पंजाब के कपूरथला के सुभानपुर स्थित गुरुद्वारे में बेदअबी का झूठा आरोप लगाकर हत्या के लिए उकसाने वाले ग्रंथी अमरजीत सिंह को लेकर चौंकाने वाले तथ्य सामने आएँ। ग्रंथी अमरजीत सिंह ने युवक पर बेअदबी का आरोप लगाते हुए लाइव वीडियो बनाकर वायरल किया और लोगों को जुटाया था। इतना ही नहीं, माहौल को बिगाड़ने की कोशिश करने वाला अमरजीत के तार सीमा पार से भी जुड़ रहे हैं। वह कई बार पाकिस्तान की यात्रा कर चुका है।
बताया जा रहा है कि ग्रंथी अमरजीत सिंह के लाइव आकर बेअदबी का झूठ फैलाने के बाद सैकड़ों लोग गुरुद्वारे पहुँच गए। इसके बाद भीड़ ने निर्दोष युवक की बेरहमी से हत्या कर दी। इकट्ठा हुई भीड़ में 25-30 लोग ऐसे थे, जिनके पास तेजधार वाले और नुकीले हथियार थे। जालंधर रेंज के आईजी गुरदिंरजीत सिंह ढिल्लों ने बताया कि इस घटना को लेकर 100 से अधिक लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है।
बकौल आईजी ढिल्लों, जिस जगह पर घटना को अंजाम दिया गया, वहाँ से पुलिस ने एक पिस्टल और दो खोखे बरामद किए हैं। उन्होंने बताया कि सुभानपुर रोड पर स्थित गुरुद्वारा ग्रंथी का अपना है। माल विभाग के रिकॉर्ड में गुरुद्वारा के मालिक का नाम लोह लंगर का नाम है और काश्तकार में अमरजीत सिंह, पुत्र भजन सिंह नाम लिखा है।
आईजी ढिल्लो ने बताया कि ग्रंथी के खिलाफ 2016 में नवांशहर थाने में चोरी की गाड़ी रखने और उसका नंबर प्लेट बदलकर इस्तेमाल के लिए केस दर्ज किया गया था। इस मामले में धारा आईपीसी की धारा 411 और 483 के तहत मामला दर्ज किया गया था। यह इनोवा कार से संबंधित था, जो 2014 में बठिंडा से चोरी हुई थी।
आईजी ढिल्लों ने बताया कि बेअदबी के झूठ को फैलाया गया था और इस तरह की कोई घटना गुरुद्वारे में नहीं हुई थी। जिस युवक की बेरहमी से हत्या की गई है, वह युवक चोरी या भूख आदि की वजह से गुरुद्वारे में गया था। पता चलने पर वह एक बार बाहर भी भाग आया, लेकिन भीड़ ने उसे पकड़ लिया और उसकी हत्या कर दी।
इस मामले में पुलिस का कहना है कि अमरजीत सिंह के बारे में हर ऐंगल से जाँच की जाएगी। उसकी पाकिस्तान यात्रा के सभी संबंधित विवरण खंगाले जाएँगे। साथ ही उसकी क्रिया-कलापों की भी गहराई से जाँच की जाएगी। इस तरह झूठे आरोप लगाकर माहौल तो खराब करने के पीछे उसकी असली मंशा क्या थी, इसकी भी पुलिस जाँच करेगी।
गौरतलब है कि लिंचिंग मामले में गुरुद्वारा निजामपुर मोड़ के केयरटेकर और ग्रंथी अमरजीत सिंह को गिरफ्तार कर लिया गया है। इसी शख्स ने पीड़ित युवक के ऊपर बेअदबी करने के आरोप मढ़े थे। पुलिस ने बताया कि इस मामले में भीड़ में शामिल 100 अनजान लोगों के विरुद्ध भी हत्या का मामला दर्ज किया गया है। केस में किसी तरह की बेअदबी के प्रमाण नहीं मिले हैं। पीड़ित की पहचान भी अब तक नहीं हो सकी है।
प्रदेश मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने भी आज स्वीकार किया है कि कपूरथला में हुई हत्या मामले में मृतक द्वारा कोई बेअदबी नहीं की गई थी। अब इस मामले की जाँच हो रही है। ताजा पड़ताल के बाद एफआईआर में संशोधन किया जाएगा।
बता दें कि प्राथमिकी में संशोधन की जरूरत पंजाब पुलिस को इसलिए पड़ रही है क्योंकि उन्होंने हत्या का मामला सामने आने के बाद पीड़ित के ऊपर ही बेअदबी का केस दायर कर लिया था। हालाँकि अब उन्हें इस केस में हत्या की धाराएँ जोड़नी होंगी।