिंग मैनेजर (एमआर) अशफ़ाक़ ही कमलेश तिवारी का हत्यारा है और उसने उन्हीं की आईडी का इस्तेमाल कर के यह सब किया है। उसने न सिर्फ़ उनके नाम से नकली फेसबुक अकाउंट बनाया बल्कि फ़र्ज़ी आधार कार्ड भी बना लिया था। रोहित की शिकायत के बाद पुलिस इस सम्बन्ध में आगे की कार्रवाई कर रही है।

अशफ़ाक़ ने हिन्दू समाज पार्टी के पदाधिकारियों को रुपए का लालच भी दिया था। उसने कमलेश तिवारी और जैमिन बापू को 50 हज़ार रुपए पार्टी फंड में देने का लालच दिया था। आईटी सेल का लेटर मिलने पर उसने जैमिन बापू को 2 हज़ार रुपए पार्टी फंड में दिए थे लेकिन उन्होंने 50 हज़ार रुपए लेने से इनकार कर दिया था। इससे इस आशंका को बल मिलता है कि हत्यारे रुपए का लालच देकर कमलेश तिवारी को रुपए पहुँचाने के बहाने मारना चाहते थे। लेकिन, जब उसने देखा कि तिवारी और उनके साथी रुपए के लालच में नहीं आ रहे हैं, तब मिठाई देने के बहाने मारने की योजना बनाई गई।

अगर ताज़ा अपडेट्स की बात करें तो कमलेश तिवारी के हत्यारों की लोकेशन बरेली, लखीमपुर, पीलीभीत और फिर शाहजहाँपुर में मिली है। एसटीएफ लगातार उनका पीछा कर रही है। उन्होंने बरेली में एक इनोवा गाड़ी इस्तेमाल की और एक वकील से आत्मसमर्पण को लेकर बात की। उधर नागपुर से भी असीम अली नामक एक व्यक्ति को गिरफ़्तार किया गया है, जो नितिन गडकरी के ख़िलाफ़ लोकसभा चुनाव लड़ चुका है। बिजनौर के दो मौलानाओं से पूछताछ की गई है। पुलिस कई लाक़ों के मस्जिदों और मदरसों पर नज़र रख रही है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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