Friday, November 8, 2024
Homeदेश-समाजपाकिस्तानी वीडियो दिखा प्रयागराज में करवाया बवाल: इमरान अंसारी ने खोले कई राज, कानपुर...

पाकिस्तानी वीडियो दिखा प्रयागराज में करवाया बवाल: इमरान अंसारी ने खोले कई राज, कानपुर हिंसा में बिल्डर हाजी वसी भी गिरफ्तार

इमरान अंसारी ने पुलिस को पूछताछ में बताया कि मदरसे का एक पूर्व छात्र अम्मार है, उसने वॉट्सऐप पर आला-हजरत नाम से एक वॉट्सऐप ग्रुप बनाकर लड़कों को जोड़ा था। उस ग्रुप में पाकिस्तान में बने वीडियो को शेयर किया जा रहा था।

कानपुर में नई सड़क पर हुए हिंसा के एक महीने बाद पुलिस ने आखिरकार आज मंगलवार (5 जुलाई, 2022) को हिंसा के आरोपित बिल्डर हाजी वसी को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस का कहना है कि हाजी वसी हिंसा के मास्टरमाइंड हयात जफर हाशमी को फंडिंग करता था। वहीं प्रयागराज में 10 जून को हुए उपद्रव का आरोपित इमरान अंसारी को गिरफ्तार कर सोमवार (4 जुलाई, 2022) को ही जेल भेज दिया गया है। जेल जाने से पहले अंसारी ने कई खुलासे किए हैं।

वहीं प्रयागराज में 10 जून, 2022 को जुमे की नमाज के बाद अटाला इलाके में हुई हिंसा और बवाल के मामले में करेली थाना पुलिस ने इमरान अंसारी को गिरफ्तार कर सोमवार को जेल भेज दिया है। इस मामले में हुई पूछताछ में इमरान अंसारी ने खुलासा हुआ है कि पाकिस्तानी वीडियो देखकर अटाला में हिंसा, तोड़फोड़, आगजनी और बवाल किया गया था।

इमरान अंसारी ने पुलिस को पूछताछ में बताया कि मदरसे का एक पूर्व छात्र अम्मार जो वर्तमान में पश्चिम बंगाल में है, उसने वॉट्सऐप पर आला-हजरत नाम से एक वॉट्सऐप ग्रुप बनाकर लड़कों को जोड़ा था। उस ग्रुप में पाकिस्तान में बने वीडियो को शेयर किया जा रहा था। इसी वीडियो की मदद से अपील की गई थी कि 10 जून को जुमे की नमाज के बाद विरोध करना है और दमखम दिखाना है। जिसके बाद अटाला क्षेत्र में बवाल हुआ है। कहा जा रहा है कि अब पुलिस अम्मार की तलाश में जुट गई है। बता दें कि इससे पूर्व भी इस मदरसे के नाबालिग छात्र पकड़े जा चुके हैं।

मीडिया रिपोर्ट में यह भी दावा किया जा रहा है कि वह 10 जून को व्हाट्सएप पर मैसेज पढ़कर बवाल में शामिल होने पहुँचा था। प्रयागराज पुलिस ने अंसारी का मोबाइल जब्त कर लिया। जिसे फोरेंसिक लैब भेजकर उसके मोबाइल से डेटा रिकवर कराया जाएगा। कहा जा रहा है कि उसने हिंसा में शामिल अपने अन्य साथियों के नाम और पते बताए हैं, जिसकी मदद से पुलिस उनकी तलाश में जुट गई है

वहीं मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, 3 जून, 2022 को कानपुर में हुई हिंसा के मामले में तीन एफआईआर दर्ज की गई थी। इन तीनों में हाजी वासी की पुलिस को तलाश थी। जो 1 महीने से फरार चल रहा था। पुलिस ने दो दिन पहले हाजी वसी के बेटे अब्दुल रहमान को गिरफ्तार किया था। अब्दुल रहमान ने पूछताछ में कई अहम राज खोले थे। उसकी निशानदेही पर गिरफ्तारियों का सिलसिला जारी है। कानपुर पुलिस ने हाजी वासी की तलाश में दिल्ली और कई अन्य स्थानों में अपनी टीम में लगा रखी थी। वहीं कल कानपुर पुलिस को जैसे ही हाजी वासी की लोकेशन लखनऊ के अमौसी एयरपोर्ट के आसपास मिली वैसे ही त्वरित कार्रवाई करते हुए पुलिस ने उसे धर दबोचा गया।

बता दें कि नई सड़क पर 3 जून को जुमे की नमाज के बाद भारी बवाल हुआ था। वहीं इस हिंसा की जाँच कर रही टीम ने 40 लोगों को चिह्नित कर उनके पोस्टर उनके चौराहों पर चस्पा कराए थे। पुलिस ने इस मामले में 55 लोगों को नामजद और एक हजार अज्ञात लोगों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की थी। जिसमें अब तक 60 दंगाई जेल भेजे जा चुके हैं। इस हिंसा में मुख्य रूप से हयात जफर हाशमी, बाबा बिरयानी का मालिक मुख्तार बाबा आदि 8 बड़े नाम शामिल हैं। जिन्हे पिछले महीने ही आलग-अलग जेलों में शिफ्ट कर दिया गया था।

गौरतलब है कि प्रयागराज में अटाला मस्जिद इलाके में हिंसा के बाद करेली पुलिस और खुल्दाबाद पुलिस ने तीन मुकदमा दर्ज किया था। वहीं दोनों थानों की पुलिस अब तक 105 आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया है।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

‘मैं हिंदू हूँ इसलिए प्रोफेसर एहतेशाम 3 साल से जान-बूझकर कर रहे हैं फेल’: छात्रा के आरोप पर AMU का दावा- नकल करते पकड़ी...

अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (AMU) की एक हिन्दू छात्रा ने आरोप लगाया है कि मुस्लिम ना होने के कारण उसे लगातार फेल किया जा रहा है।

लोकसभा की तरह महाराष्ट्र चुनाव में भी ‘वोट जिहाद’ की तैयारी, मुस्लिमों को साधने में जुटे 180 NGO: रोहिंग्या-बांग्लादेशियों के बढ़ते दखल पर TISS...

महाराष्ट्र में बढ़ती मुस्लिमों की आबादी का परिणाम क्या होता है ये मई-जून में हुए लोकसभा चुनावों में हमने देखा था। तब भी मुस्लिमों को इसी तरह एकजुट करके वोट कराया गया था।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -