तबलीगी जमातियों पर टिप्पणी करने के कारण चर्चा में आईं कानपुर के गणेश शंकर विद्यार्थी मेडिकल कॉलेज की प्रिंसिपल प्रोफेसर आरती लालचंदानी का बुधवार देर रात तबादला कर दिया गया।
उनकी जगह डॉ.आरबी कमल को जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज का कार्यवाहक प्राचार्य बनाया गया। वहीं, प्रो. आरती को लखनऊ में महानिदेशक चिकित्सा शिक्षा, कार्यालय से सम्बद्ध किया गया। इससे पहले प्रो. आरती को झाँसी भेजे जाने की अटकलें लग रही थीं। लेकिन बुधवार को यह खबर आने के बाद इस चर्चा पर विराम लग गया।
जानकारी के अनुसार, बुधवार देर रात 1 बजे के बाद प्रोफ़ेसर आरती को चिकित्सा शिक्षा महानिदेशक लखनऊ से सम्बद्ध में तबादले का आदेश जारी हुआ। इसके बाद आदेश को लागू कराने के लिए देर रात जिला प्रशासन और पुलिस अधिकारी मेडिकल कॉलेज पहुँचे।
वहाँ, जिलाधिकारी डॉ. ब्रह्मदेव राम तिवारी ने एसीएम जयेंद्र और सीओ स्वरूप नगर को भेजकर चार्ज हैंड ओवर करवाया। गुरुवार सुबह 4 बजे तक लखनऊ में कार्यभार ग्रहण करने की प्रक्रिया चली।
गौरतलब है कि कुछ दिन पहले सोशल मीडिया पर प्रोफेसर आरती की एक वीडियो वायरल हुई थी। इस वीडियो में वह तबलीगी जमात के लोगों की हरकतों से नाराज होकर उनपर अपनी राय रखती दिखीं थी।
उनके बयान का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद मेडिकल कॉलेज से लेकर पूरे प्रशासन में हड़कंप मच गया था और इस दौरान उनपर कार्रवाई की माँग भी उठने लगी थी। इस बीच कुछ मुस्लिम संगठनों ने उनके ख़िलाफ़ मोर्चा भी खोला था।
एक तरफ अधिवक्ता नासिर खान द्वारा डीआईजी को पत्र लिख प्राचार्य के खिलाफ अभियोग पंजीकृत करने अनुरोध किया था। वहीं दूसरी और पूर्व सांसद व सीपीआईएम की नेता सुभाषिनी अली ने भी आरती लालचंदानी को नौकरी से निकालने और उनके विरुद्ध मुकदमा दर्ज करने की माँग की थी।
मामला आगे बढ़ने के बाद आरती लालचंदानी को जान से मरने की धमकी भी दी जाने लगी थी। इसकी वजह से उन्होंने डीआईजी अनंत देव तिवारी को प्रार्थना पत्र लिखा था। इस पत्र में उन्होंने ब्लैकमेल और जान से मारने की धमकी की शिकायत और अपनी सुरक्षा को मद्देनजर रखते हुए उनसे एक गनर की माँग भी की थी।